< ज़बूर 7 >
1 ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, मेरा भरोसा तुझ पर है; सब पीछा करने वालों से मुझे बचा और छुड़ा,
Senhor, meu Deus, em ti confio: salva-me de todos os que me perseguem, e livra-me;
2 ऐसा न हो कि वह शेर — ए — बबर की तरह मेरी जान को फाड़े; वह उसे टुकड़े टुकड़े कर दे और कोई छुड़ाने वाला न हो।
Para que ele não arrebate a minha alma, como leão, despedaçando-a, sem que haja quem a livre;
3 ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, अगर मैंने यह किया हो, अगर मेरे हाथों से बुराई हुई हो;
Senhor, meu Deus, se eu fiz isto, se há perversidade nas minhas mãos,
4 अगर मैंने अपने मेल रखने वाले से भलाई के बदले बुराई की हो, बल्कि मैंने तो उसे जो नाहक़ मेरा मुखालिफ़ था, बचाया है;
Se paguei com o mal àquele que tinha paz comigo (antes livrei ao que me oprimia sem causa):
5 तो दुश्मन मेरी जान का पीछा करके उसे आ पकड़े, बल्कि वह मेरी ज़िन्दगी को बर्बाद करके मिट्टी में, और मेरी 'इज़्ज़त को ख़ाक में मिला दे। (सिलाह)
Persiga o inimigo a minha alma e alcance-a, calque aos pés a minha vida sobre a terra, e reduza a pó a minha glória. (Selah)
6 ऐ ख़ुदावन्द, अपने क़हर में उठ; मेरे मुख़ालिफ़ों के ग़ज़ब के मुक़ाबिले में तू खड़ा हो जा; और मेरे लिए जाग! तूने इन्साफ़ का हुक्म तो दे दिया है।
Levanta-te Senhor, na tua ira; exalta-te por causa do furor dos meus opressores; e desperta por mim para o juízo que ordenaste.
7 तेरे चारों तरफ़ क़ौमों का इजितमा'अ हो; और तू उनके ऊपर 'आलम — ए — बाला को लौट जा
Assim te rodeará o ajuntamento de povos; por causa deles pois volta-te para as alturas.
8 ख़ुदावन्द, क़ौमों का इन्साफ़ करता है; ऐ ख़ुदावन्द, उस सदाक़त — ओ — रास्ती के मुताबिक़ जो मुझ में है मेरी'अदालत कर।
O Senhor julgará aos povos; julga-me, Senhor, conforme a minha justiça e conforme a integridade que há em mim.
9 काश कि शरीरों की बदी का ख़ात्मा हो जाए, लेकिन सादिक़ को तू क़याम बख़्श; क्यूँकि ख़ुदा — ए — सादिक़ दिलों और गुर्दों को जाँचता है।
Tenha já fim a malícia dos ímpios; mas estabeleça-se o justo; pois tu, ó justo Deus, provas os corações e os rins
10 मेरी ढाल ख़ुदा के हाथ में है, जो रास्त दिलों को बचाता है।
O meu escudo é de Deus, que salva os retos de coração.
11 ख़ुदा सादिक़ मुन्सिफ़ है, बल्कि ऐसा ख़ुदा जो हर रोज़ क़हर करता है।
Deus é um juiz justo, um Deus que se ira todos os dias.
12 अगर आदमी बाज़ न आए तो वहअपनी तलवार तेज़ करेगा; उसने अपनी कमान पर चिल्ला चढ़ाकर उसे तैयार कर लिया है।
Se ele se não converter, amolará a sua espada; já tem armado o seu arco, e está aparelhado.
13 उसने उसके लिए मौत के हथियार भी तैयार किए हैं; वह अपने तीरों को आतिशी बनाता है।
E já para ele preparou armas mortais; e porá em obra as suas setas inflamadas contra os perseguidores.
14 देखो, उसे बुराई की पैदाइश का दर्द लगा है! बल्कि वह शरारत से फलदार हुआ और उससे झूट पैदा हुआ।
Eis que ele está com dores de perversidade; concebeu trabalhos, e parirá mentiras,
15 उसने गढ़ा खोद कर उसे गहरा किया, और उस ख़न्दक में जो उसने बनाई थी ख़ुद गिरा।
Cavou um poço e o fez fundo, e caiu na cova que fez.
16 उसकी शरारत उल्टी उसी के सिर पर आएगी; उसका ज़ुल्म उसी की खोपड़ी पर नाज़िल होगा।
A sua obra cairá sobre a sua cabeça; e a sua violência descerá sobre a sua mioleira.
17 ख़ुदावन्द की सदाक़त के मुताबिक़ मैं उसका शुक्र करूँगा, और ख़ुदावन्द ताला के नाम की तारीफ़ गाऊँगा।
Eu louvarei ao Senhor segundo a sua justiça, e cantarei louvores ao nome do Senhor altíssimo.