< ज़बूर 119 >
1 आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
(Alǝf) Yolda mukǝmmǝl bolƣanlar, Pǝrwǝrdigar Tǝwrat-ⱪanunida mangidiƣanlar bǝhtliktur!
2 मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
Uning agaⱨ-guwaⱨlirini tutⱪanlar, Uni qin ⱪǝlbi bilǝn izdigǝnlǝr,
3 उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
Ⱨeqbir ⱨǝⱪsizliⱪni ⱪilmiƣanlar bǝhtliktur! Ular uning yollirida mangidu.
4 तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
Kɵrsǝtmiliringgǝ ǝstayidil ǝmǝl ⱪiliximiz üqün, Ɵzüng ularni bekitkǝnsǝn.
5 काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
Aⱨ, yollirimning yɵnilixi bǝlgilimiliringgǝ ǝmǝl ⱪilixⱪa bekitilgǝy!
6 जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
Xuning bilǝn barliⱪ ǝmr-pǝrmanliringni ǝtiwarlisam, Mǝn yǝrgǝ ⱪarap ⱪalmaymǝn.
7 जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
Sening ⱨǝⱪⱪaniy ⱨɵkümliringni ɵginip, Durus kɵngüldin Sanga tǝxǝkkür eytimǝn.
8 मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे!
Mǝn bǝlgilimiliringni qoⱪum tutimǝn; Meni pütünlǝy taxliwǝtmigǝysǝn!
9 बेथ जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
(Bǝt) Yax bir yigit ⱪandaⱪ ⱪilip ɵz yolini pak tutalaydu? Sening sɵz-kalamingni anglap ǝmǝl ⱪilix bilǝnla.
10 मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
Pütün ⱪǝlbim bilǝn mǝn Seni izdidim; Meni ǝmrliringdin adaxturmiƣaysǝn;
11 मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
Gunaⱨ ⱪilip Sanga ⱪarxi qiⱪmasliⱪim üqün, Sɵzüngni kɵnglümgǝ mǝⱨkǝm püküwaldim.
12 ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
Mubarǝkdursǝn Pǝrwǝrdigar, Manga Ɵz bǝlgilimiliringni ɵgǝtkǝysǝn.
13 मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
Lǝwlirim bilǝn mǝn bayan ⱪilimǝn, Aƣzingdiki barliⱪ ⱨɵkümliringni.
14 मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
Türlük bayliⱪlardin xadlanƣandǝk, Agaⱨ-guwaⱨliⱪliringƣa ǝgǝxkǝn yolda xadlandim.
15 मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
Mǝn kɵrsǝtmiliring üstidǝ seƣinip oylinimǝn; Izliringƣa ⱪarap oylinimǝn.
16 मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा।
Bǝlgilimiliringni hursǝnlik dǝp bilimǝn; Sɵz-kalamingni untumaymǝn.
17 गिमेल अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
(Gimǝl) Ⱪulungƣa meⱨribanliⱪni kɵrsǝtkǝysǝn, xuning bilǝn mǝn yaxaymǝn, Kalamingƣa boysunimǝn.
18 मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
Tǝwrat-ⱪanunungdin karamǝt sirlarni kɵrüxüm üqün, Kɵzlirimni aqⱪaysǝn!
19 मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
Mǝn bu dunyada musapirmǝn; Əmrliringni mǝndin yoxurmiƣaysǝn.
20 मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
Ⱨɵkümliringgǝ ⱨǝrⱪaqan intizar bolup, Yürikim ezilip ketǝy dǝp ⱪaldi.
21 तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
Sǝn lǝnǝtkǝ buyrulƣan tǝkǝbburlarƣa tǝnbiⱨ berisǝn, Ular ǝmrliringdin adixip ketidu.
22 मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
Mǝndin aⱨanǝt ⱨǝm mǝshirini yiraⱪⱪa kǝtküzgǝysǝn; Qünki agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni tutimǝn.
23 उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
Əmirlǝr olturup yaman gepimni ⱪilixmaⱪta; Sening ⱪulung bolsa bǝlgilimiliring üstidǝ seƣinip oylaydu.
24 तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं।
Sening agaⱨ-guwaⱨliⱪliring mening hursǝnlikim, Mening mǝsliⱨǝtqilirimdur.
25 दाल्थ मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
(Dalǝt) Mening jenim tupraⱪⱪa yepixⱪan; Sɵz-kalaming boyiqǝ meni yengilandurƣaysǝn.
