< ज़बूर 57 >

1 मुझ पर रहम कर, ऐ ख़ुदा! मुझ पर रहम कर, क्यूँकि मेरी जान तेरी पनाह लेती है। मैं तेरे परों के साये में पनाह लूँगा, जब तक यह आफ़तें गुज़र न जाएँ।
Be merciful to me, God, show favor to me, for my soul takes refuge in you. Yes, in the shadow of your wings, I will take refuge, until disaster has passed.
2 मैं ख़ुदा ता'ला से फ़रियाद करूँगा; ख़ुदा से, जो मेरे लिए सब कुछ करता है।
I cry out to El 'Elyon [God Most High], to God who accomplishes my requests for me.
3 वह मेरी नजात के लिए आसमान से भेजेगा; जब वह जो मुझे निगलना चाहता है, मलामत करता हो। (सिलाह) ख़ुदा अपनी शफ़क़त और सच्चाई को भेजेगा।
He will send from heaven, and save me, he rebukes the one who is pursuing me. (Selah) ·contemplation with musical interlude·. God will send out his cheshed ·loving-kindness· and his truth.
4 मेरी जान बबरों के बीच है, मैं आतिश मिज़ाज लोगों में पड़ा हूँ या'नी ऐसे लोगों में जिनके दाँत बर्छियाँऔर तीर हैं, जिनकी ज़बान तेज़ तलवार है।
My soul is among lions. I lie among those who are set on fire, even the sons of men, whose teeth are spears and arrows, and their tongue a sharp sword.
5 ऐ ख़ुदा! तू आसमान पर सरफ़राज़ हो, तेरा जलाल सारी ज़मीन पर हो!
Be exalted, God, above the heavens! Let your kavod ·weighty glory· be above all the earth!
6 उन्होंने मेरे पाँव के लिए जाल लगाया है; मेरी जान 'आजिज़ आ गई। उन्होंने मेरे आगे गढ़ा खोदा, वह ख़ुद उसमें गिर पड़े। (सिलाह)
They have prepared a net for my steps. My soul is bowed down. They dig a pit before me. They fall into the middle of it themselves. (Selah) ·contemplation with musical interlude·.
7 मेरा दिल क़ाईम है, ऐ ख़ुदा! मेरा दिल क़ाईम है; मैं गाऊँगा बल्कि मैं मदह सराई करूँगा।
My heart is steadfast, God, my heart is steadfast. I will sing, yes, I will sing zahmar ·musical praise·.
8 ऐ मेरी शौकत, बेदार हो! ऐ बर्बत और सितार जागो! मैं ख़ुद सुबह सवेरे जाग उठूँगा।
Wake up, my glory! Wake up, lute and harp! I will wake up the dawn.
9 ऐ ख़ुदावन्द! मैं लोगों में तेरा शुक्र करूँगा। मैं उम्मतों में तेरी मदहसराई करूँगा।
I will yadah ·extend hands in thankful praise· to you, Lord, among the peoples. I will sing zahmar ·musical praise· to you among the nations.
10 क्यूँकि तेरी शफ़क़त आसमान के, और तेरी सच्चाई फ़लाक के बराबर बुलन्द है।
For your great cheshed ·loving-kindness· reaches to the heavens, and your truth to the skies.
11 ऐ ख़ुदा! तू आसमान पर सरफ़राज़ हो! तेरा जलाल सारी ज़मीन पर हो!
Be exalted, God, above the heavens. Let your kavod ·weighty glory· be over all the earth.

< ज़बूर 57 >