< ज़बूर 68 >

1 ख़ुदा उठे, उसके दुश्मन तितर बितर हों, उससे 'अदावत रखने वाले उसके सामने से भाग जाएँ।
Levántese Dios, espárzanse sus enemigos: y huyan los que le aborrecen delante de él.
2 जैसे धुवाँ उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; जैसे मोम आग के सामने पिघला जाता, वैसे ही शरीर ख़ुदा के सामने फ़ना हो जाएँ।
Como es lanzado el humo, los lanzarás: como se derrite la cera delante del fuego, así perecerán los impíos delante de Dios.
3 लेकिन सादिक़ ख़ुशी मनाएँ, वह ख़ुदा के सामने ख़ुश हों, बल्कि वह खु़शी से फूले न समाएँ।
Mas los justos se alegrarán: regocijarse han delante de Dios, y saltarán de alegría.
4 ख़ुदा के लिए गाओ, उसके नाम की मदहसराई करो; सहरा के सवार के लिए शाहराह तैयार करो; उसका नाम याह है, और तुम उसके सामने ख़ुश हो।
Cantád a Dios, cantád salmos a su nombre: ensalzád al que cabalga sobre los cielos en Jah su nombre: y alegráos delante de él.
5 ख़ुदा अपने मुक़द्दस मकान में, यतीमों का बाप और बेवाओं का दादरस है।
Padre de huérfanos, y defensor de viudas, Dios en la morada de su santuario.
6 खु़दा तन्हा को ख़ान्दान बख़्शता है; वह कैदियों को आज़ाद करके इक़बालमंद करता है; लेकिन सरकश ख़ुश्क ज़मीन में रहते हैं।
El Dios que hace habitar los solos en casa: que saca los presos en grillos; mas los rebeldes habitan en sequedad.
7 ऐ ख़ुदा, जब तू अपने लोगों के आगे — आगे चला, जब तू वीरान में से गुज़रा, (सिलाह)
O! Dios, cuando tú saliste delante de tu pueblo, cuando anduviste por el desierto, (Selah)
8 तो ज़मीन काँप उठी; ख़ुदा के सामने आसमान गिर पड़े, बल्कि पाक पहाड़ भी ख़ुदा के सामने, इस्राईल के ख़ुदा के सामने काँप उठा।
La tierra tembló; también los cielos destilaron delante de Dios; aquel Sinaí tembló delante de Dios, del Dios de Israel.
9 ऐ ख़ुदा, तूने खू़ब मेंह बरसाया: तूने अपनी खु़श्क मीरास को ताज़गी बख़्शी।
Lluvia de voluntades esparciste, o! Dios, a tu heredad; y cuando se cansó, tú la recreaste.
10 तेरे लोग उसमें बसने लगे; ऐ ख़ुदा, तूने अपने फ़ैज़ से ग़रीबों के लिए उसे तैयार किया।
Tu compañía estaba en ella; por tu bondad acomodabas al pobre, o! Dios.
11 ख़ुदावन्द हुक्म देता है; ख़ुशख़बरी देने वालियाँ फ़ौज की फ़ौज हैं।
El Señor daba palabra: de las evangelizantes había ejército grande.
12 लश्करों के बादशाह भागते हैं, वह भाग जाते हैं; और 'औरत घर में बैठी बैठी लूट का माल बाँटती है।
Reyes de ejércitos huían, huían: y la moradora de la casa partía despojos.
13 जब तुम भेड़ सालों में पड़े रहते हो, तो उस कबूतर की तरह होगे जिसके बाज़ू जैसे चाँदी से, और पर ख़ालिस सोने से मंढ़े हुए हों।
Si fuereis echados entre las ollas, seréis como las alas de la paloma cubierta de plata, y sus plumas con amarillez de oro.
14 जब क़ादिर — ए — मुतलक ने बादशाहों को उसमें परागंदा किया, तो ऐसा हाल हो गया, जैसे सलमोन पर बर्फ़ पड़ रही थी।
Cuando esparcía el Omnipotente los reyes en ella; ella se emblanquecía como la nieve en Salmón.
15 बसन का पहाड़ ख़ुदा का पहाड़ है; बसन का पहाड़ ऊँचा पहाड़ है।
El monte de Dios, el monte de Basán: monte alto el monte de Basán.
16 ऐ ऊँचे पहाड़ो, तुम उस पहाड़ को क्यूँ ताकते हो, जिसे ख़ुदा ने अपनी सुकूनत के लिए पसन्द किया है, बल्कि ख़ुदावन्द उसमें हमेशा तक रहेगा?
¿Por qué saltasteis, o! montes altos? Este monte amó Dios para su asiento: ciertamente Jehová habitará en él para siempre.
17 ख़ुदा के रथ बीस हज़ार, बल्कि हज़ारहा हज़ार हैं; ख़ुदावन्द जैसा पाक पहाड़ में वैसा ही उनके बीच हैकल में है।
Los carros de Dios dos millares de miles de ángeles: el Señor entre ellos, como en Sinaí, así en el santuario.