26 मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
Ɵz yollirimni aldingda oquⱪ bayan ⱪildim, Sǝn manga jawab bǝrding; Manga bǝlgilimiliringni ɵgǝtkǝysǝn.
27 अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
Meni kɵrsǝtmiliringning yolini qüxinidiƣan ⱪilƣaysǝn, Andin mǝn karamǝtliring üstidǝ seƣinip oylinimǝn.
28 ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
Jenim ⱪayƣu bilǝn erip ketidu; Sɵz-kalaming boyiqǝ meni küqlǝndürgǝysǝn.
29 झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
Mǝndin aldamqi yolni neri ⱪilƣaysǝn; Xǝpⱪǝt ⱪilip manga Tǝwrat-ⱪanunungni beƣixliƣaysǝn;
30 मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
Mǝn ⱨǝⱪiⱪǝt-sadaⱪǝt yolini talliwaldim; Ⱨɵkümliringni aldimda ⱪoydum.
31 मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
Agaⱨ-guwaⱨliringni qing tutimǝn; Pǝrwǝrdigar, meni uyatⱪa ⱪaldurmiƣaysǝn.
32 जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा।
Sǝn mening ⱪǝlbimni kǝng-azadǝ ⱪilixing bilǝn, Əmrliring yoliƣa ǝgixip yügürimǝn.
33 हे ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
(He) I Pǝrwǝrdigar, bǝlgilimiliringning yolini manga ayan ⱪilƣaysǝn; Mǝn uni ahirƣiqǝ tutimǝn.
34 मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
Meni yorutⱪaysǝn, mǝn Tǝwrat-ⱪanunungni tutimǝn, Xundaⱪla pütün ⱪǝlbim bilǝn uningƣa ǝmǝl ⱪilimǝn.
35 मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
Meni ǝmrliringning yolida mangidiƣan ⱪilƣaysǝn; Qünki ularni hursǝnlik dǝp bilimǝn.
36 मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
Mening ⱪǝlbimni xǝhsiy mǝnpǝǝtkǝ ǝmǝs, Bǝlki agaⱨ-guwaⱨliⱪliringƣa mayil ⱪilƣaysǝn.
37 मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
Kɵzlirimni sahtini kɵrüxtin yandurƣaysǝn; Meni yolungda janlandurƣaysǝn;
38 अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
Sǝn ⱪulungƣa bolƣan wǝdǝngni ǝmǝlgǝ axurƣaysǝn; Xuning bilǝn hǝⱪlǝr Sǝndin ǝyminidu.
39 मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
Mǝn ⱪorⱪⱪan xǝrmǝndilikni neri kǝtküzgǝysǝn; Qünki Sening ⱨɵkümliring ǝladur.
40 देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर।
Mana, mǝn kɵrsǝtmiliringgǝ tǝxna bolup kǝldim; Ɵz ⱨǝⱪⱪaniyitingdǝ meni janlandurƣaysǝn;
41 वाव ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
: (Waw) Wǝ meⱨir-muⱨǝbbǝtliring yenimƣa kǝlsun, i Pǝrwǝrdigar; Wǝdǝng boyiqǝ nijatliⱪing yenimƣa kǝlsun;
42 तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
Xunda mǝndǝ meni mǝshirǝ ⱪilƣuqiƣa bǝrgüdǝk jawab bolidu; Qünki sɵzünggǝ tayinimǝn.
43 और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
Wǝ aƣzimdin ⱨǝⱪiⱪǝtning sɵzini elip taxlimiƣaysǝn; Qünki ⱨɵkümliringgǝ ümid baƣlidim;
44 फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
Xunda mǝn Sening Tǝwrat-ⱪanunungni ⱨǝr ⱪaqan tutimǝn, Bǝrⱨǝⱪ, ǝbǝdil’ǝbǝdgiqǝ tutimǝn;
45 और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
Xunda mǝn azadiliktǝ mangimǝn; Qünki kɵrsǝtmiliringni izdidim.
46 मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
Xunda mǝn padixaⱨlar aldida agaⱨ-guwaⱨliⱪliring toƣruluⱪ sɵzlǝymǝn, Bu ixlarda mǝn yǝrgǝ ⱪarap ⱪalmaymǝn.
