< ज़बूर 16 >

1 ऐ ख़ुदा मेरी हिफ़ाज़त कर, क्यूँकि मैं तुझ ही में पनाह लेता हूँ।
מִכְתָּם לְדָוִד שׇֽׁמְרֵנִי אֵל כִּֽי־חָסִיתִי בָֽךְ׃
2 मैंने ख़ुदावन्द से कहा “तू ही रब है तेरे अलावा मेरी भलाई नहीं।”
אָמַרְתְּ לַֽיהֹוָה אֲדֹנָי אָתָּה טוֹבָתִי בַּל־עָלֶֽיךָ׃
3 ज़मीन के पाक लोग वह बरगुज़ीदा हैं, जिनमें मेरी पूरी ख़ुशनूदी है।
לִקְדוֹשִׁים אֲשֶׁר־בָּאָרֶץ הֵמָּה וְאַדִּירֵי כׇּל־חֶפְצִי־בָֽם׃
4 गै़र मा'बूदों के पीछे दौड़ने वालों का ग़म बढ़ जाएगा; मैं उनके से खू़न वाले तपावन नहीं तपाऊँगा और अपने होटों से उनके नाम नहीं लूँगा।
יִרְבּוּ עַצְּבוֹתָם אַחֵר מָהָרוּ בַּל־אַסִּיךְ נִסְכֵּיהֶם מִדָּם וּֽבַל־אֶשָּׂא אֶת־שְׁמוֹתָם עַל־שְׂפָתָֽי׃
5 ख़ुदावन्द ही मेरी मीरास और मेरे प्याले का हिस्सा है; तू मेरे बख़रे का मुहाफ़िज़ है।
יְֽהֹוָה מְנָת־חֶלְקִי וְכוֹסִי אַתָּה תּוֹמִיךְ גּוֹרָלִֽי׃
6 जरीब मेरे लिए दिलपसंद जगहों में पड़ी, बल्कि मेरी मीरास खू़ब है।
חֲבָלִים נָֽפְלוּ־לִי בַּנְּעִמִים אַף־נַחֲלָת שָֽׁפְרָה עָלָֽי׃
7 मैं ख़ुदावन्द की हम्द करूँगा, जिसने, मुझे नसीहत दी है; बल्कि मेरा दिल रात को मेरी तरबियत करता है
אֲבָרֵךְ אֶת־יְהֹוָה אֲשֶׁר יְעָצָנִי אַף־לֵילוֹת יִסְּרוּנִי כִלְיוֹתָֽי׃
8 मैंने ख़ुदावन्द को हमेशा अपने सामने रख्खा है; चूँकि वह मेरे दहने हाथ है, इसलिए मुझे जुम्बिश न होगी।
שִׁוִּיתִי יְהֹוָה לְנֶגְדִּי תָמִיד כִּי מִֽימִינִי בַּל־אֶמּֽוֹט׃
9 इसी वजह से मेरा दिल खु़श और मेरी रूह शादमान है; मेरा जिस्म भी अम्न — ओ — अमान में रहेगा।
לָכֵן ׀ שָׂמַח לִבִּי וַיָּגֶל כְּבוֹדִי אַף־בְּשָׂרִי יִשְׁכֹּן לָבֶֽטַח׃
10 क्यूँकि तू न मेरी जान को पाताल में रहने देगा, न अपने मुक़द्दस को सड़ने देगा। (Sheol h7585)
כִּי ׀ לֹא־תַעֲזֹב נַפְשִׁי לִשְׁאוֹל לֹֽא־תִתֵּן חֲסִידְךָ לִרְאוֹת שָֽׁחַת׃ (Sheol h7585)
11 तू मुझे ज़िन्दगी की राह दिखाएगा; तेरे हुज़ूरमें कामिल शादमानी है। तेरे दहने हाथ में हमेशा की खु़शी है।
תּֽוֹדִיעֵנִי אֹרַח חַיִּים שֹׂבַע שְׂמָחוֹת אֶת־פָּנֶיךָ נְעִמוֹת בִּימִינְךָ נֶֽצַח׃

< ज़बूर 16 >