< ज़बूर 48 >

1 हमारे ख़ुदा के शहर में, अपने पाक पहाड़ पर ख़ुदावन्द बुज़ु़र्ग़ और बेहद सिताइश के लायक़ है!
שִׁיר מִזְמוֹר לִבְנֵי־קֹֽרַח׃ גָּדוֹל יְהוָה וּמְהֻלָּל מְאֹד בְּעִיר אֱלֹהֵינוּ הַר־קָדְשֽׁוֹ׃
2 उत्तर की जानिब कोह — ए — सिय्यून, जो बड़े बादशाह का शहर है, वह बुलन्दी में खु़शनुमा और तमाम ज़मीन का फ़ख़्र है।
יְפֵה נוֹף מְשׂוֹשׂ כָּל־הָאָרֶץ הַר־צִיּוֹן יַרְכְּתֵי צָפוֹן קִרְיַת מֶלֶךְ רָֽב׃
3 उसके महलों में ख़ुदा पनाह माना जाता है।
אֱלֹהִים בְּאַרְמְנוֹתֶיהָ נוֹדַע לְמִשְׂגָּֽב׃
4 क्यूँकि देखो, बादशाह इकट्ठे हुए, वह मिलकर गुज़रे।
כִּֽי־הִנֵּה הַמְּלָכִים נֽוֹעֲדוּ עָבְרוּ יַחְדָּֽו׃
5 वह देखकर दंग हो गए, वह घबराकर भागे।
הֵמָּה רָאוּ כֵּן תָּמָהוּ נִבְהֲלוּ נֶחְפָּֽזוּ׃
6 वहाँ कपकपी ने उनको आ दबाया, और ऐसे दर्द ने जैसा पैदाइश का दर्द।
רְעָדָה אֲחָזָתַם שָׁם חִיל כַּיּוֹלֵֽדָה׃
7 तू पूरबी हवा से तरसीस के जहाज़ों को तोड़ डालता है।
בְּרוּחַ קָדִים תְּשַׁבֵּר אֳנִיּוֹת תַּרְשִֽׁישׁ׃
8 लश्करों के ख़ुदावन्द के शहर में, या'नी अपने ख़ुदा के शहर में, जैसा हम ने सुना था वैसा ही हम ने देखा: ख़ुदा उसे हमेशा बरक़रार रखेगा।
כַּאֲשֶׁר שָׁמַעְנוּ ׀ כֵּן רָאִינוּ בְּעִיר־יְהוָה צְבָאוֹת בְּעִיר אֱלֹהֵינוּ אֱלֹהִים יְכוֹנְנֶהָ עַד־עוֹלָם סֶֽלָה׃
9 ऐ ख़ुदा, तेरी हैकल के अन्दर हम ने तेरी शफ़क़त पर ग़ौर किया है
דִּמִּינוּ אֱלֹהִים חַסְדֶּךָ בְּקֶרֶב הֵיכָלֶֽךָ׃
10 ऐ ख़ुदा, जैसा तेरा नाम है वैसी ही तेरी सिताइश ज़मीन की इन्तिहा तक है। तेरा दहना हाथ सदाक़त से मा'मूर है।
כְּשִׁמְךָ אֱלֹהִים כֵּן תְּהִלָּתְךָ עַל־קַצְוֵי־אֶרֶץ צֶדֶק מָלְאָה יְמִינֶֽךָ׃
11 तेरे अहकाम की वजह से: कोह — ए — सिय्यून शादमान हो यहूदाह की बेटियाँ ख़ुशी मनाए,
יִשְׂמַח ׀ הַר־צִיּוֹן תָּגֵלְנָה בְּנוֹת יְהוּדָה לְמַעַן מִשְׁפָּטֶֽיךָ׃
12 सिय्यून के गिर्द फिरो और उसका तवाफ़ करो उसके बुर्जों को गिनों,
סֹבּוּ צִיּוֹן וְהַקִּיפוּהָ סִפְרוּ מִגְדָּלֶֽיהָ׃
13 उसकी शहर पनाह को खू़ब देख लो, उसके महलों पर ग़ौर करो; ताकि तुम आने वाली नसल को उसकी ख़बर दे सको।
שִׁיתוּ לִבְּכֶם ׀ לְֽחֵילָה פַּסְּגוּ אַרְמְנוֹתֶיהָ לְמַעַן תְּסַפְּרוּ לְדוֹר אַחֲרֽוֹן׃
14 क्यूँकि यही ख़ुदा हमेशा से हमेशा तक हमारा ख़ुदा है; यही मौत तक हमारा रहनुमा रहेगा।
כִּי זֶה ׀ אֱלֹהִים אֱלֹהֵינוּ עוֹלָם וָעֶד הוּא יְנַהֲגֵנוּ עַל־מֽוּת׃

< ज़बूर 48 >