47 तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
Wǝ ǝmrliringni hursǝnlik dǝp bilimǝn, Qünki ularni sɵyüp kǝldim;
48 मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा।
Mǝn sɵyüp kǝlgǝn ǝmrliringgǝ ⱪollirimni sozup intilimǝn, Wǝ bǝlgilimiliring üstidǝ seƣinip oylinimǝn.
49 ज़ैन जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
(Zain) Sǝn ⱪulungƣa bǝrgǝn sɵzüngni, Yǝni manga ümid beƣixliƣan kalamingni ǝsligǝysǝn.
50 मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
U bolsa dǝrdimgǝ bolƣan tǝsǝllidur; Qünki sɵz-wǝdǝng meni janlandurdi.
51 मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
Tǝkǝbburlar ǝxǝddiy ⱨaⱪarǝtligini bilǝn, Lekin Tǝwrat-ⱪanunungdin ⱨeq qǝtnimidim.
52 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
Ⱪǝdimdǝ bekitilgǝn ⱨɵkümliringni yadimƣa kǝltürdüm, i Pǝrwǝrdigar, Xundaⱪ ⱪilip ɵzümgǝ tǝsǝlli bǝrdim.
53 उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
Tǝwrat-ⱪanunungni taxliwǝtkǝn rǝzillǝr wǝjidin, Otluⱪ ƣǝzǝp mǝndǝ ⱪaynap taxti.
54 मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
Musapir bolup turƣan jayimda, Kɵrsǝtmiliring mening nahxilirim boldi.
55 ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
Keqidǝ, i Pǝrwǝrdigar, namingni ǝslǝp yürdum, Tǝwrat-ⱪanunungni tutup kǝldim.
56 यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना।
Mǝn buningƣa nesip boldum, Qünki mǝn kɵrsǝtmiliringkǝ itaǝt ⱪilip kǝldim.
57 हेथ ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
(Hǝt) Ɵzüng mening nesiwǝmdursǝn, i Pǝrwǝrdigar; «Sening sɵz-kalamingni tutay» — dedim.
58 मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
Mǝn pütün ⱪǝlbim bilǝn didaringƣa intilip yelindim; Wǝdǝng boyiqǝ manga xapaǝt kɵrsǝtkǝysǝn.
59 मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
Mǝn yolliring üstidǝ oylandim, Ayaƣlirimni agaⱨ-guwaⱨliⱪliringƣa ⱪaritip buridim.
60 मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
Mǝn aldiridim, ⱨeq keqikmidim, Sening ǝmrliringgǝ ǝmǝl ⱪilixⱪa.
61 शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
Rǝzillǝrning asarǝtliri meni qirmiwalƣini bilǝn, Mǝn Tǝwrat-ⱪanunungni ⱨeq untumidim.
62 तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
Ⱨǝⱪⱪaniy ⱨɵkümliring üqün, Tün keqidǝ tǝxǝkkür eytⱪili ⱪopimǝn.
63 मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
Mǝn Sǝndin ⱪorⱪidiƣanlarning, Kɵrsǝtmiliringgǝ ǝgǝxkǝnlǝrning ⱨǝmmisining ülpitidurmǝn.
64 ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
Jaⱨan, i Pǝrwǝrdigar, Sening ɵzgǝrmǝs muⱨǝbbiting bilǝn toldi; Manga bǝlgilimiliringni ɵgǝtkǝysǝn.
65 टेथ ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
(Tǝt) Sɵz-kalaming boyiqǝ, i Pǝrwǝrdigar, Ɵz ⱪulungƣa meⱨribanliⱪni kɵrsitip kǝlgǝnsǝn.
66 मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
Manga obdan pǝrⱪ etixni wǝ bilimni ɵgǝtkǝysǝn; Qünki mǝn ǝmrliringgǝ ixǝndim.
67 मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
Mǝn azabⱪa uqraxtin burun yoldin azƣan, Biraⱪ ⱨazir sɵzüngni tutimǝn.
68 तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
Sǝn meⱨribandursǝn, meⱨribanliⱪ ⱪilisǝn, Manga bǝlgilimiliringni ɵgǝtkǝysǝn.
69 मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
Tǝkǝbburlar manga ⱪara qaplaxti; Biraⱪ kɵrsǝtmiliringgǝ pütün ⱪǝlbim bilǝn itaǝt ⱪilimǝn.
70 उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
Ularning ⱪǝlbi tuymas bolup kǝtti; Biraⱪ mǝn bolsam Tǝwrat-ⱪanunungni hursǝnlik dǝp bilimǝn.
