< ज़बूर 140 >

1 ऐ ख़ुदावन्द! मुझे बुरे आदमी से रिहाई बख़्श; मुझे टेढ़े आदमी से महफूज़ रख।
Deliver me, O LORD, from the evil man: preserve me from the violent man;
2 जो दिल में शरारत के मन्सूबे बाँधते हैं; वह हमेशा मिलकर जंग के लिए जमा' हो जाते हैं।
Which imagine evil in their heart; continually are they gathered together for war.
3 उन्होंने अपनी ज़बान साँप की तरह तेज़ कर रखी है। उनके होटों के नीचे अज़दहा का ज़हर है।
They have sharpened their tongues like a serpent; adders' poison is under their lips. (Selah)
4 ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शरीर के हाथ से बचा मुझे टेढ़े आदमी से महफूज़ रख, जिनका इरादा है कि मेरे पाँव उखाड़ दें।
Keep me, O LORD, from the hands of the wicked; preserve me from the violent man; who have purposed to overthrow my activities.
5 मग़रूरों ने मेरे लिए फंदे और रस्सियों को छिपाया है, उन्होंने राह के किनारे जाल लगाया है; उन्होंने मेरे लिए दाम बिछा रख्खे हैं। (सिलाह)
The proud have hid a snare for me, and cords; they have spread a net by the wayside; they have set gins for me. (Selah)
6 मैंने ख़ुदावन्द से कहा, मेरा ख़ुदा तू ही है। ऐ ख़ुदावन्द, मेरी इल्तिजा की आवाज़ पर कान लगा।
I said unto the LORD, You are my God: hear the voice of my supplications, O LORD.
7 ऐ ख़ुदावन्द मेरे मालिक, ऐ मेरी नजात की ताक़त, तूने जंग के दिन मेरे सिर पर साया किया है।
O GOD the Lord, the strength of my salvation, you have covered my head in the day of battle.
8 ऐ ख़ुदावन्द, शरीर की मुराद पूरी न कर, उसके बुरे मन्सूबे को अंजाम न दे ताकि वह डींग न मारे। (सिलाह)
Grant not, O LORD, the desires of the wicked: further not his wicked device; lest they exalt themselves. (Selah)
9 मुझे घेरने वालों की मुँह के शरारत, उन्हीं के सिर पर पड़े।
As for the head of those that compass me about, let the mischief of their own lips cover them.
10 उन पर अंगारे गिरें! वह आग में डाले जाएँ! और ऐसे गढ़ों में कि फिर न उठे।
Let burning coals fall upon them: let them be cast into the fire; into deep pits, that they rise not up again.
11 बदज़बान आदमी की ज़मीन पर क़याम न होगा। आफ़त टेढ़े आदमी को दौड़ा कर हलाक करेगी।
Let not an evil speaker be established in the earth: evil shall hunt the violent man to overthrow him.
12 मैं जानता हूँ कि ख़ुदावन्द मुसीब तज़दा के मु'आमिले की, और मोहताज के हक़ की ताईद करेगा।
I know that the LORD will maintain the cause of the afflicted, and the right of the poor.
13 यक़ीनन सादिक़ तेरे नाम का शुक्र करेंगे, और रास्तबाज़ तेरे सामने में रहेंगे।
Surely the righteous shall give thanks unto your name: the upright shall dwell in your presence.

< ज़बूर 140 >