< ज़बूर 131 >
1 ऐ ख़ुदावन्द! मेरा दिल मग़रूर नहीं और मै बुलंद नज़र नहीं हूँ न मुझे बड़े बड़े मु'आमिलो से कोई सरोकार है, न उन बातों से जो मेरी समझ से बाहर हैं,
[the] song of The ascents of David O Yahweh - not it has been lofty heart my and not they have been uplifted eyes my and not I have walked - in [things too] great and in [things too] difficult for me.
2 यक़ीनन मैंने अपने दिल को तिस्कीन देकर मुत्मइन कर दिया है, मेरा दिल मुझ में दूध छुड़ाए हुए बच्चे की तरह है; हाँ, जैसे दूध छुड़ाया हुआ बच्चा माँ की गोद में।
If not I have made still - and I have made quiet self my like a weaned [child] on mother his [is] like the weaned [child] on me soul my.
3 ऐ इस्राईल! अब से हमेशा तक, ख़ुदावन्द पर भरोसा कर!
Hope O Israel to Yahweh from now and until perpetuity.