< ज़बूर 140 >
1 ऐ ख़ुदावन्द! मुझे बुरे आदमी से रिहाई बख़्श; मुझे टेढ़े आदमी से महफूज़ रख।
ヱホバよねがはくは惡人よりわれを助けいだし 我をまもりて強暴人よりのがれしめたまへ
2 जो दिल में शरारत के मन्सूबे बाँधते हैं; वह हमेशा मिलकर जंग के लिए जमा' हो जाते हैं।
かれらは心のうちに殘害をくはだて たえず戰闘をおこす
3 उन्होंने अपनी ज़बान साँप की तरह तेज़ कर रखी है। उनके होटों के नीचे अज़दहा का ज़हर है।
かれらは蛇のごとくおのが舌を利す そのくちびるのうちに蝮の毒あり (セラ)
4 ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शरीर के हाथ से बचा मुझे टेढ़े आदमी से महफूज़ रख, जिनका इरादा है कि मेरे पाँव उखाड़ दें।
ヱホバよ願くはわれを保ちてあしきひとの手よりのがれしめ 我をまもりてわが足をつまづかせんと謀るあらぶる人よりのがれしめ給へ
5 मग़रूरों ने मेरे लिए फंदे और रस्सियों को छिपाया है, उन्होंने राह के किनारे जाल लगाया है; उन्होंने मेरे लिए दाम बिछा रख्खे हैं। (सिलाह)
高ぶるものはわがために羂と索とをふせ 路のほとりに網をはり かつ機をまうけたり (セラ)
6 मैंने ख़ुदावन्द से कहा, मेरा ख़ुदा तू ही है। ऐ ख़ुदावन्द, मेरी इल्तिजा की आवाज़ पर कान लगा।
われヱホバにいへらく汝はわが神なり ヱホバよねがはくはわが祈のこゑをきき給へ
7 ऐ ख़ुदावन्द मेरे मालिक, ऐ मेरी नजात की ताक़त, तूने जंग के दिन मेरे सिर पर साया किया है।
わが救のちからなる主の神よ なんぢはたたかひの日にわが首をおほひたまへり
8 ऐ ख़ुदावन्द, शरीर की मुराद पूरी न कर, उसके बुरे मन्सूबे को अंजाम न दे ताकि वह डींग न मारे। (सिलाह)
ヱホバよあしきひとの欲のままにすることをゆるしたまふなかれ そのあしき企圖をとげしめたまふなかれ おそらくは彼等みづから誇らん (セラ)
9 मुझे घेरने वालों की मुँह के शरारत, उन्हीं के सिर पर पड़े।
われを圍むものの首はおのれのくちびるの殘害におほはるべし
10 उन पर अंगारे गिरें! वह आग में डाले जाएँ! और ऐसे गढ़ों में कि फिर न उठे।
もえたる炭はかれらのうへにおち かれらは火になげいれられ ふかき穴になげいれられて再びおきいづることあたはざるべし
11 बदज़बान आदमी की ज़मीन पर क़याम न होगा। आफ़त टेढ़े आदमी को दौड़ा कर हलाक करेगी।
惡言をいふものは世にたてられず 暴ぶるものはわざはひに追及れてたふさるべし
12 मैं जानता हूँ कि ख़ुदावन्द मुसीब तज़दा के मु'आमिले की, और मोहताज के हक़ की ताईद करेगा।
われは苦しむものの訴とまづしきものの義とをヱホバの守りたまふを知る
13 यक़ीनन सादिक़ तेरे नाम का शुक्र करेंगे, और रास्तबाज़ तेरे सामने में रहेंगे।
義者はかならず聖名にかんしやし直者はみまへに住ん