< ज़बूर 57 >
1 मुझ पर रहम कर, ऐ ख़ुदा! मुझ पर रहम कर, क्यूँकि मेरी जान तेरी पनाह लेती है। मैं तेरे परों के साये में पनाह लूँगा, जब तक यह आफ़तें गुज़र न जाएँ।
Smiluj se na me, Bože, smiluj se na me; jer se u tebe uzda duša moja, i pod sjen krila tvojih sklanjam se dok ne proðu nevolje.
2 मैं ख़ुदा ता'ला से फ़रियाद करूँगा; ख़ुदा से, जो मेरे लिए सब कुछ करता है।
Prizivam Boga višnjega, Boga, koji mi dobro èini;
3 वह मेरी नजात के लिए आसमान से भेजेगा; जब वह जो मुझे निगलना चाहता है, मलामत करता हो। (सिलाह) ख़ुदा अपनी शफ़क़त और सच्चाई को भेजेगा।
Da pošlje s neba i saèuva me, da posrami onoga koji traži da me proždre; da pošlje Bog milost svoju i istinu svoju.
4 मेरी जान बबरों के बीच है, मैं आतिश मिज़ाज लोगों में पड़ा हूँ या'नी ऐसे लोगों में जिनके दाँत बर्छियाँऔर तीर हैं, जिनकी ज़बान तेज़ तलवार है।
Duša je moja meðu lavovima, ležim meðu onima koji dišu plamenom. Zubi su sinova ljudskih koplja i strijele, i njihov jezik maè oštar.
5 ऐ ख़ुदा! तू आसमान पर सरफ़राज़ हो, तेरा जलाल सारी ज़मीन पर हो!
Uzvisi se više nebesa, Bože, po svoj zemlji neka bude slava tvoja!
6 उन्होंने मेरे पाँव के लिए जाल लगाया है; मेरी जान 'आजिज़ आ गई। उन्होंने मेरे आगे गढ़ा खोदा, वह ख़ुद उसमें गिर पड़े। (सिलाह)
Metnuše zamku nogama mojima, i stegoše dušu moju, iskopaše preda mnom jamu, i sami padoše u nju.
7 मेरा दिल क़ाईम है, ऐ ख़ुदा! मेरा दिल क़ाईम है; मैं गाऊँगा बल्कि मैं मदह सराई करूँगा।
Utvrdilo se srce moje, Bože, utvrdilo se srce moje; pjevaæu te i slaviæu.
8 ऐ मेरी शौकत, बेदार हो! ऐ बर्बत और सितार जागो! मैं ख़ुद सुबह सवेरे जाग उठूँगा।
Probudi se, slavo moja, probudi se, psaltire i gusle; ustaæu rano.
9 ऐ ख़ुदावन्द! मैं लोगों में तेरा शुक्र करूँगा। मैं उम्मतों में तेरी मदहसराई करूँगा।
Hvaliæu Gospoda po narodima, pjevaæu ti po plemenima.
10 क्यूँकि तेरी शफ़क़त आसमान के, और तेरी सच्चाई फ़लाक के बराबर बुलन्द है।
Jer je velika do nebesa milost tvoja, i istina tvoja do oblaka.
11 ऐ ख़ुदा! तू आसमान पर सरफ़राज़ हो! तेरा जलाल सारी ज़मीन पर हो!
Uzvisi se više nebesa, Bože, po svoj zemlji neka bude slava tvoja!