< ज़बूर 145 >

1 ऐ मेरे ख़ुदा, मेरे बादशाह! मैं तेरी तम्जीद करूँगा। और हमेशा से हमेशा तक तेरे नाम को मुबारक कहूँगा।
Вознесу Тя, Боже мой, Царю мой, и благословлю имя Твое в век и в век века.
2 मैं हर दिन तुझे मुबारक कहूँगा, और हमेशा से हमेशा तक तेरे नाम की सिताइश करूँगा।
На всяк день благословлю Тя, и восхвалю имя Твое в век и в век века.
3 ख़ुदावन्द बुजु़र्ग और बेहद सिताइश के लायक़ है; उसकी बुजु़र्गी बयान से बाहर है।
Велий Господь и хвален зело, и величию Его несть конца.
4 एक नसल दूसरी नसल से तेरे कामों की ता'रीफ़, और तेरी कु़दरत के कामों का बयान करेगी।
Род и род восхвалят дела Твоя и силу Твою возвестят:
5 मैं तेरी 'अज़मत की जलाली शान पर, और तेरे 'अजायब पर ग़ौर करूँगा।
великолепие славы святыни Твоея возглаголют и чудеса Твоя поведят:
6 और लोग तेरी कु़दरत के हौलनाक कामों का ज़िक्र करेंगे, और मैं तेरी बुजु़र्गी बयान करूँगा।
и силу страшных Твоих рекут и величие Твое поведят:
7 वह तेरे बड़े एहसान की यादगार का बयान करेंगे, और तेरी सदाक़त का हम्द गाएँगे।
память множества благости Твоея отрыгнут и правдою Твоею возрадуются.
8 ख़ुदावन्द रहीम — ओ — करीम है; वह कहर करने में धीमा और शफ़क़त में ग़नी है।
Щедр и милостив Господь, долготерпелив и многомилостив.
9 ख़ुदावन्द सब पर मेहरबान है, और उसकी रहमत उसकी सारी मख़लूक पर है।
Благ Господь всяческим, и щедроты Его на всех делех Его.
10 ऐ ख़ुदावन्द, तेरी सारी मख़लूक़ तेरा शुक्र करेगी, और तेरे पाक लोग तुझे मुबारक कहेंगे!
Да исповедятся Тебе, Господи, вся дела Твоя, и преподобнии Твои да благословят Тя:
11 वह तेरी सल्तनत के जलाल का बयान, और तेरी कु़दरत का ज़िक्र करेंगे;
славу царствия Твоего рекут и силу Твою возглаголют,
12 ताकि बनी आदम पर उसके कुदरत के कामों को, और उसकी सल्तनत के जलाल की शान को ज़ाहिर करें।
сказати сыновом человеческим силу Твою и славу великолепия царствия Твоего.
13 तेरी सल्तनत हमेशा की सल्तनत है, और तेरी हुकूमत नसल — दर — नसल।
Царство Твое царство всех веков, и владычество Твое во всяком роде и роде: верен Господь во всех словесех Своих и преподобен во всех делех Своих.
14 ख़ुदावन्द गिरते हुए को संभालता, और झुके हुए को उठा खड़ा करता है।
Утверждает Господь вся низпадающыя и возставляет вся низверженныя.
15 सब की आँखें तुझ पर लगी हैं, तू उनको वक़्त पर उनकी ख़ुराक देता है।
Очи всех на Тя уповают, и Ты даеши им пищу во благовремении:
16 तू अपनी मुट्ठी खोलता है, और हर जानदार की ख़्वाहिश पूरी करता है।
отверзаеши ты руку Твою и исполняеши всякое животно благоволения.
17 ख़ुदावन्द अपनी सब राहों में सादिक़, और अपने सब कामों में रहीम है।
Праведен Господь во всех путех Своих и преподобен во всех делех Своих.
18 ख़ुदावन्द उन सबके क़रीब है जो उससे दुआ करते हैं, या'नी उन सबके जो सच्चाई से दुआ करते हैं।
Близ Господь всем призывающым Его, всем призывающым Его во истине:
19 जो उससे डरते हैं वह उनकी मुराद पूरी करेगा, वह उनकी फ़रियाद सुनेगा और उनको बचा लेगा।
волю боящихся Его сотворит, и молитву их услышит, и спасет я.
20 ख़ुदावन्द अपने सब मुहब्बत रखने वालों की हिफ़ाज़त करेगा; लेकिन सब शरीरों को हलाक कर डालेगा।
Хранит Господь вся любящыя Его, и вся грешники потребит.
21 मेरे मुँह से ख़ुदावन्द की सिताइश होगी, और हर बशर उसके पाक नाम को हमेशा से हमेशा तक मुबारक कहे।
Хвалу Господню возглаголют уста моя: и да благословит всяка плоть имя святое Его в век и в век века.

< ज़बूर 145 >