< ज़बूर 68 >

1 ख़ुदा उठे, उसके दुश्मन तितर बितर हों, उससे 'अदावत रखने वाले उसके सामने से भाग जाएँ।
Auf den Siegesspender, von David, ein Lied, ein Gesang. Erhebt sich Gott, dann stieben seine Feinde fort, und seine Hasser fliehn vor ihm.
2 जैसे धुवाँ उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; जैसे मोम आग के सामने पिघला जाता, वैसे ही शरीर ख़ुदा के सामने फ़ना हो जाएँ।
Wie Rauch verschwindet, wenn es stürmt, wie vor dem Feuer Wachs zerschmilzt, also vergehn vor Gottes Angesicht die Frevler.
3 लेकिन सादिक़ ख़ुशी मनाएँ, वह ख़ुदा के सामने ख़ुश हों, बल्कि वह खु़शी से फूले न समाएँ।
Die Frommen aber freuen sich, vor Gottes Angesicht frohlockend, in Freude, voller Fröhlichkeit.
4 ख़ुदा के लिए गाओ, उसके नाम की मदहसराई करो; सहरा के सवार के लिए शाहराह तैयार करो; उसका नाम याह है, और तुम उसके सामने ख़ुश हो।
Lobsinget Gott! Singt seinem Namen! Die Bahn macht frei für den, der durch die Wüsten fährt! "Herr" ist sein Name,
5 ख़ुदा अपने मुक़द्दस मकान में, यतीमों का बाप और बेवाओं का दादरस है।
"der Waisen Vater und der Witwen Anwalt, Gott". Vor ihm in seiner heiligen Wohnung freuet euch!
6 खु़दा तन्हा को ख़ान्दान बख़्शता है; वह कैदियों को आज़ाद करके इक़बालमंद करता है; लेकिन सरकश ख़ुश्क ज़मीन में रहते हैं।
Gott bringt Einsame in die Heimat wieder, wenn er die Eingekerkerten in Freiheit setzt. Nur Widerspenstige verbleiben in dem dürren Land.
7 ऐ ख़ुदा, जब तू अपने लोगों के आगे — आगे चला, जब तू वीरान में से गुज़रा, (सिलाह)
Gott, als Du auszogst an der Spitze Deines Volkes und durch die Wüste schrittest, (Sela)
8 तो ज़मीन काँप उठी; ख़ुदा के सामने आसमान गिर पड़े, बल्कि पाक पहाड़ भी ख़ुदा के सामने, इस्राईल के ख़ुदा के सामने काँप उठा।
erzitterte die Erde. Der Himmel selbst zerfloß vor Gott dort an dem Sinai vor Gott, dem Gott von Israel.
9 ऐ ख़ुदा, तूने खू़ब मेंह बरसाया: तूने अपनी खु़श्क मीरास को ताज़गी बख़्शी।
Du mögest wieder Regen reichlich niederströmen lassen, Gott, um so Dein mattes Erbland zu erquicken, das am verschmachten!
10 तेरे लोग उसमें बसने लगे; ऐ ख़ुदा, तूने अपने फ़ैज़ से ग़रीबों के लिए उसे तैयार किया।
Und Deine Leute, die drin wohnen, mögst Du zur rechten Zeit durch Deine Güte, Gott, versorgen!
11 ख़ुदावन्द हुक्म देता है; ख़ुशख़बरी देने वालियाँ फ़ौज की फ़ौज हैं।
Der Herr ließ wieder donnern, beschloß der Völkerscharen Heer.
12 लश्करों के बादशाह भागते हैं, वह भाग जाते हैं; और 'औरत घर में बैठी बैठी लूट का माल बाँटती है।
Die Könige der Völker floh'n in wilder Flucht, daß Schwächlinge selbst Beute teilten.
13 जब तुम भेड़ सालों में पड़े रहते हो, तो उस कबूतर की तरह होगे जिसके बाज़ू जैसे चाँदी से, और पर ख़ालिस सोने से मंढ़े हुए हों।
Hinsanken sie auf Düngerstätten, in Kot versteckt, mit Schmach bedeckt, und ihre Reiterscharen in Morast vergraben.
14 जब क़ादिर — ए — मुतलक ने बादशाहों को उसमें परागंदा किया, तो ऐसा हाल हो गया, जैसे सलमोन पर बर्फ़ पड़ रही थी।
Als der Allmächtige die Könige zerstreute, da fielen sie in Schauern auf dem Salmon,
15 बसन का पहाड़ ख़ुदा का पहाड़ है; बसन का पहाड़ ऊँचा पहाड़ है।
auf diesem hohen Berge, diesem Basansberge. Ein kuppenreicher Berg ist dieser Basansberg.
16 ऐ ऊँचे पहाड़ो, तुम उस पहाड़ को क्यूँ ताकते हो, जिसे ख़ुदा ने अपनी सुकूनत के लिए पसन्द किया है, बल्कि ख़ुदावन्द उसमें हमेशा तक रहेगा?
Warum, ihr kuppenreichen Berge, seid ihr neidisch? Den einen Berg hat Gott zu seinem Sitze sich gewünscht; ja, ihn bewohnt der Herr auf ewig.
