< ज़बूर 53 >
1 बेवकू़फ़ ने अपने दिल में कहा है, कि कोई ख़ुदा नहीं। वह बिगड़ गये उन्होंने नफ़रत अंगेज़ बदी की है। कोई नेकोकार नहीं।
El necio dijo en su corazón: No hay ʼElohim. Están corrompidos. Cometieron repugnante injusticia. No hay uno que haga lo recto.
2 ख़ुदा ने आसमान पर से बनी आदम पर निगाह की ताकि देखे कि कोई दानिशमंद, कोई ख़ुदा का तालिब है या नहीं।
ʼElohim miró desde el cielo a los hijos de hombres Para ver si hay alguno que entiende, Que busca a ʼElohim.
3 वह सब के सब फिर गए हैं, वह एक साथ नापाक हो गए; कोई नेकोकार नहीं, एक भी नहीं।
Cada uno de ellos se apartó. Juntamente se volvieron corruptos. No hay quien hace lo bueno, Ni siquiera uno.
4 क्या उन सब बदकिरदारों को कुछ 'इल्म नहीं, जो मेरे लोगों को ऐसे खाते हैं जैसे रोटी, और ख़ुदा का नाम नहीं लेते?
¿Los que practican iniquidad no saben Que devoran a mi pueblo como si comieran pan, Y no invocaron a ʼElohim?
5 वहाँ उन पर बड़ा ख़ौफ़ छा गया जबकि ख़ौफ़ की कोई बात न थी। क्यूँकि ख़ुदा ने उनकी हड्डियाँ जो तेरे ख़िलाफ़ खै़माज़न थे, बिखेर दीं। तूने उनको शर्मिन्दा कर दिया, इसलिए कि ख़ुदा ने उनको रद्द कर दिया है।
Allí, donde nada había que temer, tuvieron gran terror. Porque ʼElohim dispersó a los que acamparon contra ti, Los avergonzaste, Porque ʼElohim los rechazó.
6 काश कि इस्राईल की नजात सिय्यून में से होती! जब ख़ुदा अपने लोगों को ग़ुलामी से लौटा लाएगा; तो या'कू़ब ख़ुश और इस्राईल शादमान होगा।
¡Oh, que venga de Sion la salvación de Israel! Cuando ʼElohim restaure de la cautividad a su pueblo, ¡Que se regocije Jacob, y se alegre Israel!