71 अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
Azabⱪa uqriƣinim yahxi boldi, Xuning bilǝn bǝlgilimiliringni ɵgǝndim.
72 तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है।
Mǝn üqün aƣzingdiki ⱪanun-tǝlim, Mingliƣan altun-kümüx tǝnggidin ǝwzǝldur.
73 योध तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
(Yod) Sening ⱪolliring meni yasiƣan, meni mustǝⱨkǝmlidi; Meni yorutⱪaysǝn, ǝmrliringni ɵginimǝn.
74 तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Sǝndin ǝyminidiƣanlar meni kɵrüp xadlinidu; Qünki mǝn sɵz-kalamingƣa ümid baƣlap kǝldim.
75 ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
I Pǝrwǝrdigar, Sening ⱨɵkümliringning ⱨǝⱪⱪaniy ikǝnlikini, Wapadarliⱪingdin meni azabⱪa salƣiningni bilimǝn.
76 उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
Aⱨ, ⱪulungƣa bǝrgǝn wǝdǝng boyiqǝ, Ɵzgǝrmǝs muⱨǝbbiting tǝsǝlliyim bolsun.
77 तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
Mening yaxixim üqün, Rǝⱨimdilliⱪliring yenimƣa kǝlsun; Qünki Tǝwrat-ⱪanunung mening hursǝnlikimdur.
78 मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
Tǝkǝbburlar hijalǝttǝ ⱪalsun; Qünki ular manga yalƣanqiliⱪ bilǝn tǝtürlük ⱪilƣan; Mǝn bolsam, kɵrsǝtmiliring üstidǝ seƣinip oylinimǝn.
79 तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
Sǝndin ǝyminidiƣanlar mǝn tǝrǝpkǝ burulup kǝlsun; Agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni bilgǝnlǝrmu xundaⱪ bolsun.
80 मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ।
Kɵnglüm bǝlgilimiliringdǝ mukǝmmǝl bolsun; Xuning bilǝn yǝrgǝ ⱪarap ⱪalmaymǝn.
81 क़ाफ मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
(Kaf) Jenim nijatliⱪingƣa tǝlmürüp ⱨalidin ketǝy dǝwatidu; Mǝn sɵz-kalamingƣa ümid baƣlidim.
82 तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
Kɵzüm sɵz-wǝdǝnggǝ tǝlmürüp tügixǝy dedi, «Sǝn ⱪaqanmu manga tǝsǝlli berǝrsǝn» — dǝp.
83 मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
Qünki mǝn islinip ⱪurup kǝtkǝn tulumdǝk boldum, Biraⱪ bǝlgilimiliringni untumaymǝn.
84 तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
Ⱪulungning künliri ⱪanqǝ bolidu? Manga ziyankǝxlik ⱪilƣanlarni ⱪaqan jazalaysǝn?
85 मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
Tǝkǝbburlar manga orilarni koliƣan; Bu ixlar Tǝwratingƣa muhaliptur;
86 तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
Sening barliⱪ ǝmrliring ixǝnqliktur; Ular yolsizliⱪ bilǝn meni ⱪistimaⱪta; Manga yardǝm ⱪilƣaysǝn!
87 उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
Ular meni yǝr yüzidin yoⱪatⱪili ⱪil ⱪaldi; Biraⱪ mǝn bolsam, kɵrsǝtmiliringdin waz kǝqmidim.
88 तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा।
Ɵzgǝrmǝs muⱨǝbbiting boyiqǝ meni janlandurƣaysǝn, Wǝ aƣzingdiki agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni tutimǝn.
89 लामेध ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
(Lamǝd) Mǝnggügǝ, i Pǝrwǝrdigar, Sɵz-kalaming ǝrxlǝrdǝ bekitilgǝndur.
90 तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
Sening sadaⱪiting dǝwrdin-dǝwrgiqidur; Sǝn yǝr-zeminni muⱪim bekitkǝnsǝn, u mǝwjut bolup turidu.
91 वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
Sening ⱨɵküm-ⱪanuniyǝtliring bilǝn bular bügünki kündimu turidu; Qünki barliⱪ mǝwjudatlar Sening hizmitingdidur.
92 अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
Sening Tǝwrat-ⱪanunung hursǝnlikim bolmiƣan bolsa, Azabimda yoⱪap ketǝr idim.
