< ज़बूर 32 >
1 मुबारक है वह जिसकी ख़ता बख़्शी गई, और जिसका गुनाह ढाँका गया।
罪惡蒙赦免,過犯得遮掩的人,有福的。
2 मुबारक है वह आदमी जिसकी बदकारी को ख़ुदावन्द हिसाब में नहीं लाता, और जिसके दिल में दिखावा नहीं।
上主不歸咎,心中無詐欺的人是有福的。
3 जब मैं ख़ामोश रहा तो दिन भर के कराहने से मेरी हड्डियाँ घुल गई।
就在我緘默不語的時期內,我的骸因常傷歎而疲衰;
4 क्यूँकि तेरा हाथ रात दिन मुझ पर भारी था; मेरी तरावट गर्मियों की खु़श्की से बदल गई। (सिलाह)
因為你的手晝夜在重壓著我,我的力量像在盛暑中而消耗。(休止)
5 मैंने तेरे सामने अपने गुनाह को मान लिया और अपनी बदकारी को न छिपाया, मैंने कहा, मैं ख़ुदावन्द के सामने अपनी ख़ताओं का इक़रार करूँगा और तूने मेरे गुनाह की बुराई को मु'आफ़ किया। (सिलाह)
我終於向你承認我的罪過,絲毫也沒有隱瞞我的邪惡,我說:「我要向上主承認我的罪孽,」你立刻便寬赦了我的罪債。(休止)
6 इसीलिए हर दीनदार तुझ से ऐसे वक़्त में दुआ करे जब तू मिल सकता है। यक़ीनन जब सैलाब आए तो उस तक नहीं पहुँचेगा।
為此虔敬的人在困厄時,都應向你哀禱,縱使大水氾濫成災,他也不會遭受波濤。
7 तू मेरे छिपने की जगह है; तू मुझे दुख से बचाये रख्खेगा; तू मुझे रिहाई के नाग़मों से घेर लेगा। (सिलाह)
你是我的避難所,救我脫離災禍,你以拯救我的喜樂,常環繞著我。(休止)
8 मैं तुझे ता'लीम दूँगा, और जिस राह पर तुझे चलना होगा तुझे बताऊँगा; मैं तुझे सलाह दूँगा, मेरी नज़र तुझ पर होगी।
我教導你,指示你應走的正道,雙眼注視你,親自作你的嚮導。
9 तुम घोड़े या खच्चर की तरह न बनो जिनमें समझ नहीं, जिनको क़ाबू में रखने का साज़ दहाना और लगाम है, वर्ना वह तेरे पास आने के भी नहीं।
不要像騾馬一般糊塗,需要韁轡來加以管束;不然,不向你眼前趨赴。
10 शरीर पर बहुत सी मुसीबतें आएँगी; पर जिसका भरोसा ख़ुदावन्द पर है, रहमत उसे घेरे रहेगी।
邪惡的人必要受許多的痛苦;仰望上主的人,必有慈愛圍護,
11 ऐ सादिक़ो, ख़ुदावन्द में ख़ुश — ओ — बुर्रम रहो; और ऐ रास्तदिलो, खु़शी से ललकारो!
正義的人們!你們應在上主內歡欣喜樂。 心正的人們!你們應在上主內歡呼踴躍。