18 तूने 'आलम — ए — बाला को सु'ऊद फ़रमाया, तू कैदियों को साथ ले गया; तुझे लोगों से बल्कि सरकशों से भी हदिए मिले, ताकि ख़ुदावन्द ख़ुदा उनके साथ रहे।
Subiste a lo alto, cautivaste cautividad, tomaste dones para los hombres: y también los rebeldes para que habiten, o! Jah Dios.
19 ख़ुदावन्द मुबारक हो, जो हर रोज़ हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा नजात देने वाला ख़ुदा है।
Bendito el Señor, cada día nos colma de mercedes, Dios nuestra salud. (Selah)
20 ख़ुदा हमारे लिए छुड़ाने वाला ख़ुदा है और मौत से बचने की राहें भी ख़ुदावन्द ख़ुदा की हैं।
Dios, Dios nuestro para saludes; y el Señor Jehová tiene salidas para la muerte.
21 लेकिन ख़ुदावन्द अपने दुश्मनों के सिर को, और लगातार गुनाह करने वाले की बालदार खोपड़ी को चीर डालेगा।
Ciertamente Dios herirá la cabeza de sus enemigos, la mollera cabelluda de el que camina en sus pecados.
22 ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, “मैं उनको बसन से निकाल लाऊँगा; मैं उनको समन्दर की तह से निकाल लाऊँगा।
El Señor dijo: De Basán haré volver, haré volver de los profundos de la mar;
23 ताकि तू अपना पाँव ख़ून से तर करे, और तेरे दुश्मन तेरे कुत्तों के मुँह का निवाला बनें।”
Porque tu pie se embermejecerá de sangre de sus enemigos; y la lengua de tus perros de ella.
24 ऐ ख़ुदा! लोगों ने तेरी आमद देखी, मक़दिस में मेरे ख़ुदा, मेरे बादशाह की 'आमद
Vieron tus caminos, o! Dios: los caminos de mi Dios, de mi Rey en el santuario.
25 गाने वाले आगे आगे और बजाने वाले पीछे पीछे चले, दफ़ बजाने वाली जवान लड़कियाँ बीच में।
Los cantores iban delante, detrás, los tañedores: en medio las doncellas con adufes.
26 तुम जो इस्राईल के चश्मे से हो, ख़ुदावन्द को मुबारक कहो, हाँ, मजमे' में ख़ुदा को मुबारक कहो।
Bendecíd a Dios en congregaciones: al Señor, los de el manadero de Israel.
27 वहाँ छोटा बिनयमीन उनका हाकिम है, यहूदाह के उमरा और उनके मुशीर, ज़बूलून के उमरा और नफ़्ताली के उमरा हैं।
Allí estaba Ben-jamín pequeño señoreándolos; príncipes de Judá en su congregación, príncipes de Zabulón, príncipes de Neftalí.
28 तेरे ख़ुदा ने तेरी पायदारी का हुक्म दिया है, ऐ ख़ुदा, जो कुछ तूने हमारे लिए किया है, उसे पायदारी बख़्श।
Tu Dios ha ordenado tu fuerza: confirma, o! Dios, lo que has obrado en nosotros.
29 तेरी हैकल की वजह से जो येरूशलेम में है, बादशाह तेरे पास हदिये लाएँगे।
Desde tu templo en Jerusalem, a ti ofrecerán los reyes dones.
30 तू नेसतान के जंगली जानवरों को धमका दे, साँडों के ग़ोल को, और क़ौमों के बछड़ों को। जो चाँदी के सिक्कों को पामाल करते हैं: उसने जंगजू क़ौमों को परागंदा कर दिया है।
Destruye el escuadrón de lanza, el escuadrón de fuertes, con señores de pueblos, hollándo los con sus piezas de plata: destruye los pueblos que quieren guerras.
31 उमरा मिस्र से आएँगे; कूश ख़ुदा की तरफ़ अपने हाथ बढ़ाने में जल्दी करेगा।
Vendrán príncipes de Egipto: Etiopía apresurará sus manos a Dios.
32 ऐ ज़मीन की ममलुकतो, ख़ुदा के लिए गाओ; ख़ुदावन्द की मदहसराई करो।
Reinos de la tierra cantád a Dios; cantád al Señor; (Selah)
33 (सिलाह) उसी की जो क़दीम आसमान नहीं बल्कि आसमानों पर सवार है; देखो वह अपनी आवाज़ बुलंद करता है, उसकी आवाज़ में कु़दरत है।
Al que cabalga sobre los cielos de los cielos de antigüedad: he aquí, él dará con su voz, voz de fortaleza.
34 ख़ुदा ही की ताज़ीम करो, उसकी हश्मत इस्राईल में है, और उसकी क़ुदरत आसमानों पर।
Dad fortaleza a Dios: sobre Israel es su magnificencia, y su fortaleza en las nubes.
35 ऐ ख़ुदा, तू अपने मक़दिसों में मुहीब है, इस्राईल का ख़ुदा ही अपने लोगों को ज़ोर और तवानाई बख़्शता है। खु़दा मुबारक हो।
Terrible eres, o! Dios, desde tus santuarios; el Dios de Israel, él da fortaleza y fuerzas al pueblo: Bendito Dios.

< ज़बूर 68 >