< ज़बूर 2 >
1 क़ौमें किस लिए ग़ुस्से में है और लोग क्यूँ बेकार ख़याल बाँधते हैं
Waarom razen de volken, Bluffen de naties,
2 ख़ुदावन्द और उसके मसीह के ख़िलाफ़ ज़मीन के बादशाह एक हो कर, और हाकिम आपस में मशवरा करके कहते हैं,
Komen de koningen der aarde bijeen, Spannen de vorsten samen tegen Jahweh en zijn Gezalfde:
3 “आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियाँ अपने ऊपर से उतार फेंके।”
"Laat ons hun ketens verbreken, Ons van hun boeien ontslaan!"
4 वह जो आसमान पर तख़्त नशीन है हँसेगा, ख़ुदावन्द उनका मज़ाक़ उड़ाएगा।
Die in de hemelen woont, lacht hen uit, Jahweh bespot ze;
5 तब वह अपने ग़ज़ब में उनसे कलाम करेगा, और अपने ग़ज़बनाक ग़ुस्से में उनको परेशान कर देगा,
Dan dreigt Hij ze toornig, Doet ze rillen voor zijn gramschap:
6 “मैं तो अपने बादशाह को, अपने पाक पहाड़ सिय्यून पर बिठा चुका हूँ।”
"Ik zelf stel Mij een koning aan, Op Sion, mijn heilige berg!"
7 मैं उस फ़रमान को बयान करूँगा: ख़ुदावन्द ने मुझ से कहा, “तू मेरा बेटा है। आज तू मुझ से पैदा हुआ।
Nu wil Ik Jahweh’s beslissing verkonden; Hij heeft Mij gezegd: Gij zijt mijn Zoon; Ik heb U heden verwekt.
8 मुझ से माँग, और मैं क़ौमों को तेरी मीरास के लिए, और ज़मीन के आख़िरी हिस्से तेरी मिल्कियत के लिए तुझे बख़्शूँगा।
Vraag Mij: dan geef Ik U de volkeren tot erfdeel, En de grenzen der aarde tot uw bezit;
9 तू उनको लोहे के 'असा से तोड़ेगा, कुम्हार के बर्तन की तरह तू उनको चकनाचूर कर डालेगा।”
Gij moogt ze vermorzelen met ijzeren knots, En stuk slaan als een aarden pot.
10 इसलिए अब ऐ बादशाहो, अक़्लमंद बनो; ऐ ज़मीन की 'अदालत करने वालो, तरबियत पाओ।
Koningen, bedenkt het dus wel; Weest gewaarschuwd, wereldregeerders!
11 डरते हुए ख़ुदावन्द की इबादत करो, काँपते हुए ख़ुशी मनाओ।
Dient Jahweh in vreze; Beeft, en kust Hem de voeten!
12 बेटे को चूमो, ऐसा न हो कि वह क़हर में आए, और तुम रास्ते में हलाक हो जाओ, क्यूँकि उसका ग़ज़ब जल्द भड़कने को है। मुबारक हैं वह सब जिनका भरोसा उस पर है।
Anders ontsteekt Hij in toorn, en loopt gij uw verderf tegemoet, Want licht kan zijn gramschap ontvlammen. Gelukkig, wie tot Hem zijn toevlucht neemt!