< ज़बूर 60 >

1 ऐ ख़ुदा, तूने हमें रद्द किया; तूने हमें शिकस्ता हाल कर दिया। तू नाराज़ रहा है। हमें फिर बहाल कर।
Lorsqu'il fit la guerre avec les Syriens de Mésopotamie et avec les Syriens de Tsoba, et que Joab revint et défit douze mille Édomites dans la vallée du Sel. O Dieu, tu nous as rejetés, tu nous as dispersés, tu t'es irrité; rétablis-nous!
2 तूने ज़मीन को लरज़ा दिया; तूने उसे फाड़ डाला है। उसके रख़्ने बन्द कर दे क्यूँकि वह लरज़ाँ है।
Tu as fait trembler la terre, tu l'as déchirée; répare ses brèches, car elle est ébranlée.
3 तूने अपने लोगों को सख़्तियाँ दिखाई, तूने हमको लड़खड़ा देने वाली मय पिलाई।
Tu as fait voir à ton peuple des choses dures; tu nous as abreuvés d'un vin d'étourdissement.
4 जो तुझ से डरते हैं, तूने उनको एक झंडा दिया है; ताकि वह हक़ की ख़ातिर बुलन्द किया जाएं। (सिलाह)
Mais tu as donné à ceux qui te craignent un étendard
5 अपने दहने हाथ से बचा और हमें जवाब दे, ताकि तेरे महबूब बचाए जाएँ।
Afin que tes bien-aimés soient délivrés; sauve-nous par ta droite, et nous exauce!
6 ख़ुदा ने अपनी पाकीज़गी में फ़रमाया है, “मैं ख़ुशी करूँगा; मैं सिकम को तक़सीम करूँगा, और सुकात की वादी को बाटूँगा।
Dieu a parlé dans son sanctuaire; je me réjouirai; je partagerai Sichem, et je mesurerai la vallée de Succoth:
7 जिल'आद मेरा है, मनस्सी भी मेरा है; इफ़्राईम मेरे सिर का खू़द है, यहूदाह मेरा 'असा है।
Galaad est à moi; à moi Manassé; Éphraïm est le rempart de ma tête; Juda mon législateur;
8 मोआब मेरी चिलमची है, अदोम पर मैं जूता फेफूँगा; ऐ फ़िलिस्तीन, मेरी वजह से ललकार।”
Moab est le bassin où je me lave; je jette mon soulier sur Édom; terre des Philistins, pousse des acclamations à mon honneur!
9 मुझे उस मुहकम शहर में कौन पहुँचाएगा? कौन मुझे अदोम तक ले गया है?
Qui me conduira vers la ville forte? Qui me mènera jusqu'en Édom?
10 ऐ ख़ुदा, क्या तूने हमें रद्द नहीं कर दिया? ऐ ख़ुदा, तू हमारे लश्करों के साथ नहीं जाता।
N'est-ce pas toi, ô Dieu, qui nous avais rejetés, qui ne sortais plus, ô Dieu, avec nos armées?
11 मुख़ालिफ़ के मुक़ाबले में हमारी मदद कर, क्यूँकि इंसानी मदद बेकार है।
Donne-nous du secours pour sortir de détresse; car
12 ख़ुदा की मदद से हम बहादुरी करेंगे, क्यूँकि वही हमारे मुख़ालिफ़ों को पस्त करेगा।
En Dieu nous combattrons avec vaillance, et c'est lui qui foulera nos adversaires.

< ज़बूर 60 >