< ज़बूर 47 >
1 ऐ सब उम्मतों, तालियाँ बजाओ! ख़ुदा के लिए ख़ुशी की आवाज़ से ललकारो!
¡Pueblos todos, aplaudan! ¡Aclamen a ʼElohim con voz de júbilo!
2 क्यूँकि ख़ुदावन्द ता'ला बड़ा है, वह पूरी ज़मीन का शहंशाह है।
Porque Yavé el ʼElyón es temible, Rey grande sobre toda la tierra.
3 वह उम्मतों को हमारे सामने पस्त करेगा, और क़ौमें हमारे क़दमों तले हो जायेंगी।
Él somete los pueblos a nosotros, Las naciones bajo nuestros pies.
4 वह हमारे लिए हमारी मीरास को चुनेगा, जो उसके महबूब या'क़ूब की हश्मत है। (सिलाह)
Él nos eligió nuestra herencia, El Esplendor de Jacob, a quien amó. (Selah)
5 ख़ुदा ने बुलन्द आवाज़ के साथ, ख़ुदावन्द ने नरसिंगे की आवाज़ के साथ सु'ऊद फ़रमाया।
ʼElohim asciende con aclamación de júbilo, Yavé con sonido de trompeta.
6 मदहसराई करो, ख़ुदा की मदहसराई करो! मदहसराई करो, हमारे बादशाह की मदहसराई करो!
¡Canten a ʼElohim, canten! ¡Canten a nuestro Rey, canten!
7 क्यूँकि ख़ुदा सारी ज़मीन का बादशाह है; 'अक़्ल से मदहसराई करो।
Porque ʼElohim es el Rey de toda la tierra. ¡Canten con entendimiento!
8 ख़ुदा क़ौमों पर सल्तनत करता है; ख़ुदा अपने पाक तख़्त पर बैठा है।
¡ʼElohim reina sobre las naciones! ¡ʼElohim se sienta en su santo trono!
9 उम्मतों के सरदार इकट्ठे हुए हैं, ताकि अब्रहाम के ख़ुदा की उम्मत बन जाएँ; क्यूँकि ज़मीन की ढालें ख़ुदा की हैं, वह बहुत बुलन्द है।
Los jefes de las naciones se reúnen como pueblo del ʼElohim de Abraham, Porque de ʼElohim son los escudos de la tierra, Él es sumamente exaltado.