< ज़बूर 34 >

1 मैं हर वक़्त ख़ुदावन्द को मुबारक कहूँगा, उसकी सिताइश हमेशा मेरी ज़बान पर रहेगी।
Bendeciré a Jehová en todo tiempo; siempre será su alabanza en mi boca.
2 मेरी रूह ख़ुदावन्द पर फ़ख़्र करेगी; हलीम यह सुनकर ख़ुश होंगे।
En Jehová se alabará mi alma; oirán los mansos, y alegrarse han.
3 मेरे साथ ख़ुदावन्द की बड़ाई करो, हम मिलकर उसके नाम की तम्जीद करें।
Engrandecéd a Jehová, conmigo; y ensalcemos su nombre a una.
4 मैं ख़ुदावन्द का तालिब हुआ, उसने मुझे जवाब दिया, और मेरी सारी दहशत से मुझे रिहाई बख़्शी।
Busqué a Jehová, y él me oyó; y de todos mis miedos me libró.
5 उन्होंने उसकी तरफ़ नज़र की और मुनव्वर हो गए; और उनके मुँह पर कभी शर्मिन्दगी न आएगी।
Miraron a él, y fueron alumbrados; y sus rostros no se avergonzaron.
6 इस ग़रीब ने दुहाई दी, ख़ुदावन्द ने इसकी सुनी, और इसे इसके सब दुखों से बचा लिया।
Este pobre llamó, y Jehová le oyó, y de todas sus angustias le escapó.
7 ख़ुदावन्द से डरने वालों के चारों तरफ़ उसका फ़रिश्ता ख़ेमाज़न होता है और उनको बचाता है।
El ángel de Jehová asienta campo en derredor de los que le temen, y los defiende.
8 आज़माकर देखो, कि ख़ुदावन्द कैसा मेहरबान है! वह आदमी जो उस पर भरोसा करता है।
Gustád, y ved que es bueno Jehová; dichoso el varón que confiará en él.
9 ख़ुदावन्द से डरो, ऐ उसके पाक लोगों! क्यूँकि जो उससे डरते हैं उनको कुछ कमी नहीं।
Teméd a Jehová sus santos; porque no hay falta para los que le temen.
10 बबर के बच्चे तो हाजतमंद और भूके होते हैं, लेकिन ख़ुदावन्द के तालिब किसी ने'मत के मोहताज न हाँगे।
Los leoncillos empobrecieron, y tuvieron hambre; y los que buscan a Jehová, no tendrán falta de ningún bien.
11 ऐ बच्चो, आओ मेरी सुनो, मैं तुम्हें ख़ुदा से डरना सिखाऊँगा।
Veníd, hijos, oídme; temor de Jehová os enseñaré.
12 वह कौन आदमी है जो ज़िन्दगी का मुश्ताक़ है, और बड़ी उम्र चाहता है ताकि भलाई देखें?
¿Quién es el varón que desea vida, qué codicia días para ver bien?
13 अपनी ज़बान को बदी से बाज़ रख, और अपने होंटों को दग़ा की बात से।
Guarda tu lengua de mal, y tus labios de hablar engaño.
14 बुराई को छोड़ और नेकी कर; सुलह का तालिब हो और उसी की पैरवी कर।
Apártate del mal, y haz el bien; inquiere la paz, y síguela.
15 ख़ुदावन्द की निगाह सादिकों पर है, और उसके कान उनकी फ़रियाद पर लगे रहते हैं।
Los ojos de Jehová están sobre los justos; y sus oídos al clamor de ellos.
16 ख़ुदावन्द का चेहरा बदकारों के ख़िलाफ़ है, ताकि उनकी याद ज़मीन पर से मिटा दे।
La ira de Jehová contra los que mal hacen, para cortar de la tierra la memoria de ellos.
17 सादिक़ चिल्लाए, और ख़ुदावन्द ने सुना; और उनको उनके सब दुखों से छुड़ाया।
Clamaron, y Jehová los oyó: y de todas sus angustias los escapó.
18 ख़ुदावन्द शिकस्ता दिलों के नज़दीक है, और ख़स्ता ज़ानों को बचाता है।
Cercano está Jehová a los quebrantados de corazón: y a los molidos de espíritu salvará.
19 सादिक की मुसीबतें बहुत हैं, लेकिन ख़ुदावन्द उसको उन सबसे रिहाई बख्शता है।
Muchos son los males del justo: y de todos ellos le escapará Jehová.
20 वह उसकी सब हड्डियों को महफूज़ रखता है; उनमें से एक भी तोड़ी नहीं जाती।
Guardando todos sus huesos; uno de ellos no será quebrantado.
21 बुराई शरीर को हलाक कर देगी; और सादिक़ से 'अदावत रखने वाले मुजरिम ठहरेंगे।
Matará al malo la maldad; y los que aborrecen al justo serán asolados.
22 ख़ुदावन्द अपने बन्दों की जान का फ़िदिया देता है; और जो उस पर भरोसा करते हैं उनमें से कोई मुजरिम न ठहरेगा।
Redime Jehová la vida de sus siervos; y no serán asolados todos los que en él confían.

< ज़बूर 34 >