< ज़बूर 123 >
1 तू जो आसमान पर तख़्तनशीन है, मैं अपनी आँखें तेरी तरफ़ उठाता हूँ!
`The song of grecis. To thee Y haue reisid myn iyen; that dwellist in heuenes.
2 देख, जिस तरह गुलामों की आँखेंअपने आका के हाथ की तरफ़, और लौंडी की आँखें अपनी बीबी के हाथ की तरफ़ लगी रहती है उसी तरह हमारी आँखे ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की तरफ़ लगी है जब तक वह हम पर रहम न करे।
Lo! as the iyen of seruauntis; ben in the hondis of her lordis. As the iyen of the handmaide ben in the hondis of her ladi; so oure iyen ben to oure Lord God, til he haue mercy on vs.
3 हम पर रहम कर! ऐ ख़ुदावन्द, हम पर रहम कर, क्यूँकि हम ज़िल्लत उठाते उठाते तंग आ गए।
Lord, haue thou merci on vs, haue thou merci on vs; for we ben myche fillid with dispisyng.
4 आसूदा हालों के तमसख़ुर, और माग़रूरों की हिक़ारत से, हमारी जान सेर हो गई।
For oure soule is myche fillid; we ben schenschipe to hem that ben abundaunte with richessis, and dispising to proude men.