< ज़बूर 17 >
1 ऐ ख़ुदावन्द, हक़ को सुन, मेरी फ़रियाद पर तवज्जुह कर। मेरी दुआ पर, जो दिखावे के होंटों से निकलती है कान लगा।
Yahweh, listen to me while I plead with you to act justly toward me. Hear me while I call out to you to help me. Pay attention to what I say while I pray because I am speaking [MTY] honestly/truthfully.
2 मेरा फ़ैसला तेरे सामने से ज़ाहिर हो! तेरी आँखें रास्ती को देखें!
You are the one who is able to declare that I (am innocent/have not done anything that was wrong) because you see/know that I am telling the truth.
3 तूने मेरे दिल को आज़मा लिया है, तूने रात को मेरी निगरानी की; तूने मुझे परखा और कुछ खोट न पाया, मैंने ठान लिया है कि मेरा मुँह ख़ता न करे।
You know what I think, [even] at night; you have examined what I say and do, and you know that I have determined to never tell any lies.
4 इंसानी कामों में तेरे लबों के कलाम की मदद से मैं ज़ालिमों की राहों से बाज़ रहा हूँ।
I have not done like others do; I have always done what is right [IDM], and I have not acted cruelly toward others.
5 मेरे कदम तेरे रास्तों पर क़ाईम रहे हैं, मेरे पाँव फिसले नहीं।
I have always done what you told me to do [IDM], I have (never failed to do/always done) [LIT] those things.
6 ऐ ख़ुदा, मैंने तुझ से दुआ की है क्यूँकि तू मुझे जवाब देगा। मेरी तरफ़ कान झुका और मेरी 'अर्ज़ सुन ले।
O God, I pray to you because you answer me; please listen [MTY] to what I am saying.
7 तू जो अपने दहने हाथ से अपने भरोसा करने वालों को उनके मुखालिफ़ों से बचाता है, अपनी'अजीब शफ़क़त दिखा।
Show me that you faithfully love me. By your great power [MTY] rescue those who (run to/trust in) you to protect them from their enemies.
8 मुझे आँख की पुतली की तरह महफूज़ रख; मुझे अपने परों के साये में छिपा ले,
Protect me as people carefully protect their own eyes; protect me like [birds] protect [their babies] under their wings [MET].
9 उन शरीरों से जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं, मेरे जानी दुश्मनों से जो मुझे घेरे हुए हैं।
Do not allow wicked people to attack me; my enemies surround me, wanting to kill me.
10 उन्होंने अपने दिलों को सख़्त किया है; वह अपने मुँह से बड़ा बोल बोलते हैं।
They never pity [IDM] anyone, and they are always boasting.
11 उन्होंने कदम कदम पर हम को घेरा है; वह ताक लगाए हैं कि हम को ज़मीन पर पटक दें।
They have hunted/searched for me and found me. They surround me, watching for an opportunity to throw me to the ground.
12 वह उस बबर की तरह है जो फाड़ने पर लालची हो, वह जैसे जवान बबर है जो पोशीदा जगहों में दुबका हुआ है।
They are like lions [SIM] that are ready to tear apart the animals that they capture; they are like young lions that are hiding, waiting to pounce [on their prey].
13 उठ, ऐ ख़ुदावन्द! उसका सामना कर, उसे पटक दे! अपनी तलवार से मेरी जान को शरीर से बचा ले।
Yahweh, come and (oppose/fight against) my enemies and defeat them! Use your sword to save me from those wicked people!
14 अपने हाथ से ऐ ख़ुदावन्द! मुझे लोगों से बचा। या'नी दुनिया के लोगों से, जिनका बख़रा इसी ज़िन्दगी में है, और जिनका पेट तू अपने ज़ख़ीरे से भरता है। उनकी औलाद भी हस्ब — ए — मुराद है; वह अपना बाक़ी माल अपने बच्चों के लिए छोड़ जाते हैं
Yahweh, by your power [MTY] rescue me from those people who are interested [only] in things here in this world. But you provide plenty of food for those whom you love dearly; their children also have many things that their grandchildren will inherit.
15 लेकिन मैं तो सदाक़त में तेरा दीदार हासिल करूँगा; मैं जब जागूँगा तो तेरी शबाहत से सेर हूँगा।
Yahweh, because I act righteously, I will [some day] see you [SYN]. When I awake, I will see you face-to-face, and then I will be happy.