< ज़बूर 34 >
1 मैं हर वक़्त ख़ुदावन्द को मुबारक कहूँगा, उसकी सिताइश हमेशा मेरी ज़बान पर रहेगी।
Je bénirai l'Éternel en tout temps; sa louange sera continuellement dans ma bouche.
2 मेरी रूह ख़ुदावन्द पर फ़ख़्र करेगी; हलीम यह सुनकर ख़ुश होंगे।
Mon âme se glorifiera en l'Éternel; les débonnaires l'entendront et se réjouiront.
3 मेरे साथ ख़ुदावन्द की बड़ाई करो, हम मिलकर उसके नाम की तम्जीद करें।
Magnifiez l'Éternel avec moi; exaltons son nom tous ensemble!
4 मैं ख़ुदावन्द का तालिब हुआ, उसने मुझे जवाब दिया, और मेरी सारी दहशत से मुझे रिहाई बख़्शी।
J'ai cherché l'Éternel, et il m'a répondu; il m'a délivré de toutes mes frayeurs.
5 उन्होंने उसकी तरफ़ नज़र की और मुनव्वर हो गए; और उनके मुँह पर कभी शर्मिन्दगी न आएगी।
L'a-t-on regardé? on en est illuminé, on n'a pas à rougir de honte.
6 इस ग़रीब ने दुहाई दी, ख़ुदावन्द ने इसकी सुनी, और इसे इसके सब दुखों से बचा लिया।
Cet affligé a crié, et l'Éternel l'a exaucé, et l'a délivré de toutes ses détresses.
7 ख़ुदावन्द से डरने वालों के चारों तरफ़ उसका फ़रिश्ता ख़ेमाज़न होता है और उनको बचाता है।
L'ange de l'Éternel campe autour de ceux qui le craignent, et il les délivre.
8 आज़माकर देखो, कि ख़ुदावन्द कैसा मेहरबान है! वह आदमी जो उस पर भरोसा करता है।
Goûtez et voyez combien l'Éternel est bon! Heureux l'homme qui se retire vers lui!
9 ख़ुदावन्द से डरो, ऐ उसके पाक लोगों! क्यूँकि जो उससे डरते हैं उनको कुछ कमी नहीं।
Craignez l'Éternel, vous ses saints, car rien ne manque à ceux qui le craignent!
10 बबर के बच्चे तो हाजतमंद और भूके होते हैं, लेकिन ख़ुदावन्द के तालिब किसी ने'मत के मोहताज न हाँगे।
Les lionceaux ont disette et ont faim; mais ceux qui cherchent l'Éternel n'auront faute d'aucun bien.
11 ऐ बच्चो, आओ मेरी सुनो, मैं तुम्हें ख़ुदा से डरना सिखाऊँगा।
Venez, enfants, écoutez-moi; je vous enseignerai la crainte de l'Éternel.
12 वह कौन आदमी है जो ज़िन्दगी का मुश्ताक़ है, और बड़ी उम्र चाहता है ताकि भलाई देखें?
Quel est l'homme qui prenne plaisir à vivre, qui aime à voir des jours de bonheur?
13 अपनी ज़बान को बदी से बाज़ रख, और अपने होंटों को दग़ा की बात से।
Garde ta langue du mal, et tes lèvres de proférer la tromperie.
14 बुराई को छोड़ और नेकी कर; सुलह का तालिब हो और उसी की पैरवी कर।
Détourne-toi du mal, et fais le bien; cherche la paix, et la poursuis.
15 ख़ुदावन्द की निगाह सादिकों पर है, और उसके कान उनकी फ़रियाद पर लगे रहते हैं।
Les yeux de l'Éternel sont sur les justes, et ses oreilles sont attentives à leur cri.
16 ख़ुदावन्द का चेहरा बदकारों के ख़िलाफ़ है, ताकि उनकी याद ज़मीन पर से मिटा दे।
La face de l'Éternel est contre ceux qui font le mal, pour retrancher de la terre leur mémoire.
17 सादिक़ चिल्लाए, और ख़ुदावन्द ने सुना; और उनको उनके सब दुखों से छुड़ाया।
Quand les justes crient, l'Éternel les exauce, et il les délivre de toutes leurs détresses.
18 ख़ुदावन्द शिकस्ता दिलों के नज़दीक है, और ख़स्ता ज़ानों को बचाता है।
L'Éternel est près de ceux qui ont le cœur brisé, et il délivre ceux qui ont l'esprit froissé.
19 सादिक की मुसीबतें बहुत हैं, लेकिन ख़ुदावन्द उसको उन सबसे रिहाई बख्शता है।
Le juste a des maux en grand nombre; mais l'Éternel le délivre de tous.
20 वह उसकी सब हड्डियों को महफूज़ रखता है; उनमें से एक भी तोड़ी नहीं जाती।
Il garde tous ses os; aucun d'eux n'est rompu.
21 बुराई शरीर को हलाक कर देगी; और सादिक़ से 'अदावत रखने वाले मुजरिम ठहरेंगे।
Le mal fera mourir le méchant, et ceux qui haïssent le juste seront détruits.
22 ख़ुदावन्द अपने बन्दों की जान का फ़िदिया देता है; और जो उस पर भरोसा करते हैं उनमें से कोई मुजरिम न ठहरेगा।
L'Éternel rachète l'âme de ses serviteurs, et aucun de ceux qui se retirent vers lui ne sera détruit.