< ज़बूर 138 >
1 मैं पूरे दिल से तेरा शुक्र करूँगा; मा'बूदों के सामने तेरी मदहसराई करूँगा।
上主,我要全心稱謝您,因您俯聽了我的懇祈。我要在眾神前歌頌您,
2 मैं तेरी पाक हैकल की तरफ़ रुख़ कर के सिज्दा करूँगा, और तेरी शफ़क़त औए सच्चाई की ख़ातिर तेरे नाम का शुक्र करूँगा। क्यूँकि तूने अपने कलाम को अपने हरनाम से ज़्यादा 'अज़मत दी है।
朝您的聖所伏地致敬;為了您的仁慈至誠,我必要稱謝您的聖名;因為您把您的名號和您的諾言,在萬物與萬民的面前發揚彰顯,
3 जिस दिन मैंने तुझ से दुआ की, तूने मुझे जवाब दिया, और मेरी जान की ताक़त देकर मेरा हौसला बढ़ाया।
我幾時呼號您,您就俯允我,並將我靈魂上的力量增多。
4 ऐ ख़ुदावन्द! ज़मीन के सब बादशाह तेरा शुक्र करेंगे, क्यूँकि उन्होंने तेरे मुँह का कलाम सुना है;
地上萬君聽您口的諭旨;上主,他們都必來讚頌您,
5 बल्कि वह ख़ुदावन्द की राहों का हम्द गाएंगे क्यूँकि ख़ुदावन्द का जलाल बड़ा है।
並歌頌上主的作為說:上主的光耀偉大無比!
6 क्यूँकि ख़ुदावन्द अगरचे बुलन्द — ओ — बाला है, तोभी ख़ाकसार का ख़याल रखता है; लेकिन मग़रूर को दूर ही से पहचान लेता है।
上主尊高無比,仍垂顧弱小,惟對驕傲的人,卻遠遠旁眺。
7 चाहे मैं दुख में से गुज़रूं तू मुझे ताज़ादम करेगा, तू मेरे दुश्मनों के क़हर के ख़िलाफ़ हाथ बढ़ाएगा, और तेरा दहना हाथ मुझे बचा लेगा।
我若處於因難中,您必保全我的性命,您用右手救我,伸手拒抗仇人的憤恨。
8 ख़ुदावन्द मेरे लिए सब कुछ करेगा; ऐ ख़ुदावन्द! तेरी शफ़क़त हमेशा की है। अपनी दस्तकारी को न छोड़।
上主必替我完成這工程;上主,您的仁慈永遠常存,求您不要放棄您的作品。