< ज़बूर 126 >
1 जब ख़ुदावन्द सिय्यून के गुलामों को वापस लाया, तो हम ख़्वाब देखने वालों की तरह थे।
Hina Gode da nini Yelusalemega bu oule manoba, ninia da simasia ba: su defele ba: i.
2 उस वक़्त हमारे मुँह में हँसी, और हमारी ज़बान पर रागनी थी; तब क़ौमों में यह चर्चा होने लगा, “ख़ुदावन्द ने इनके लिए बड़े बड़े काम किए हैं।”
Ninia da hahawaneba: le, ousa gesami hea: lalu. Amalalu, fifi asi gala dunu eno da ninia hou olelema: ne amane sia: i, “Hina Gode da Isala: ili dunu fidima: ne, gasa bagade hou hamoi dagoi.”
3 ख़ुदावन्द ने हमारे लिए बड़े बड़े काम किए हैं, और हम ख़ुश हैं!
Dafawane! E da nini fidima: ne, hou noga: idafa hamoi. Ninia da hahawane bagade ba: i.
4 ऐ ख़ुदावन्द! दखिन की नदियों की तरह, हमारे गुलामों को वापस ला।
Hina Gode! Gibu da hano ahoanusu hafoga: i, amo hano bu iabe defele, ninia sogedafa amoma bu oule masa.
5 जो आँसुओं के साथ बोते हैं, वह खु़शी के साथ काटेंगे।
Dunu amo da digini ilia ha: i manu bugi, ilia da hahawane ha: i manu gamisa ba: ma: ne, Dia logo doasima.
6 जो रोता हुआ बीज बोने जाता है, वह अपने पूले लिए हुए ख़ुश लौटेगा।
Amasea, dunu da digini ha: i manu bugimusa: , hawa: gaguli asi, ilia da ha: i manu gami amo gaguli, hahawane gesami hehea: la buhagimu.