< ज़बूर 21 >
1 ऐ ख़ुदावन्द! तेरी ताक़त से बादशाह खु़श होगा; और तेरी नजात से उसे बहुत ख़ुशी होगी।
The king shall joy in your strength, O LORD; and in your salvation how greatly shall he rejoice!
2 तूने उसके दिल की आरज़ू पूरी की है, और उसके मुँह की दरख़्वास्त को नामंजूर नहीं किया। (सिलाह)
You have given him his heart’s desire, and have not withheld the request of his lips. (Selah)
3 क्यूँकि तू उसे 'उम्दा बरकतें बख़्शने में पेश कदमी करता, और ख़ालिस सोने का ताज उसके सिर पर रखता है।
For you prevent him with the blessings of goodness: you set a crown of pure gold on his head.
4 उसने तुझ से ज़िन्दगी चाही और तूने बख़्शी; बल्कि उम्र की दराज़ी हमेशा के लिए।
He asked life of you, and you gave it him, even length of days for ever and ever.
5 तेरी नजात की वजह से उसकी शौकत 'अज़ीम है; तू उसे हश्मत — ओ — जलाल से आरास्ता करता है।
His glory is great in your salvation: honor and majesty have you laid on him.
6 क्यूँकि तू हमेशा के लिए उसे बरकतों से मालामाल करता है; और अपने सामने उसे ख़ुश — ओ — ख़ुर्रम रखता है।
For you have made him most blessed for ever: you have made him exceeding glad with your countenance.
7 क्यूँकि बादशाह का भरोसा ख़ुदावन्द पर है; और हक़ता'ला की शफ़क़त की बदौलत उसे हरगिज़ जुम्बिश न होगी।
For the king trusts in the LORD, and through the mercy of the most High he shall not be moved.
8 तेरा हाथ तेरे सब दुश्मनों को ढूंड निकालेगा, तेरा दहना हाथ तुझ से कीना रखने वालों का पता लगा लेगा।
Your hand shall find out all your enemies: your right hand shall find out those that hate you.
9 तू अपने क़हर के वक़्त उनको जलते तनूर की तरह कर देगा। ख़ुदावन्द अपने ग़ज़ब में उनको निगल जाएगा, और आग उनको खा जाएगी।
You shall make them as a fiery oven in the time of your anger: the LORD shall swallow them up in his wrath, and the fire shall devour them.
10 तू उनके फल को ज़मीन पर से बर्बाद कर देगा, और उनकी नसल को बनी आदम में से।
Their fruit shall you destroy from the earth, and their seed from among the children of men.
11 क्यूँकि उन्होंने तुझ से बदी करना चाहा, उन्होंने ऐसा मन्सूबा बाँधा जिसे वह पूरा नहीं कर सकते।
For they intended evil against you: they imagined a mischievous device, which they are not able to perform.
12 क्यूँकि तू उनका मुँह फेर देगा, तू उनके मुक़ाबले में अपने चिल्ले चढ़ाएगा।
Therefore shall you make them turn their back, when you shall make ready your arrows on your strings against the face of them.
13 ऐ ख़ुदावन्द, तू अपनी ही ताक़त में सरबुलन्द हो! और हम गाकर तेरी क़ुदरत की सिताइश करेंगे।
Be you exalted, LORD, in your own strength: so will we sing and praise your power.