93 मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
Mǝn Sening kɵrsǝtmiliringni ⱨǝrgiz untumaymǝn; Qünki muxular arⱪiliⱪ manga ⱨayatliⱪ bǝrding;
94 मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
Mǝn Seningkidurmǝn, meni ⱪutⱪuzƣaysǝn; Qünki mǝn kɵrsǝtmiliringni izdǝp kǝldim.
95 शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
Rǝzillǝr meni ⱨalak ⱪilixni kütmǝktǝ; Biraⱪ mǝn agaⱨ-guwaⱨliringni kɵnglümdǝ tutup oylaymǝn.
96 मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है।
Mǝn ⱨǝmmǝ mukǝmmǝllikning qeki bar dǝp bilip yǝttim; Biraⱪ Sening ǝmr-kalaming qǝksiz kǝngdur!
97 मीम आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
(Mǝm) Aⱨ, mening Tǝwrat-ⱪanunungƣa bolƣan muⱨǝbbitim nǝⱪǝdǝr qongⱪurdur! Kün boyi u mening seƣinip oylaydiƣinimdur.
98 तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
Əmrliring ⱨǝrdaim mǝn bilǝn billǝ turƣaqⱪa, Meni düxmǝnlirimdin dana ⱪilidu;
99 मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
Barliⱪ ustazlirimdin kɵp yorutulƣanmǝn, Qünki agaⱨ-guwaⱨliring seƣiniximdur.
100 मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
Mǝn ⱪerilardin kɵprǝk qüxinimǝn, Qünki kɵrsǝtmiliringgǝ itaǝt ⱪilip kǝldim.
101 मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
Sɵz-kalamingƣa ǝmǝl ⱪilixim üqün, Ayaƣlirimni ⱨǝmmǝ yaman yoldin tarttim.
102 मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
Ⱨɵkümliringdin ⱨeq qiⱪmidim; Qünki manga ɵgǝtkǝn Sǝn ɵzüngdursǝn.
103 तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
Sɵzliring tilimƣa xunqǝ xerin tetiydu! Aƣzimda ⱨǝsǝldin tatliⱪtur!
104 तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है।
Kɵrsǝtmiliringdin mǝn yorutuldum; Xunga barliⱪ sahta yolni ɵq kɵrimǝn.
105 नून तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
(Nun) Sɵz-kalaming ayiƣim aldidiki qiraƣ, Yolumƣa nurdur.
106 मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
Ⱪǝsǝm iqtim, ǝmǝl ⱪilimǝnki, Mǝn ⱨǝⱪⱪaniy ⱨɵkümliringni tutimǝn.
107 मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Zor azab-oⱪubǝtlǝrni qǝktim, i Pǝrwǝrdigar; Sɵz-kalaming boyiqǝ meni janlandurƣaysǝn.
108 ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
Ⱪobul ⱪilƣaysǝn, i Pǝrwǝrdigar, aƣzimdiki halis ⱪurbanliⱪlarni, Manga ⱨɵkümliringni ɵgǝtkǝysǝn.
109 मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
Jenimni aliⱪinimda daim elip yürimǝn, Biraⱪ Tǝwrat-ⱪanunungni pǝⱪǝt untumaymǝn.
110 शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
Rǝzillǝr mǝn üqün ⱪiltaⱪ ⱪurdi; Biraⱪ kɵrsǝtmiliringdin adaxmidim.
111 मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
Agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni miras ⱪilip mǝnggügǝ ⱪobul ⱪildim; Qünki ular kɵnglümning xadliⱪidur.
112 मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है।
Mǝn kɵnglümni bǝlgilimiliringgǝ mǝnggügǝ [ǝmǝl ⱪilixⱪa], Yǝni ahirƣiqǝ ǝmǝl ⱪilixⱪa mayil ⱪildim.
113 सामेख मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
(Samǝⱪ) Ala kɵngüllǝrni ɵq kɵrüp kǝldim; Sɵyginim bolsa, Tǝwrat-ⱪanunungdur.
114 तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Sǝn mening dalda jayim, mening ⱪalⱪanimdursǝn; Sɵz-kalamingƣa ümid baƣlidim.
115 ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
Mǝn Hudayimning ǝmrlirigǝ ǝmǝl ⱪilixim üqün, Mǝndin neri bolunglar, i rǝzillik ⱪilƣuqilar!
