< ज़बूर 141 >
1 ऐ ख़ुदावन्द! मैने तेरी दुहाई दी मेरी तरफ़ जल्द आ! जब मैं तुझ से दुआ करूँ, तो मेरी आवाज़ पर कान लगा!
A Psalm, by David. O Jehovah, I have called Thee, haste to me, Give ear [to] my voice when I call to Thee.
2 मेरी दुआ तेरे सामने ख़ुशबू की तरह हो, और मेरा हाथ उठाना शाम की कु़र्बानी की तरह!
My prayer is prepared — incense before Thee, The lifting up of my hands — the evening present.
3 ऐ ख़ुदावन्द! मेरे मुँह पर पहरा बिठा; मेरे लबों के दरवाजे़ की निगहबानी कर।
Set, O Jehovah, a watch for my mouth, Watch Thou over the door of my lips.
4 मेरे दिल को किसी बुरी बात की तरफ़ माइल न होने दे; कि बदकारों के साथ मिलकर, शरारत के कामों में मसरूफ़ हो जाए, और मुझे उनके नफ़ीस खाने से दूर रख।
Incline not my heart to an evil thing, To do habitually actions in wickedness, With men working iniquity, Yea, I eat not of their pleasant things.
5 सादिक़ मुझे मारे तो मेहरबानी होगी, वह मुझे तम्बीह करे तो जैसे सिर पर रौग़न होगा। मेरा सिर इससे इंकार न करे, क्यूँकि उनकी शरारत में भी मैं दुआ करता रहूँगा।
The righteous doth beat me [in] kindness. And doth reprove me, Oil of the head my head disalloweth not, For still my prayer [is] about their vexations.
6 उनके हाकिम चट्टान के किनारों पर से गिरा दिए गए हैं, और वह मेरी बातें सुनेंगे, क्यूँकि यह शीरीन हैं।
Their judges have been released by the sides of a rock, And they have heard my sayings, For they have been pleasant.
7 जैसे कोई हल चलाकर ज़मीन को तोड़ता है, वैसे ही हमारी हड्डियाँ पाताल के मुँह पर बिखरी पड़ी हैं। (Sheol )
As one tilling and ripping up in the land, Have our bones been scattered at the command of Saul. (Sheol )
8 क्यूँकि ऐ मालिक ख़ुदावन्द! मेरी आँखें तेरी तरफ़ हैं; मेरा भरोसा तुझ पर है, मेरी जान को बेकस न छोड़!
But to Thee, O Jehovah, my Lord, [are] mine eyes, In Thee I have trusted, Make not bare my soul.
9 मुझे उस फंदे से जो उन्होंने मेरे लिए लगाया है, और बदकिरदारों के दाम से बचा।
Keep me from the gin they laid for me, Even snares of workers of iniquity.
10 शरीर आप अपने जाल में फंसें, और मैं सलामत बच निकलूँ।
The wicked fall in their nets together, till I pass over!