< ज़बूर 14 >

1 बेवकू़फ़ ने अपने दिल में कहा है, कि कोई ख़ुदा नहीं। वह बिगड़ गए, उन्होंने नफ़रतअंगेज़ काम किए हैं; कोई नेकोकार नहीं।
El necio dice en su corazón: ¡No existe ʼElohim! Están corrompidos, hicieron obras repugnantes. No hay quien haga el bien.
2 ख़ुदावन्द ने आसमान पर से बनी आदम पर निगाह की ताकि देखे कि कोई अक़्लमन्द, कोई ख़ुदा का तालिब है या नहीं।
Yavé miró desde los cielos sobre los hijos de [los] hombres Para ver si había algún entendido que buscara a ʼElohim.
3 वह सब के सब गुमराह हुए, वह एक साथ नापाक हो गए, कोई नेकोकार नहीं, एक भी नहीं।
Todos se desviaron. Juntamente se corrompieron. No hay quien haga lo bueno, ni siquiera uno.
4 क्या उन सब बदकिरदारों को कुछ'इल्म नहीं, जो मेरे लोगों को ऐसे खा जाते हैं जैसे रोटी, और ख़ुदावन्द का नाम नहीं लेते?
¿No tienen discernimiento todos los que hacen iniquidad, Que devoran a mi pueblo como si comieran pan Y no invocan a Yavé?
5 वहाँ उन पर बड़ा ख़ौफ़ छा गया, क्यूँकि ख़ुदा सादिक़ नसल के साथ है।
Allí temblarán de espanto, Porque ʼElohim está con la generación de los justos.
6 तुम ग़रीब की मश्वरत की हँसी उड़ाते हो; इसलिए के ख़ुदावन्द उसकी पनाह है।
Se burlan del consejo del pobre, Pero Yavé es su refugio.
7 काश कि इस्राईल की नजात सिय्यून में से होती! जब ख़ुदावन्द अपने लोगों को ग़ुलामी से लौटा लाएगा, तो या'क़ूब ख़ुश और इस्राईल शादमान होगा।
¡Oh, que de Sion venga la salvación de Israel! Cuando Yavé restaure a su pueblo cautivo, Se regocijará Jacob y se alegrará Israel.

< ज़बूर 14 >