< ज़बूर 56 >
1 ऐ ख़ुदा! मुझ पर रहम फ़रमा, क्यूँकि इंसान मुझे निगलना चाहता है; वह दिन भर लड़कर मुझे सताता है।
Tem misericórdia de mim, ó Deus, porque o homem procura devorar-me; pelejando todo o dia, me oprime.
2 मेरे दुश्मन दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं, क्यूँकि जो गु़रूर करके मुझ से लड़ते हैं, वह बहुत हैं।
Os que me andam espiando procuram devorar-me todo o dia; pois são muitos os que pelejam contra mim, ó altíssimo.
3 जिस वक़्त मुझे डर लगेगा, मैं तुझ पर भरोसा करूँगा।
Em qualquer tempo que eu temer, me confiarei de ti.
4 मेरा फ़ख़्र ख़ुदा पर और उसके कलाम पर है। मेरा भरोसा ख़ुदा पर है, मैं डरने का नहीं: बशर मेरा क्या कर सकता है?
Em Deus louvarei a sua palavra, em Deus pus a minha confiança; não temerei o que me possa fazer a carne.
5 वह दिन भर मेरी बातों को मरोड़ते रहते हैं; उनके ख़याल सरासर यही हैं, कि मुझ से बदी करें।
Todos os dias torcem as minhas palavras: todos os seus pensamentos são contra mim para o mal.
6 वह इकठ्ठे होकर छिप जाते हैं; वह मेरे नक्श — ए — क़दम को देखते भालते हैं, क्यूँकि वह मेरी जान की घात में हैं।
Ajuntam-se, escondem-se, marcam os meus passos, como aguardando a minha alma.
7 क्या वह बदकारी करके बच जाएँगे? ऐ ख़ुदा, क़हर में उम्मतों को गिरा दे!
Porventura escaparão eles por meio da sua iniquidade? Ó Deus, derriba os povos na tua ira!
8 तू मेरी आवारगी का हिसाब रखता है; मेरे आँसुओं को अपने मश्कीज़े में रख ले। क्या वह तेरी किताब में लिखे नहीं हैं?
Tu contas as minhas vagueações; põe as minhas lágrimas no teu odre: não estão elas no teu livro?
9 तब तो जिस दिन मैं फ़रियाद करूँगा, मेरे दुश्मन पस्पा होंगे। मुझे यह मा'लूम है कि ख़ुदा मेरी तरफ़ है।
Quando eu a ti clamar, então voltarão para traz os meus inimigos: isto sei eu, porque Deus é por mim.
10 मेरा फ़ख़्र ख़ुदा पर और उसके कलाम पर है; मेरा फ़ख़्र ख़ुदावन्द पर और उसके कलाम पर है।
Em Deus louvarei a sua palavra: no Senhor louvarei a sua palavra.
11 मेरा भरोसा ख़ुदा पर है, मैं डरने का नहीं। इंसान मेरा क्या कर सकता है?
Em Deus tenho posto a minha confiança; não temerei o que me possa fazer o homem.
12 ऐ ख़ुदा! तेरी मन्नतें मुझ पर हैं; मैं तेरे हुजू़र शुक्रगुज़ारी की कु़र्बानियाँ पेश करूँगा।
Os teus votos estão sobre mim, ó Deus: eu te renderei ações de graças;
13 क्यूँकि तूने मेरी जान को मौत से छुड़ाया; क्या तूने मेरे पाँव को फिसलने से नहीं बचाया, ताकि मैं ख़ुदा के सामने ज़िन्दों के नूर में चलूँ?
Pois tu livraste a minha alma da morte; não livrarás os meus pés da queda, para andar diante de Deus na luz dos viventes?