< ज़बूर 64 >
1 ऐ ख़ुदा मेरी फ़रियाद की आवाज़ सुन ले मेरी जान को दुश्मन के ख़ौफ़ से बचाए रख।
大卫的诗,交与伶长。 神啊,我哀叹的时候,求你听我的声音! 求你保护我的性命,不受仇敌的惊恐!
2 शरीरों के ख़ुफ़िया मश्वरे से, और बदकिरदारों के हँगामे से मुझे छिपा ले
求你把我隐藏, 使我脱离作恶之人的暗谋和作孽之人的扰乱。
3 जिन्होंने अपनी ज़बान तलवार की तरह तेज़ की, और तल्ख़ बातों के तीरों का निशाना लिया है;
他们磨舌如刀, 发出苦毒的言语,好像比准了的箭,
4 ताकि उनको ख़ुफ़िया मक़ामों में कामिल आदमी पर चलाएँ; वह उनको अचानक उस पर चलाते हैं और डरते नहीं।
要在暗地射完全人; 他们忽然射他,并不惧怕。
5 वह बुरे काम का मज़बूत इरादा करते हैं; वह फंदे लगाने की सलाह करते हैं, वह कहते हैं, “हम को कौन देखेगा?”
他们彼此勉励设下恶计; 他们商量暗设网罗, 说:谁能看见?
6 वह शरारतों को खोज खोज कर निकालते हैं; वह कहते हैं, “हमने खू़ब खोज लगाया।” उनमें से हर एक का बातिन और दिल 'अमीक है।
他们图谋奸恶, 说:我们是极力图谋的。 他们各人的意念心思是深的。
7 लेकिन ख़ुदा उन पर तीर चलाएगा; वह अचानक तीर से ज़ख़्मी हो जाएँगे।
但 神要射他们; 他们忽然被箭射伤。
8 और उन ही की ज़बान उनको तबाह करेगी; जितने उनको देखेंगे सब सिर हिलाएँगे।
他们必然绊跌,被自己的舌头所害; 凡看见他们的必都摇头。
9 और सब लोग डर जाएँगे, और ख़ुदा के काम का बयान करेंगे; और उसके तरीक़ — ए — 'अमल को बख़ूबी समझ लेंगे।
众人都要害怕, 要传扬 神的工作, 并且明白他的作为。
10 सादिक़ ख़ुदावन्द में ख़ुश होगा, और उस पर भरोसा करेगा, और जितने रास्तदिल हैं सब फ़ख़्र करेंगे।
义人必因耶和华欢喜,并要投靠他; 凡心里正直的人都要夸口。