< ज़बूर 29 >
1 ऐ फ़रिश्तों की जमा'त ख़ुदावन्द की, ख़ुदावन्द ही की तम्जीद — ओ — ता'ज़ीम करो।
Pour la consommation du tabernacle.
2 ख़ुदावन्द की ऐसी तम्जीद करो, जो उसके नाम के शायाँ है। पाक आराइश के साथ ख़ुदावन्द को सिज्दा करो।
Apportez au Seigneur gloire et honneur, apportez au Seigneur de la gloire pour son nom: adorez le Seigneur dans son saint parvis.
3 ख़ुदावन्द की आवाज़ बादलों पर है; ख़ुदा — ए — जुलजलाल गरजता है, ख़ुदावन्द पानी से भरे बादलों पर है।
La voix du Seigneur a retenti sur les eaux, le Dieu de majesté a tonné; le Seigneur s’est fait entendre sur des eaux abondantes.
4 ख़ुदावन्द की आवाज़ में क़ुदरत है; ख़ुदावन्द की आवाज़ में जलाल है।
La voix du Seigneur est pleine de force: la voix du Seigneur est pleine de magnificence.
5 ख़ुदावन्द की आवाज़ देवदारों को तोड़ डालती है; बल्कि ख़ुदावन्द लुबनान के देवदारों को टुकड़े टुकड़े कर देता है।
La voix du Seigneur brise des cèdres; et le Seigneur brisera les cèdres du Liban,
6 वह उनको बछड़े की तरह, लुबनान और सिरयून को जंगली बछड़े की तरह कुदाता है।
Et les mettra en pièces comme il y mettrait un jeune taureau du Liban: et le bien-aimé sera comme un petit de licorne.
7 ख़ुदावन्द की आवाज़ आग के शो'लों को चीरती है।
La voix du Seigneur fend une flamme de feu;
8 ख़ुदावन्द की आवाज़ वीरान को हिला देती है; ख़ुदावन्द क़ादिस के वीरान को हिला डालता है।
La voix du Seigneur ébranle le désert; et le Seigneur agitera le désert de Cadès.
9 ख़ुदावन्द की आवाज़ से हिरनीयों के हमल गिर जाते हैं; और वह जंगलों को बेबर्ग कर देती है; उसकी हैकल में हर एक जलाल ही जलाल पुकारता है।
La voix du Seigneur prépare des cerfs; et elle découvrira des lieux sombres et épais: et, dans son temple, tous diront: Gloire!
10 ख़ुदावन्द तूफ़ान के वक़्त तख़्तनशीन था; बल्कि ख़ुदावन्द हमेशा तक तख़्तनशीन है।
Le Seigneur fait habiter le déluge sur la terre; et le Seigneur roi siégera éternellement.
11 ख़ुदावन्द अपनी उम्मत को ज़ोर बख़्शेगा; ख़ुदावन्द अपनी उम्मत को सलामती की बरकत देगा।
Le Seigneur donnera de la force à son peuple: le Seigneur bénira son peuple en paix.