< ज़बूर 59 >

1 ऐ मेरे खु़दा मुझे मेरे दुश्मनों से छुड़ा मेरे ख़िलाफ़ उठने वालों पर सरफ़राज़ कर।
Livra-me, meu Deus, dos meus inimigos, defende-me d'aquelles que se levantam contra mim.
2 मुझे बदकिरदारों से छुड़ा, और खूंख़्वार आदमियों से मुझे बचा।
Livra-me dos que obram a iniquidade, e salva-me dos homens sanguinarios.
3 क्यूँकि देख, वह मेरी जान की घात में हैं। ऐ ख़ुदावन्द! मेरी ख़ता या मेरे गुनाह के बगै़र ज़बरदस्त लोग मेरे ख़िलाफ़ इकठ्ठे होते हैं।
Pois eis que põem ciladas á minha alma; os fortes se ajuntam contra mim, não por transgressão minha ou por peccado meu, ó Senhor.
4 वह मुझ बेक़सूर पर दौड़ दौड़कर तैयार होते हैं; मेरी मदद के लिए जाग और देख!
Elles correm, e se preparam, sem culpa minha: desperta para me ajudares, e olha.
5 ऐ ख़ुदावन्द, लश्करों के ख़ुदा! इस्राईल के ख़ुदा! सब कौमों के मुहासिबे के लिए उठ; किसी दग़ाबाज़ ख़ताकार पर रहम न कर। (सिलाह)
Tu, pois, ó Senhor, Deus dos Exercitos, Deus d'Israel, desperta para visitares todos os gentios: não tenhas misericordia de nenhum dos perfidos que obram a iniquidade (Selah)
6 वह शाम को लौटते और कुत्ते की तरह भौंकते हैं और शहर के गिर्द फिरते हैं।
Voltam á tarde: dão ganidos como cães, e rodeiam a cidade.
7 देख! वह अपने मुँह से डकारते हैं, उनके लबों के अन्दर तलवारें हैं; क्यूँकि वह कहते हैं, “कौन सुनता है?”
Eis que elles dão gritos com as suas boccas; espadas estão nos seus labios, porque dizem elles: Quem ouve?
8 लेकिन ऐ ख़ुदावन्द! तू उन पर हँसेगा; तू तमाम क़ौमों को ठट्ठों में उड़ाएगा।
Mas tu, Senhor, te rirás d'elles: zombarás de todos os gentios.
9 ऐ मेरी कु़व्वत, मुझे तेरी ही आस होगी, क्यूँकि ख़ुदा मेरा ऊँचा बुर्ज है।
Por causa da sua força eu te aguardarei; pois Deus é a minha alta defeza.
10 मेरा ख़ुदा अपनी शफ़क़त से मेरा अगुवा होगा, ख़ुदा मुझे मेरे दुश्मनों की पस्ती दिखाएगा।
O Deus da minha misericordia me prevenirá: Deus me fará ver o meu desejo sobre os meus inimigos.
11 उनको क़त्ल न कर, ऐसा न हो मेरे लोग भूल जाएँ ऐ ख़ुदावन्द, ऐ हमारी ढाल!, अपनी कु़दरत से उनको तितर बितर करके पस्त कर दे।
Não os mates, para que o meu povo se não esqueça: espalha-os pelo teu poder, e abate-os, ó Senhor, nosso escudo.
12 वह अपने मुँह के गुनाह, और अपने होंटों की बातों और अपनी लान तान और झूट बोलने के वजह से, अपने गु़रूर में पकड़े जाएँ।
Pelo peccado da sua bocca e pelas palavras dos seus labios fiquem presos na sua soberba, e pelas maldições e pelas mentiras que fallam.
13 क़हर में उनको फ़ना कर दे, फ़ना कर दे ताकि वह बर्बाद हो जाएँ, और वह ज़मीन की इन्तिहा तक जान लें, कि ख़ुदा या'क़ूब पर हुक्मरान है।
Consome-os na tua indignação, consome-os, para que não existam, e para que saibam que Deus reina em Jacob até aos fins da terra (Selah)
14 फिर शाम को वह लौटें और कुत्ते की तरह भौंकें और शहर के गिर्द फिरें।
E tornem a vir á tarde, e dêem ganidos como cães, e cerquem a cidade.
15 वह खाने की तलाश में मारे मारे फिरें, और अगर आसूदा न हों तो सारी रात ठहरे रहे।
Vagueiem para cima e para baixo por mantimento, e passem a noite sem se saciarem.
16 लेकिन मैं तेरी कु़दरत का हम्द गाऊँगा, बल्कि सुबह को बुलन्द आवाज़ से तेरी शफ़क़त का हम्द गाऊँगा। क्यूँकि तू मेरा ऊँचा बुर्ज है, और मेरी मुसीबत के दिन मेरी पनाहगाह।
Eu porém cantarei a tua força; pela manhã louvarei com alegria a tua misericordia; porquanto tu foste o meu alto refugio, e protecção no dia da minha angustia.
17 ऐ मेरी ताक़त, मै तेरी मदहसराई करूँगा; क्यूँकि ख़ुदा मेरा शफ़ीक़ ख़ुदा मेरा ऊँचाबुर्ज है।
A ti, ó fortaleza minha, cantarei psalmos; porque Deus é a minha defeza e o Deus da minha misericordia.

< ज़बूर 59 >