< ज़बूर 70 >
1 ऐ ख़ुदा! मुझे छुड़ाने के लिए, ऐ ख़ुदावन्द, मेरी मदद के लिए कर जल्दी कर!
Oh ʼElohim, apresúrate a librarme. Apresúrate, oh Yavé, a socorrerme.
2 जो मेरी जान को हलाक करने के दर पै हैं, वह सब शर्मिन्दा और रुस्वा हों। जो मेरे नुक़्सान से ख़ुश हैं, वह पस्पा और रुस्वा हों।
Sean avergonzados y humillados Los que buscan mi vida, Sean vueltos atrás y confundidos Los que desean mi mal.
3 अहा! हा! हा! करने वाले अपनी रुस्वाई के वजह से पस्पा हों।
Sean vueltos atrás a causa de su vergüenza Los que dicen: ¡Ea, ea!
4 तेरे सब तालिब तुझ में ख़ुश — ओ — ख़ुर्रम हों; तेरी नजात के 'आशिक़ हमेशा कहा करें, “ख़ुदा की तम्जीद हो!”
Regocíjense y alégrense en Ti todos los que te buscan. Y aquellos que aman tu salvación digan siempre: ¡Engrandecido sea ʼElohim!
5 लेकिन मैं ग़रीब और मोहताज हूँ; ऐ ख़ुदा, मेरे पास जल्द आ! मेरा मददगार और छुड़ाने वाला तू ही है; ऐ ख़ुदावन्द, देर न कर!
Pero yo estoy afligido y menesteroso. Oh ʼElohim, apresúrate a mí. Tú eres mi Ayudador y mi Libertador. Oh Yavé, no demores.