< ज़बूर 51 >

1 ऐ ख़ुदा! अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर; अपनी रहमत की कसरत के मुताबिक़ मेरी ख़ताएँ मिटा दे।
Smiluj se na me, Bože, po milosti svojoj, i po velikoj dobroti svojoj oèisti bezakonje moje.
2 मेरी बदी को मुझ से धो डाल, और मेरे गुनाह से मुझे पाक कर!
Operi me dobro od bezakonja mojega, i od grijeha mojega oèisti me.
3 क्यूँकि मैं अपनी ख़ताओं को मानता हूँ, और मेरा गुनाह हमेशा मेरे सामने है।
Jer ja znam prijestupe svoje, i grijeh je moj jednako preda mnom.
4 मैंने सिर्फ़ तेरा ही गुनाह किया है, और वह काम किया है जो तेरी नज़र में बुरा है; ताकि तू अपनी बातों में रास्त ठहरे, और अपनी 'अदालत में बे'ऐब रहे।
Samome tebi zgriješih, i na tvoje oèi zlo uèinih, a ti si pravedan u rijeèima svojim i èist u sudu svojem.
5 देख, मैंने बदी में सूरत पकड़ी, और मैं गुनाह की हालत में माँ के पेट में पड़ा।
Gle, u bezakonju rodih se, i u grijehu zatrudnje mati moja mnom.
6 देख, तू बातिन की सच्चाई पसंद करता है, और बातिन ही में मुझे दानाई सिखाएगा।
Gle, istinu ljubiš u srcu, i iznutra javljaš mi mudrost.
7 ज़ूफ़े से मुझे साफ़ कर, तो मैं पाक हूँगा; मुझे धो, और मैं बर्फ़ से ज़्यादा सफ़ेद हूँगा।
Pokropi me isopom, i oèistiæu se; umij me, i biæu bjelji od snijega.
8 मुझे ख़ुशी और ख़ुर्रमी की ख़बर सुना, ताकि वह हड्डियाँ जो तूने तोड़ डाली, हैं, ख़ुश हों।
Daj mi da slušam radost i veselje, da se prenu kosti koje si potro.
9 मेरे गुनाहों की तरफ़ से अपना मुँह फेर ले, और मेरी सब बदकारी मिटा डाल।
Odvrati lice svoje od grijeha mojih, i sva bezakonja moja oèisti.
10 ऐ ख़ुदा! मेरे अन्दर पाक दिल पैदा कर, और मेरे बातिन में शुरू' से सच्ची रूह डाल।
Uèini mi, Bože, èisto srce, i duh prav ponovi u meni.
11 मुझे अपने सामने से ख़ारिज न कर, और अपनी पाक रूह को मुझ से जुदा न कर।
Nemoj me odvrgnuti od lica svojega, i svetoga duha svojega nemoj uzeti od mene.
12 अपनी नजात की शादमानी मुझे फिर'इनायत कर, और मुस्त'इद रूह से मुझे संभाल।
Vrati mi radost spasenja svojega, i duh vladalaèki neka me potkrijepi.
13 तब मैं ख़ताकारों को तेरी राहें सिखाऊँगा, और गुनहगार तेरी तरफ़ रुजू' करेंगे।
Nauèiæu bezakonike putovima tvojim, i grješnici k tebi æe se obratiti.
14 ऐ ख़ुदा! ऐ मेरे नजात बख़्श ख़ुदा, मुझे खू़न के जुर्म से छुड़ा, तो मेरी ज़बान तेरी सदाक़त का हम्द गाएगी।
Izbavi me od krvi, Bože, Bože, spasitelju moj, i jezik æe moj glasiti pravdu tvoju.
15 ऐ ख़ुदावन्द! मेरे होंटों को खोल दे, तो मेरे मुँह से तेरी सिताइश निकलेगी।
Gospode! otvori usta moja, i ona æe kazati hvalu tvoju.
16 क्यूँकि कु़र्बानी में तेरी ख़ुशी नहीं, वरना मैं देता; सोख़्तनी कु़र्बानी से तुझे कुछ ख़ुशी नहीं।
Jer žrtve neæeš: ja bih je prinio; za žrtve paljenice ne mariš.
17 शिकस्ता रूह ख़ुदा की कु़र्बानी है; ऐ ख़ुदा! तू शिकस्ता और ख़स्तादिल को हक़ीर न जानेगा।
Žrtva je Bogu duh skrušen, srca skrušena i poništena ne odbacuješ, Bože.
18 अपने करम से सिय्यून के साथ भलाई कर, येरूशलेम की फ़सील को तामीर कर,
Po dobroti svojoj, Gospode, èini dobro Sionu, podigni zidove Jerusalimske.
19 तब तू सदाक़त की कु़र्बानियों और सोख़्तनी कु़र्बानी और पूरी सोख़्तनी कु़र्बानी से खु़श होगा; और वह तेरे मज़बह पर बछड़े चढ़ाएँगे।
Onda æe ti biti mile žrtve pravde, prinosi i žrtve paljenice; onda æe metati na žrtvenik tvoj teoce.

< ज़बूर 51 >