< ज़बूर 141 >

1 ऐ ख़ुदावन्द! मैने तेरी दुहाई दी मेरी तरफ़ जल्द आ! जब मैं तुझ से दुआ करूँ, तो मेरी आवाज़ पर कान लगा!
A Psalm of David. Jehovah, I have called upon thee: make haste unto me; give ear unto my voice, when I call unto thee.
2 मेरी दुआ तेरे सामने ख़ुशबू की तरह हो, और मेरा हाथ उठाना शाम की कु़र्बानी की तरह!
Let my prayer be set forth before thee as incense, the lifting up of my hands as the evening oblation.
3 ऐ ख़ुदावन्द! मेरे मुँह पर पहरा बिठा; मेरे लबों के दरवाजे़ की निगहबानी कर।
Set a watch, O Jehovah, before my mouth; keep the door of my lips.
4 मेरे दिल को किसी बुरी बात की तरफ़ माइल न होने दे; कि बदकारों के साथ मिलकर, शरारत के कामों में मसरूफ़ हो जाए, और मुझे उनके नफ़ीस खाने से दूर रख।
Incline not my heart to any evil thing, to practise deeds of wickedness with men that are workers of iniquity; and let me not eat of their dainties.
5 सादिक़ मुझे मारे तो मेहरबानी होगी, वह मुझे तम्बीह करे तो जैसे सिर पर रौग़न होगा। मेरा सिर इससे इंकार न करे, क्यूँकि उनकी शरारत में भी मैं दुआ करता रहूँगा।
Let the righteous smite me, it is kindness; and let him reprove me, it is an excellent oil which my head shall not refuse: for yet my prayer also is [for them] in their calamities.
6 उनके हाकिम चट्टान के किनारों पर से गिरा दिए गए हैं, और वह मेरी बातें सुनेंगे, क्यूँकि यह शीरीन हैं।
When their judges are thrown down from the rocks, they shall hear my words, for they are sweet.
7 जैसे कोई हल चलाकर ज़मीन को तोड़ता है, वैसे ही हमारी हड्डियाँ पाताल के मुँह पर बिखरी पड़ी हैं। (Sheol h7585)
Our bones are scattered at the mouth of Sheol, as when one cutteth and cleaveth [wood] upon the earth. (Sheol h7585)
8 क्यूँकि ऐ मालिक ख़ुदावन्द! मेरी आँखें तेरी तरफ़ हैं; मेरा भरोसा तुझ पर है, मेरी जान को बेकस न छोड़!
For unto thee, Jehovah, Lord, are mine eyes; in thee do I trust: leave not my soul destitute.
9 मुझे उस फंदे से जो उन्होंने मेरे लिए लगाया है, और बदकिरदारों के दाम से बचा।
Keep me from the snare which they have laid for me, and from the traps of the workers of iniquity.
10 शरीर आप अपने जाल में फंसें, और मैं सलामत बच निकलूँ।
Let the wicked fall into their own nets, whilst that I withal pass over.

< ज़बूर 141 >