< ज़बूर 5 >

1 ऐ ख़ुदावन्द मेरी बातो पर कान लगा! मेरी आहों पर तवज्जुह कर!
in finem pro ea quae hereditatem consequitur psalmus David verba mea auribus percipe Domine intellege clamorem meum
2 ऐ मेरे बादशाह! ऐ मेरे ख़ुदा! मेरी फ़रियाद की आवाज़ की तरफ़ मुतवज्जिह हो, क्यूँकि मैं तुझ ही से दुआ करता हूँ।
intende voci orationis meae rex meus et Deus meus
3 ऐ ख़ुदावन्द तू सुबह को मेरी आवाज़ सुनेगा। मैं सवेरे ही तुझ से दुआ करके इन्तिज़ार करूँगा।
quoniam ad te orabo Domine mane exaudies vocem meam
4 क्यूँकि तू ऐसा ख़ुदा नहीं जो शरारत से खु़श हो। गुनाह तेरे साथ नहीं रह सकता।
mane adstabo tibi et videbo quoniam non deus volens iniquitatem tu es
5 घमंडी तेरे सामने खड़े न होंगे। तुझे सब बदकिरदारों से नफ़रत है।
neque habitabit iuxta te malignus neque permanebunt iniusti ante oculos tuos
6 तू उनको जो झूट बोलते हैं हलाक करेगा। ख़ुदावन्द को खू़ँख़्वार और दग़ाबाज़ आदमी से नफ़रत है।
odisti omnes qui operantur iniquitatem perdes omnes qui loquuntur mendacium virum sanguinum et dolosum abominabitur Dominus
7 लेकिन मैं तेरी शफ़क़त की कसरत से तेरे घर में आऊँगा। मैं तेरा रौ'ब मानकर तेरी पाक हैकल की तरफ़ रुख़ करके सिज्दा करूँगा।
ego autem in multitudine misericordiae tuae introibo in domum tuam adorabo ad templum sanctum tuum in timore tuo
8 ऐ ख़ुदावन्द! मेरे दुश्मनों की वजह से मुझे अपनी सदाक़त में चला; मेरे आगे आगे अपनी राह को साफ़ कर दे।
Domine deduc me in iustitia tua propter inimicos meos dirige in conspectu meo viam tuam
9 क्यूँकि उनके मुँह में ज़रा सच्चाई नहीं, उनका बातिन सिर्फ़ बुराई है। उनका गला खुली क़ब्र है, वह अपनी ज़बान से ख़ुशामद करते हैं।
quoniam non est in ore eorum veritas cor eorum vanum est
10 ऐ ख़ुदा तू उनको मुजरिम ठहरा; वह अपने ही मश्वरों से तबाह हों। उनको उनके गुनाहों की ज़्यादती की वजह से ख़ारिज कर दे; क्यूँकि उन्होंने तुझ से बग़ावत की है।
sepulchrum patens est guttur eorum linguis suis dolose agebant iudica illos Deus decidant a cogitationibus suis secundum multitudinem impietatum eorum expelle eos quoniam inritaverunt te Domine
11 लेकिन वह सब जो तुझ पर भरोसा रखते हैं, शादमान हों, वह सदा ख़ुशी से ललकारें, क्यूँकि तू उनकी हिमायत करता है। और जो तेरे नाम से मुहब्बत रखते हैं, तुझ में ख़ुश रहें।
et laetentur omnes qui sperant in te in aeternum exultabunt et habitabis in eis et gloriabuntur in te omnes qui diligunt nomen tuum
12 क्यूँकि तू सादिक़ को बरकत बख़्शेगा। ऐ ख़ुदावन्द! तू उसे करम से ढाल की तरह ढाँक लेगा।
quoniam tu benedices iusto Domine ut scuto bonae voluntatis coronasti nos

< ज़बूर 5 >