< ज़बूर 7 >

1 ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, मेरा भरोसा तुझ पर है; सब पीछा करने वालों से मुझे बचा और छुड़ा,
Yahweh my God, I come to you to protect me. Rescue me, save me from all those who are pursuing me [in order to harm me].
2 ऐसा न हो कि वह शेर — ए — बबर की तरह मेरी जान को फाड़े; वह उसे टुकड़े टुकड़े कर दे और कोई छुड़ाने वाला न हो।
If you do not do that, they will tear me into pieces like a lion does [when it attacks the animals it wants to kill], and no one will save me [from them].
3 ऐ ख़ुदावन्द मेरे ख़ुदा, अगर मैंने यह किया हो, अगर मेरे हाथों से बुराई हुई हो;
Yahweh my God, if I have done anything that is wrong,
4 अगर मैंने अपने मेल रखने वाले से भलाई के बदले बुराई की हो, बल्कि मैंने तो उसे जो नाहक़ मेरा मुखालिफ़ था, बचाया है;
if I have done evil to some friend who did good things to me, or if, for no good reason, I have spared (OR, acted violently toward) those who were my enemies,
5 तो दुश्मन मेरी जान का पीछा करके उसे आ पकड़े, बल्कि वह मेरी ज़िन्दगी को बर्बाद करके मिट्टी में, और मेरी 'इज़्ज़त को ख़ाक में मिला दे। (सिलाह)
allow my enemies to pursue me and capture me. Allow them to trample me into the ground and leave me [SYN] [lying dead] in the dirt.
6 ऐ ख़ुदावन्द, अपने क़हर में उठ; मेरे मुख़ालिफ़ों के ग़ज़ब के मुक़ाबिले में तू खड़ा हो जा; और मेरे लिए जाग! तूने इन्साफ़ का हुक्म तो दे दिया है।
But Yahweh, because you are [very] angry [with those who pursue me], arise and attack/defeat my enemies who are furiously/angrily [attacking me] Do to them what is just!
7 तेरे चारों तरफ़ क़ौमों का इजितमा'अ हो; और तू उनके ऊपर 'आलम — ए — बाला को लौट जा
Gather around you the people of [all] nations, and rule them from where you are in heaven [MTY].
8 ख़ुदावन्द, क़ौमों का इन्साफ़ करता है; ऐ ख़ुदावन्द, उस सदाक़त — ओ — रास्ती के मुताबिक़ जो मुझ में है मेरी'अदालत कर।
Yahweh, judge the people of [all] nations! And, Yahweh, show that I have done nothing that is wrong.
9 काश कि शरीरों की बदी का ख़ात्मा हो जाए, लेकिन सादिक़ को तू क़याम बख़्श; क्यूँकि ख़ुदा — ए — सादिक़ दिलों और गुर्दों को जाँचता है।
God, you know what every person is thinking, and because you are righteous, you [always] do what is just/right. [So now] stop evil people from doing wicked [deeds], and defend [all of us who are] righteous!
10 मेरी ढाल ख़ुदा के हाथ में है, जो रास्त दिलों को बचाता है।
God, you protect me like a shield [protects soldiers] [MET]; you protect all those who are righteous in their inner being.
11 ख़ुदा सादिक़ मुन्सिफ़ है, बल्कि ऐसा ख़ुदा जो हर रोज़ क़हर करता है।
You judge [everyone] correctly, and every day you punish [wicked people].
12 अगर आदमी बाज़ न आए तो वहअपनी तलवार तेज़ करेगा; उसने अपनी कमान पर चिल्ला चढ़ाकर उसे तैयार कर लिया है।
Whenever your enemies do not (repent/change their behavior), [it is as though] [MET] you sharpen your sword and put a string on your bow [to get ready to kill them].
13 उसने उसके लिए मौत के हथियार भी तैयार किए हैं; वह अपने तीरों को आतिशी बनाता है।
You are preparing your weapons that kill those whom they strike; the arrows that you will shoot have flaming tips.
14 देखो, उसे बुराई की पैदाइश का दर्द लगा है! बल्कि वह शरारत से फलदार हुआ और उससे झूट पैदा हुआ।
Wicked people tell lies, and they think that they surely will be able to do [MET] the evil things that they are planning to do [just as surely as] a pregnant woman [knows that she is going to give birth to a child] [MET].
15 उसने गढ़ा खोद कर उसे गहरा किया, और उस ख़न्दक में जो उसने बनाई थी ख़ुद गिरा।
But when they dig a deep pit [to trap others], they themselves will fall into it.
16 उसकी शरारत उल्टी उसी के सिर पर आएगी; उसका ज़ुल्म उसी की खोपड़ी पर नाज़िल होगा।
They themselves will experience the trouble that they want to cause others to have; they will hurt themselves by the violent things that they want to do to others.
17 ख़ुदावन्द की सदाक़त के मुताबिक़ मैं उसका शुक्र करूँगा, और ख़ुदावन्द ताला के नाम की तारीफ़ गाऊँगा।
I praise Yahweh because he [always acts] righteously/justly; I sing to praise Yahweh, the one who is much greater than any other god.

< ज़बूर 7 >