< ज़बूर 137 >

1 हम बाबुल की नदियों पर बैठे, और सिय्यून को याद करके रोए।
Babil ırmakları kıyısında oturup Siyon'u andıkça ağladık;
2 वहाँ बेद के दरख़्तों पर उनके वस्त में, हम ने अपने सितारों को टाँग दिया।
Çevredeki kavaklara Lirlerimizi astık.
3 क्यूँकि वहाँ हम को ग़ुलाम करने वालों ने हम्द गाने का हुक्म दिया, और तबाह करने वालों ने खु़शी करने का, और कहा, “सिय्यून के हम्दों में से हमको कोई हम्द सुनाओ!”
Çünkü orada bizi tutsak edenler bizden ezgiler, Bize zulmedenler bizden şenlik istiyor, “Siyon ezgilerinden birini okuyun bize!” diyorlardı.
4 हम परदेस में, ख़ुदावन्द का हम्द कैसे गाएँ?
Nasıl okuyabiliriz RAB'bin ezgisini El toprağında?
5 ऐ येरूशलेम! अगर मैं तुझे भूलूँ, तो मेरा दहना हाथ अपना हुनर भूल जाए।
Ey Yeruşalim, seni unutursam, Sağ elim kurusun.
6 अगर मैं तुझे याद न रख्खूँ, अगर मैं येरूशलेम को, अपनी बड़ी से बड़ी ख़ुशी पर तरजीह न दूँ मेरी ज़बान मेरे तालू से चिपक जाए!
Seni anmaz, Yeruşalim'i en büyük sevincimden üstün tutmazsam, Dilim damağıma yapışsın!
7 ऐ ख़ुदावन्द! येरूशलेम के दिन को, बनी अदोम के ख़िलाफ़ याद कर, जो कहते थे, “इसे ढा दो, इसे बुनियाद तक ढा दो!”
Yeruşalim'in düştüğü gün, “Yıkın onu, yıkın temellerine kadar!” Diyen Edomlular'ın tavrını anımsa, ya RAB.
8 ऐ बाबुल की बेटी! जो हलाक होने वाली है, वह मुबारक होगा, जो तुझे उस सुलूक का, जो तूने हम से किया बदला दे।
Ey sen, yıkılası Babil kızı, Bize yaptıklarını Sana ödetecek olana ne mutlu!
9 वह मुबारक होगा, जो तेरे बच्चों को लेकर, चट्टान पर पटक दे!
Ne mutlu senin yavrularını tutup Kayalarda parçalayacak insana!

< ज़बूर 137 >