116 तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
Yaxixim üqün, Wǝdǝng boyiqǝ meni yɵligǝysǝn; Ümidimning aldida meni yǝrgǝ ⱪaratmiƣaysǝn.
117 मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
Meni ⱪollap ⱪuwwǝtligǝysǝn, xunda mǝn aman-esǝn yürimǝn; Wǝ bǝlgilimiliringni ⱨǝrdaim ⱪǝdirlǝymǝn.
118 तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
Bǝlgilimiliringdin azƣanlarning ⱨǝmmisini nǝziringdin saⱪit ⱪilding; Qünki ularning aldamqiliⱪi ⱪuruⱪtur.
119 तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
Sǝn yǝr yüzidiki barliⱪ rǝzillǝrni daxⱪaldǝk xallap tazilaysǝn; Xunga mǝn agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni sɵyimǝn.
120 मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ।
Ətlirim Seningdin bolƣan ǝyminixtin titrǝydu; Ⱨɵkümliringdin ⱪorⱪup yürimǝn.
121 ऐन मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
(Ayin) Mǝn durus ⱨɵkümlǝrni wǝ adalǝtni yürgüzdum; Meni ǝzgüqilǝrgǝ taxlap ⱪoymiƣaysǝn;
122 भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
Ɵz ⱪulung üqün yahxiliⱪⱪa kapalǝt bolƣaysǝn; Tǝkǝbburlarƣa meni ǝzgüzmigǝysǝn.
123 तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
Kɵzüm nijatliⱪingƣa tǝxna bolup, Ⱨǝm ⱨǝⱪⱪaniyiting toƣruluⱪ wǝdǝnggǝ tǝlmürüp tügixǝy dǝp ⱪaldi;
124 अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
Ɵzgǝrmǝs muⱨǝbbiting bilǝn ⱪulungƣa muamilǝ ⱪilƣaysǝn; Bǝlgilimiliringni manga ɵgǝtkǝysǝn.
125 मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
Mǝn Sening ⱪulungdurmǝn; Agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni bilip yetixim üqün meni yorutⱪaysǝn.
126 अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
Pǝrwǝrdigar ⱨǝrikǝtkǝ kelix waⱪti kǝldi! Qünki ular Tǝwrat-ⱪanunungni bikar ⱪiliwetidu.
127 इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
Xu sǝwǝbtin ǝmrliringni altundin artuⱪ sɵyimǝn, Sap altundin artuⱪ sɵyimǝn;
128 इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है।
Xunga ⱨǝmmǝ ixlarni baxⱪuridiƣan barliⱪ kɵrsǝtmiliringni toƣra dǝp bilimǝn; Barliⱪ sahta yolni ɵq kɵrimǝn.
129 पे तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
(Pe) Agaⱨ-guwaⱨliⱪliring karamǝttur; Xunga jenim ularƣa ǝgixidu.
130 तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
Sɵzliringning yeximi nur elip kelidu; Nadanlarnimu yorutidu.
131 मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
Aƣzimni eqip ⱨasirap kǝttim, Qünki ǝmrliringgǝ tǝxna bolup kǝldim.
132 मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
Namingni sɵygǝnlǝrgǝ bolƣan aditing boyiqǝ, Jamalingni mǝn tǝrǝpkǝ ⱪaritip xǝpⱪǝt kɵrsǝtkǝysǝn.
133 अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
Ⱪǝdǝmlirimni sɵzüng bilǝn toƣriliƣaysǝn; Üstümgǝ ⱨeq ⱪǝbiⱨlikni ⱨɵküm sürgüzmigǝysǝn.
134 इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
Meni insanning zulumidin ⱪutuldurƣaysǝn, Xuning bilǝn Sening kɵrsǝtmiliringgǝ itaǝt ⱪilimǝn.
135 अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
Jamalingning nurini ⱪulungning üstigǝ qaqturƣaysǝn; Manga bǝlgilimiliringni ɵgǝtkǝysǝn.
136 मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते।
Kɵzlirimdin yax eriⱪliri aⱪidu, Qünki insanlar Tǝwrat-ⱪanunungƣa boysunmaydu.
137 सांदे ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
(Tsadǝ) Ⱨǝⱪⱪaniydursǝn, i Pǝrwǝrdigar; Ⱨɵkümliring toƣridur.
138 तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
Sǝn agaⱨ-guwaⱨliⱪliringni ⱨǝⱪⱪaniyliⱪta buyruƣan; Ular tolimu ixǝnqliktur!