17 ख़ुदा के रथ बीस हज़ार, बल्कि हज़ारहा हज़ार हैं; ख़ुदावन्द जैसा पाक पहाड़ में वैसा ही उनके बीच हैकल में है।
Der Reiter Gottes sind's Zehntausende, gar viele Tausende. Bei ihnen ist der Herr, wie einst auf Sinai, so jetzt im Heiligtum. -
18 तूने 'आलम — ए — बाला को सु'ऊद फ़रमाया, तू कैदियों को साथ ले गया; तुझे लोगों से बल्कि सरकशों से भी हदिए मिले, ताकि ख़ुदावन्द ख़ुदा उनके साथ रहे।
Du zogst zur Höhe, nahmst Gefangene gefangen, empfingest Menschen als Geschenk, die sich gesträubt, an Gott, den Herrn, zu glauben. -
19 ख़ुदावन्द मुबारक हो, जो हर रोज़ हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा नजात देने वाला ख़ुदा है।
Gepriesen sei der Herr, der täglich für uns sorgt, Gott unsere Hilfe! (Sela)
20 ख़ुदा हमारे लिए छुड़ाने वाला ख़ुदा है और मौत से बचने की राहें भी ख़ुदावन्द ख़ुदा की हैं।
Des Heiles Gott ist Gott für uns. Der Herr, der Herr, hat manchen Ausweg aus dem Tode.
21 लेकिन ख़ुदावन्द अपने दुश्मनों के सिर को, और लगातार गुनाह करने वाले की बालदार खोपड़ी को चीर डालेगा।
Ja, seiner Feinde Haupt hat Gott zerschmettert, den Haarbuschhelm des Mannes, der in seinen Sünden wandelt.
22 ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, “मैं उनको बसन से निकाल लाऊँगा; मैं उनको समन्दर की तह से निकाल लाऊँगा।
Verkündet hat der Herr: "Die Ausgeschämten hole ich. Ich hole her die aufgeblasenen Schurken,
23 ताकि तू अपना पाँव ख़ून से तर करे, और तेरे दुश्मन तेरे कुत्तों के मुँह का निवाला बनें।”
daß blutig kann dein Fuß zertreten, die dich lästerten, in einem Augenblicke die verhaßten Hunde."
24 ऐ ख़ुदा! लोगों ने तेरी आमद देखी, मक़दिस में मेरे ख़ुदा, मेरे बादशाह की 'आमद
Da sah man Deinen Zug, o Gott, den meines Gottes, meines Königs, in dem Heiligtum.
25 गाने वाले आगे आगे और बजाने वाले पीछे पीछे चले, दफ़ बजाने वाली जवान लड़कियाँ बीच में।
Vorn an der Spitze zogen Sänger, hinten Saitenspieler her und in der Mitte paukenschlagende Jungfrauen.
26 तुम जो इस्राईल के चश्मे से हो, ख़ुदावन्द को मुबारक कहो, हाँ, मजमे' में ख़ुदा को मुबारक कहो।
Israel lobte seinen Gott in Chören und mit Musik den Herrn.
27 वहाँ छोटा बिनयमीन उनका हाकिम है, यहूदाह के उमरा और उनके मुशीर, ज़बूलून के उमरा और नफ़्ताली के उमरा हैं।
Den Takt gab Benjamin, der jüngste. Die Fürsten Judas, Zabulons und Naphtalis, sie klatschten in die Hände. -
28 तेरे ख़ुदा ने तेरी पायदारी का हुक्म दिया है, ऐ ख़ुदा, जो कुछ तूने हमारे लिए किया है, उसे पायदारी बख़्श।
Entbiete wiederum, Gott, Deine Macht, von Deinem Tempel aus, die Macht, mit der Du bisher, Gott, für uns gewirkt,
29 तेरी हैकल की वजह से जो येरूशलेम में है, बादशाह तेरे पास हदिये लाएँगे।
daß Könige Dir Gaben für Jerusalem darbringen!
30 तू नेसतान के जंगली जानवरों को धमका दे, साँडों के ग़ोल को, और क़ौमों के बछड़ों को। जो चाँदी के सिक्कों को पामाल करते हैं: उसने जंगजू क़ौमों को परागंदा कर दिया है।
Bedroh die Lanzenschar, das Rossevolk, das unter Völkern meist verpflanzte, das zu den Silbergängen sich hinunterläßt! Zerstreu die Völker, die an Kriegen Freude haben!
31 उमरा मिस्र से आएँगे; कूश ख़ुदा की तरफ़ अपने हाथ बढ़ाने में जल्दी करेगा।
Gesandte sollen aus Ägypten kommen; zu Gott soll seine Hände Äthiopien ausstrecken!
32 ऐ ज़मीन की ममलुकतो, ख़ुदा के लिए गाओ; ख़ुदावन्द की मदहसराई करो।
Dann singt, ihr Erdenreiche, Gottes Lob! Lobsingt dem Herrn, (Sela)
33 (सिलाह) उसी की जो क़दीम आसमान नहीं बल्कि आसमानों पर सवार है; देखो वह अपनी आवाज़ बुलंद करता है, उसकी आवाज़ में कु़दरत है।
der durch der Himmel Himmel, den uralten, fährt, der seine Stimme wieder tönen läßt, gar eine mächtige Stimme!
34 ख़ुदा ही की ताज़ीम करो, उसकी हश्मत इस्राईल में है, और उसकी क़ुदरत आसमानों पर।
Die Ehre gebet Gott, ihm, dessen Hoheit wartet über Israel, und in den Wolken zeigt sich furchtbar seine Macht.
35 ऐ ख़ुदा, तू अपने मक़दिसों में मुहीब है, इस्राईल का ख़ुदा ही अपने लोगों को ज़ोर और तवानाई बख़्शता है। खु़दा मुबारक हो।
Von alters ist Gott hocherhaben. Wer gleicht dem Gotte Israels, der Macht verleiht und Kraft dem Volk, das würdig ist des Gottessegens?

< ज़बूर 68 >