< ज़बूर 58 >
1 ऐ बुज़ुर्गों! क्या तुम दर हक़ीक़त रास्तगोई करते हो? ऐ बनी आदम! क्या तुम ठीक 'अदालत करते हो?
なんぢら默しゐて義をのべうるか 人の子よなんぢらなほき審判をおこなふや
2 बल्कि तुम तो दिल ही दिल में शरारत करते हो; और ज़मीन पर अपने हाथों से जु़ल्म पैमाई करते हैं।
否なんぢらは心のうちに惡事をおこなひ その手の強暴をこの地にはかりいだすなり
3 शरीर पैदाइश ही से कजरवी इख़्तियार करते हैं; वह पैदा होते ही झूट बोलकर गुमराह हो जाते हैं।
あしきものは胎をはなるるより背きとほざかり生れいづるより迷ひていつはりをいふ
4 उनका ज़हर साँप का सा ज़हर है; वह बहरे अज़दहे की तरह हैं जो कान बंद कर लेता है;
かれらの毒は蛇のどくのごとし かれらは蠱術をおこなふものの甚たくみにまじなふその聲をだにきかざる耳ふさぐ聾ひの蝮のごとし
5 जो मन्तर पढ़ने वालों की आवाज़ ही नहीं सुनता, जो चाहे वह कितनी ही होशियारी से मन्तर पढ़ें।
かれらの毒は蛇のどくのごとし かれらは蠱術をおこなふものの甚たくみにまじなふその聲をだにきかざる耳ふさぐ聾ひの蝮のごとし
6 ऐ ख़ुदा! तू उनके दाँत उनके मुँह में तोड़ दे, ऐ ख़ुदावन्द! बबर के बच्चों की दाढ़ें तोड़ डाल।
神よかれらの口の歯ををりたまヘ ヱホバよ壯獅の牙をぬきくだきたまへ
7 वह घुलकर बहते पानी की तरह हो जाएँ जब वह अपने तीर चलाए, तो वह जैसे कुन्द पैकान हों।
願くはかれらを流れゆく水のごとくに消失しめ その矢をはなつときは折れたるごとくなし給はんことを
8 वह ऐसे हो जाएँ जैसे घोंघा, जो गल कर फ़ना हो जाता है; और जैसे 'औरत का इस्कात जिसने सूरज को देखा ही नहीं।
また融てきえゆく蝸牛のごとく婦のときならず產たる目をみぬ嬰のごとくならしめ給へ
9 इससे पहले कि तुम्हारी हड्डियों को काँटों की आंच लगे वह हरे और जलते दोनों को यकसाँ बगोले से उड़ा ले जाएगा।
なんぢらの釜いまだ荊蕀の火をうけざるさきに靑をも燃たるをもともに狂風にて吹さりたまはん
10 सादिक़ इन्तक़ाम को देखकर खु़श होगा; वह शरीर के खू़न से अपने पाँव तर करेगा।
義者はかれらが讎かへさるるを見てよろこび その足をあしきものの血のなかにてあらはん
11 तब लोग कहेंगे, यक़ीनन सादिक़ के लिए अज्र है; बेशक ख़ुदा है, जो ज़मीन पर 'अदालत करता है।
かくて人はいふべし實にただしきものに報賞あり實にさばきをほどこしたまふ神はましますなりと