139 मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
Otluⱪ muⱨǝbbitim ɵzümni yoⱪitidu, Qünki meni har ⱪilƣuqilar sɵzliringgǝ pisǝnt ⱪilmaydu.
140 तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
Sɵzüng toluⱪ sinap ispatlanƣandur; Xunga ⱪulung uni sɵyidu.
141 मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
Mǝn teriⱪtǝkturmǝn, kǝmsitilgǝnmǝn, Biraⱪ kɵrsǝtmiliringni untumaymǝn.
142 तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
Sening ⱨǝⱪⱪaniyiting ǝbǝdiy bir ⱨǝⱪⱪaniyǝttur, Tǝwrat-ⱪanunung ⱨǝⱪiⱪǝttur.
143 मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
Pexkǝllik wǝ azab manga qirmixiwaldi; Biraⱪ ǝmrliring mening hursǝnliklirimdur.
144 तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा।
Sening agaⱨ-guwaⱨliⱪliringning ⱨǝⱪⱪaniyliⱪi ǝbǝdiydur; Yaxiƣin dǝp, meni yorutⱪaysǝn.
145 क़ाफ मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
(Kof) Mǝn pütün ⱪǝlbim bilǝn Sanga nida ⱪildim, i Pǝrwǝrdigar; Manga jawab bǝrgǝysǝn; Mǝn bǝlgilimiliringni tutimǝn.
146 मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
Mǝn Sanga nida ⱪilimǝn; Meni ⱪutⱪuzƣaysǝn; agaⱨ-guwaⱨliⱪliringƣa ǝgiximǝn.
147 मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Mǝn tang atmay ornumdin turup pǝryad kɵtürimǝn; Sɵz-kalamingƣa ümid baƣlidim.
148 मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
Wǝdiliring üstidǝ seƣinip oylinix üqün, Tündiki jesǝklǝr almaxmay turup kɵzüm eqilidu.
149 अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Ɵzgǝrmǝs muⱨǝbbiting boyiqǝ awazimni angliƣaysǝn; I Pǝrwǝrdigar, ⱨɵkümliring boyiqǝ meni janlandurƣaysǝn.
150 जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
Ⱪǝbiⱨ niyǝtkǝ ǝgǝxkǝnlǝr manga yeⱪinlaxti, Ular Tǝwrat-ⱪanunungdin yiraⱪtur.
151 ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
I Pǝrwǝrdigar, Sǝn manga yeⱪin turisǝn; Barliⱪ ǝmrliring ⱨǝⱪiⱪǝttur.
152 तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है।
Uzundin beri agaⱨ-guwaⱨliⱪliringdin ɵgǝndimki, Ularni mǝnggügǝ inawǝtlik ⱪilƣansǝn.
153 रेश मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
(Rǝx) Mening har bolƣinimni kɵrgǝysǝn, meni ⱪutuldurƣaysǝn; Qünki Tǝwrat-ⱪanunungni untumidim.
154 मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Mening dǝwayimni soriƣaysǝn, ⱨǝmjǝmǝt bolup meni ⱪutⱪuzƣaysǝn; Wǝdǝng boyiqǝ meni janlandurƣaysǝn.
155 नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
Nijatliⱪ rǝzillǝrdin yiraⱪtur; Qünki ular bǝlgilimiliringni izdimǝydu.
156 ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Rǝⱨimdilliⱪliring kɵptur, i Pǝrwǝrdigar; Ⱨɵkümliring boyiqǝ meni janlandurƣaysǝn.
157 मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
Manga ziyankǝxlik ⱪilƣuqilar ⱨǝm meni har ⱪilƣuqilar kɵptur; Biraⱪ agaⱨ-guwaⱨliⱪliringdin ⱨeq qǝtnimidim.
158 मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
Mǝn asiyliⱪ ⱪilƣuqilarƣa ⱪarap yirgǝndim, Qünki ular sɵzüngni tutmaydu.
159 ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
Sening kɵrsǝtmiliringni xunqǝ sɵygǝnlikimni kɵrgǝysǝn; Ɵzgǝrmǝs muⱨǝbbiting boyiqǝ meni janlandurƣaysǝn, i Pǝrwǝrdigar.
160 तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं।
Sɵz-kalamingni mujǝssǝmligǝndǝ andin ⱨǝⱪiⱪǝt bolur; Sening ