< ज़बूर 50 >
1 रब ख़ुदावन्द ख़ुदा ने कलाम किया, और पूरब से पश्चिम तक दुनिया को बुलाया।
God, the all-powerful one, speaks; he summons all people, from the east to the west.
2 सिय्यून से जो हुस्न का कमाल है, ख़ुदा जलवागर हुआ है।
His glory shines from Zion [Hill in Jerusalem], an extremely beautiful city.
3 हमारा ख़ुदा आएगा और ख़ामोश नहीं रहेगा; आग उसके आगे आगे भसम करती जाएगी,
Our God comes to us, and he is not silent. A great fire is in front of him, and a storm is around him.
4 अपनी उम्मत की 'अदालत करने के लिए वह आसमान — ओ — ज़मीन को तलब करेगा,
He comes to judge his people. He shouts to the [angels in] heaven and to [the people on] the earth.
5 कि मेरे पाक लोगों को मेरे सामने जमा' करो, जिन्होंने कु़र्बानी के ज़रिये' से मेरे साथ 'अहद बाँधा है।
He says, “Summon those who faithfully [worship] me, those who made an agreement with me by offering sacrifices to me.”
6 और आसमान उसकी सदाक़त बयान करेंगे, क्यूँकि ख़ुदा आप ही इन्साफ़ करने वाला है।
The [angels in] heaven declare, “God is righteous, and he is the supreme judge.”
7 “ऐ मेरी उम्मत, सुन, मैं कलाम करूँगा, और ऐ इस्राईल, मैं तुझ पर गवाही दूँगा। ख़ुदा, तेरा ख़ुदा मैं ही हूँ।
God says, “My people, listen! You Israeli people, listen, as I, your God, say what you have done that is wrong.
8 मैं तुझे तेरी कु़र्बानियों की वजह से मलामत नहीं करूँगा, और तेरी सोख़्तनी क़ुर्बानियाँ बराबर मेरे सामने रहती हैं;
I am not rebuking you for making sacrifices to me, for the offerings that you completely burn [on the altar].
9 न मैं तेरे घर से बैल लूँगा न तेरे बाड़े से बकरे।
But I do not really need [you to sacrifice] the bulls from your barns and the goats from your pens,
10 क्यूँकि जंगल का एक एक जानवर, और हज़ारों पहाड़ों के चौपाये मेरे ही हैं।
because all the animals in the forest belong to me, [and all] the cattle on 1,000 hills also belong to me.
11 मैं पहाड़ों के सब परिन्दों को जानता हूँ, और मैदान के दरिन्दे मेरे ही हैं।
I [own and] know all the birds and all [the creatures] that move around in the fields.
12 “अगर मैं भूका होता तो तुझ से न कहता, क्यूँकि दुनिया और उसकी मा'मूरी मेरी ही है।
[So], if I were hungry, I would not tell you [to bring me some food], because everything in the world belongs to me!
13 क्या मैं साँडों का गोश्त खाऊँगा, या बकरों का खू़न पियूँगा?
I do not eat the flesh of the bulls [that you sacrifice], and I do not drink the blood of the goats [that you offer to me].
14 ख़ुदा के लिए शुक्रगुज़ारी की कु़र्बानी पेश करें, और हक़ता'ला के लिए अपनी मन्नतें पूरी कर;
The sacrifice [that I really want is that] you thank me and do all that you have promised to do.
15 और मुसीबत के दिन मुझ से फ़रियाद कर मैं तुझे छुड़ाऊँगा और तू मेरी तम्जीद करेगा।”
And pray to me when you have troubles. [If you do that], I will rescue you, and [then] you will praise me.
16 लेकिन ख़ुदा शरीर से कहता है, तुझे मेरे क़ानून बयान करने से क्या वास्ता? और तू मेरे 'अहद को अपनी ज़बान पर क्यूँ लाता है?
But I say this to the wicked people: (Why do you/It does not benefit you at all to) [RHQ] recite my commandments or talk about the agreement that I made with you,
17 जबकि तुझे तर्बियत से 'अदावत है, और मेरी बातों को पीठ पीछे फेंक देता है।
because you have refused to allow me to discipline you, and you have rejected what I told you to do.
18 तू चोर को देखकर उससे मिल गया, और ज़ानियों का शरीक रहा है।
Every time that you see a thief, you become his friend, and you spend [much] time with those who commit adultery.
19 “तेरे मुँह से बदी निकलती है, और तेरी ज़बान फ़रेब गढ़ती है।
You are [always] talking [MTY] about doing wicked things, and you are [always] to deceive people.
20 तू बैठा बैठा अपने भाई की ग़ीबत करता है; और अपनी ही माँ के बेटे पर तोहमत लगाता है।
You are always accusing members of your own family [of doing wrong], and slandering them.
21 तूने यह काम किए और मैं ख़ामोश रहा; तूने गुमान किया, कि मैं बिल्कुल तुझ ही सा हूँ। लेकिन मैं तुझे मलामत करके इनको तेरी आँखों के सामने तरतीब दूँगा।
You did [all] those things, and I did not say anything to you, [so] you thought that I was [a sinner] just like you. But now I rebuke you and accuse you, right in front of you.
22 “अब ऐ ख़ुदा को भूलने वालो, इसे सोच लो, ऐसा न हो कि मैं तुम को फाड़ डालूँ, और कोई छुड़ाने वाला न हो।
So, all you who have ignored me, pay attention to this, because if you do not, I will tear you to pieces, and there will be no one to rescue you.
23 जो शुक्रगुज़ारी की क़ुर्बानी पेश करता है वह मेरी तम्जीद करता है; और जो अपना चालचलन दुरुस्त रखता है, उसको मैं ख़ुदा की नजात दिखाऊँगा।”
The sacrifice that [truly] honors me is to thank me [for what I have done]; and I will save those who always do the things that I want them to.”