< ज़बूर 134 >

1 ऐ ख़ुदावन्द के बन्दो! आओ सब ख़ुदावन्द को मुबारक कहो! तुम जो रात को ख़ुदावन्द के घर में खड़े रहते हो!
שִׁ֗יר הַֽמַּ֫עֲל֥וֹת הִנֵּ֤ה ׀ בָּרֲכ֣וּ אֶת־יְ֭הוָה כָּל־עַבְדֵ֣י יְהוָ֑ה הָעֹמְדִ֥ים בְּבֵית־יְ֝הוָ֗ה בַּלֵּילֽוֹת׃
2 हैकल की तरफ़ अपने हाथ उठाओ, और ख़ुदावन्द को मुबारक कहो!
שְׂאֽוּ־יְדֵכֶ֥ם קֹ֑דֶשׁ וּ֝בָרֲכוּ אֶת־יְהוָֽה׃
3 ख़ुदावन्द, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया, सिय्यून में से तुझे बरकत बख़्शे।
יְבָרֶכְךָ֣ יְ֭הוָה מִצִּיּ֑וֹן עֹ֝שֵׂ֗ה שָׁמַ֥יִם וָאָֽרֶץ׃

< ज़बूर 134 >