< ज़बूर 60 >
1 ऐ ख़ुदा, तूने हमें रद्द किया; तूने हमें शिकस्ता हाल कर दिया। तू नाराज़ रहा है। हमें फिर बहाल कर।
Ó Deus, tu nos rejeitaste, tu nos espalhaste, tu te indignaste; oh, volta-te para nós.
2 तूने ज़मीन को लरज़ा दिया; तूने उसे फाड़ डाला है। उसके रख़्ने बन्द कर दे क्यूँकि वह लरज़ाँ है।
Abalaste a terra, e a fendeste; sara as suas fendas, pois ella treme.
3 तूने अपने लोगों को सख़्तियाँ दिखाई, तूने हमको लड़खड़ा देने वाली मय पिलाई।
Fizeste ver ao teu povo coisas arduas; fizeste-nos beber o vinho da perturbação.
4 जो तुझ से डरते हैं, तूने उनको एक झंडा दिया है; ताकि वह हक़ की ख़ातिर बुलन्द किया जाएं। (सिलाह)
Déste um estandarte aos que te temem, para arvorarem no alto, por causa da verdade (Selah)
5 अपने दहने हाथ से बचा और हमें जवाब दे, ताकि तेरे महबूब बचाए जाएँ।
Para que os teus amados sejam livres, salva-nos com a tua dextra, e ouve-nos;
6 ख़ुदा ने अपनी पाकीज़गी में फ़रमाया है, “मैं ख़ुशी करूँगा; मैं सिकम को तक़सीम करूँगा, और सुकात की वादी को बाटूँगा।
Deus fallou na sua sanctidade: Eu me regozijarei, repartirei a Sichem e medirei o valle de Succoth.
7 जिल'आद मेरा है, मनस्सी भी मेरा है; इफ़्राईम मेरे सिर का खू़द है, यहूदाह मेरा 'असा है।
Meu é Galaad, e meu é Manasseh; Ephraim é a força da minha cabeça; Judah é o meu legislador.
8 मोआब मेरी चिलमची है, अदोम पर मैं जूता फेफूँगा; ऐ फ़िलिस्तीन, मेरी वजह से ललकार।”
Moab é o meu vaso de lavar; sobre Edom lançarei o meu sapato; alegra-te, ó Palestina, por minha causa.
9 मुझे उस मुहकम शहर में कौन पहुँचाएगा? कौन मुझे अदोम तक ले गया है?
Quem me conduzirá á cidade forte? Quem me guiará até Edom?
10 ऐ ख़ुदा, क्या तूने हमें रद्द नहीं कर दिया? ऐ ख़ुदा, तू हमारे लश्करों के साथ नहीं जाता।
Não serás tu, ó Deus, que nos tinhas rejeitado? tu, ó Deus, que não saiste com os nossos exercitos?
11 मुख़ालिफ़ के मुक़ाबले में हमारी मदद कर, क्यूँकि इंसानी मदद बेकार है।
Dá-nos auxilio na angustia, porque vão é o soccorro do homem.
12 ख़ुदा की मदद से हम बहादुरी करेंगे, क्यूँकि वही हमारे मुख़ालिफ़ों को पस्त करेगा।
Em Deus faremos proezas; porque elle é que pisará os nossos inimigos.