< ज़बूर 14 >
1 बेवकू़फ़ ने अपने दिल में कहा है, कि कोई ख़ुदा नहीं। वह बिगड़ गए, उन्होंने नफ़रतअंगेज़ काम किए हैं; कोई नेकोकार नहीं।
Til Sangmesteren; af David. En Daare siger i sit Hjerte: Der er ingen Gud; fordærvelig, vederstyggelig er deres Gerning; der er ingen, som gør godt.
2 ख़ुदावन्द ने आसमान पर से बनी आदम पर निगाह की ताकि देखे कि कोई अक़्लमन्द, कोई ख़ुदा का तालिब है या नहीं।
Herren saa ned fra Himmelen paa Menneskens Børn, at se, om der var nogen forstandig, nogen, som søgte Gud.
3 वह सब के सब गुमराह हुए, वह एक साथ नापाक हो गए, कोई नेकोकार नहीं, एक भी नहीं।
De ere alle afvegne, de ere fordærvede til Hobe; der er ingen, som gør godt, end ikke een.
4 क्या उन सब बदकिरदारों को कुछ'इल्म नहीं, जो मेरे लोगों को ऐसे खा जाते हैं जैसे रोटी, और ख़ुदावन्द का नाम नहीं लेते?
Have de ikke kendt det, alle de, som gøre Uret, som æde mit Folk, som de aade Brød? de kaldte ikke paa Herren.
5 वहाँ उन पर बड़ा ख़ौफ़ छा गया, क्यूँकि ख़ुदा सादिक़ नसल के साथ है।
Den Gang frygtede de saare, fordi Gud var med den retfærdiges Slægt.
6 तुम ग़रीब की मश्वरत की हँसी उड़ाते हो; इसलिए के ख़ुदावन्द उसकी पनाह है।
Gører kun den elendiges Raad til Skamme; thi Herren er hans Tilflugt.
7 काश कि इस्राईल की नजात सिय्यून में से होती! जब ख़ुदावन्द अपने लोगों को ग़ुलामी से लौटा लाएगा, तो या'क़ूब ख़ुश और इस्राईल शादमान होगा।
Gid der fra Zion kom Frelse for Israel! Naar Herren tilbagefører sit fangne Folk, da skal Jakob fryde sig, Israel glæde sig.