< ज़बूर 24 >

1 ज़मीन और उसकी मा'मुरी ख़ुदावन्द ही की है, जहान और उसके बाशिन्दे भी।
Ein Psalm Davids. Die Erde ist des HERRN, und was drinnen ist, der Erdboden, und was drauf wohnet.
2 क्यूँकि उसने समन्दरों पर उसकी बुनियाद रख्खी और सैलाबों पर उसे क़ाईम किया।
Denn er hat ihn an die Meere gegründet und an den Wassern bereitet.
3 ख़ुदावन्द के पहाड़ पर कौन चढ़ेगा? और उसके पाक मक़ाम पर कौन खड़ा होगा?
Wer wird auf des HERRN Berg gehen? und wer wird stehen an seiner heiligen Stätte?
4 वही जिसके हाथ साफ़ हैं और जिसका दिल पाक है, जिसने बकवास पर दिल नहीं लगाया, और मक्र से क़सम नहीं खाई।
Der unschuldige Hände hat und reines Herzens ist; der nicht Lust hat zu loser Lehre und schwöret nicht fälschlich.
5 वह ख़ुदावन्द की तरफ़ से बरकत पाएगा, हाँ अपने नजात देने वाले ख़ुदा की तरफ़ से सदाक़त।
Der wird den Segen vom HERRN empfahen und Gerechtigkeit von dem Gott seines Heils.
6 यही उसके तालिबों की नसल है, यही तेरे दीदार के तलबगार हैं या'नी या'क़ूब। (सिलाह)
Das ist das Geschlecht, das nach ihm fraget, das da suchet dein Antlitz, Jakob. (Sela)
7 ऐ फाटको, अपने सिर बुलन्द करो। ऐ अबदी दरवाज़ो, ऊँचे हो जाओ! और जलाल का बादशाह दाख़िल होगा।
Machet die Tore weit und die Türen in der Welt hoch, daß der König der Ehren einziehe!
8 यह जलाल का बादशाह कौन है? ख़ुदावन्द जो क़वी और क़ादिर है, ख़ुदावन्द जो जंग में ताक़तवर है!
Wer ist derselbe König der Ehren? Es ist der HERR, stark und mächtig, der HERR, mächtig im Streit.
9 ऐ फाटको, अपने सिर बुलन्द करो! ऐ अबदी दरवाज़ो, उनको बुलन्द करो! और जलाल का बादशाह दाख़िल होगा।
Machet die Tore weit und die Türen in der Welt hoch, daß der König der Ehren einziehe!
10 यह जलाल का बादशाह कौन है? लश्करों का ख़ुदावन्द, वही जलाल का बादशाह है। (सिलाह)
Wer ist derselbe König der Ehren? Es ist der HERR Zebaoth, er ist der König der Ehren. (Sela)

< ज़बूर 24 >