< ज़बूर 145 >
1 ऐ मेरे ख़ुदा, मेरे बादशाह! मैं तेरी तम्जीद करूँगा। और हमेशा से हमेशा तक तेरे नाम को मुबारक कहूँगा।
Ensalzarte he, mi Dios y Rey; y bendeciré a tu nombre por el siglo y para siempre.
2 मैं हर दिन तुझे मुबारक कहूँगा, और हमेशा से हमेशा तक तेरे नाम की सिताइश करूँगा।
Cada día te bendeciré; y alabaré tu nombre por el siglo y para siempre.
3 ख़ुदावन्द बुजु़र्ग और बेहद सिताइश के लायक़ है; उसकी बुजु़र्गी बयान से बाहर है।
Grande es Jehová, y digno de alabanza en gran manera; y su grandeza no puede ser comprendida.
4 एक नसल दूसरी नसल से तेरे कामों की ता'रीफ़, और तेरी कु़दरत के कामों का बयान करेगी।
Generación a generación enarrará tus obras; y anunciarán tus valentías.
5 मैं तेरी 'अज़मत की जलाली शान पर, और तेरे 'अजायब पर ग़ौर करूँगा।
La hermosura de la gloria de tu magnificencia, y tus hechos maravillosos hablaré.
6 और लोग तेरी कु़दरत के हौलनाक कामों का ज़िक्र करेंगे, और मैं तेरी बुजु़र्गी बयान करूँगा।
Y la terribilidad de tus valentías dirán; y tu grandeza recontaré.
7 वह तेरे बड़े एहसान की यादगार का बयान करेंगे, और तेरी सदाक़त का हम्द गाएँगे।
La memoria de la muchedumbre de tu bondad rebosarán; y tu justicia cantarán.
8 ख़ुदावन्द रहीम — ओ — करीम है; वह कहर करने में धीमा और शफ़क़त में ग़नी है।
Clemente y misericordioso es Jehová: luengo de iras, y grande en misericordia.
9 ख़ुदावन्द सब पर मेहरबान है, और उसकी रहमत उसकी सारी मख़लूक पर है।
Bueno es Jehová para con todos; y sus misericordias, sobre todas sus obras.
10 ऐ ख़ुदावन्द, तेरी सारी मख़लूक़ तेरा शुक्र करेगी, और तेरे पाक लोग तुझे मुबारक कहेंगे!
Alábente, o! Jehová, todas tus obras; y tus misericordiosos te bendigan.
11 वह तेरी सल्तनत के जलाल का बयान, और तेरी कु़दरत का ज़िक्र करेंगे;
La gloria de tu reino digan; y hablen de tu fortaleza:
12 ताकि बनी आदम पर उसके कुदरत के कामों को, और उसकी सल्तनत के जलाल की शान को ज़ाहिर करें।
Para notificar a los hijos de Adam sus valentías; y la gloria de la magnificencia de su reino.
13 तेरी सल्तनत हमेशा की सल्तनत है, और तेरी हुकूमत नसल — दर — नसल।
Tu reino es reino de todos los siglos; y tu señorío en toda generación y generación.
14 ख़ुदावन्द गिरते हुए को संभालता, और झुके हुए को उठा खड़ा करता है।
Sostiene Jehová a todos los que caen; y levanta a todos los oprimidos.
15 सब की आँखें तुझ पर लगी हैं, तू उनको वक़्त पर उनकी ख़ुराक देता है।
Los ojos de todas las cosas esperan a ti; y tú les das su comida en su tiempo.
16 तू अपनी मुट्ठी खोलता है, और हर जानदार की ख़्वाहिश पूरी करता है।
Abres tu mano, y hartas de voluntad a todo viviente.
17 ख़ुदावन्द अपनी सब राहों में सादिक़, और अपने सब कामों में रहीम है।
Justo es Jehová en todos sus caminos, y misericordioso en todas sus obras.
18 ख़ुदावन्द उन सबके क़रीब है जो उससे दुआ करते हैं, या'नी उन सबके जो सच्चाई से दुआ करते हैं।
Cercano está Jehová a todos los que le invocan: a todos los que le invocan con verdad.
19 जो उससे डरते हैं वह उनकी मुराद पूरी करेगा, वह उनकी फ़रियाद सुनेगा और उनको बचा लेगा।
La voluntad de los que le temen, hará; y su clamor oirá, y los salvará.
20 ख़ुदावन्द अपने सब मुहब्बत रखने वालों की हिफ़ाज़त करेगा; लेकिन सब शरीरों को हलाक कर डालेगा।
Jehová guarda a todos los que le aman; y a todos los impíos destruirá.
21 मेरे मुँह से ख़ुदावन्द की सिताइश होगी, और हर बशर उसके पाक नाम को हमेशा से हमेशा तक मुबारक कहे।
La alabanza de Jehová hablará mi boca; y bendiga toda carne su santo nombre, por el siglo y para siempre.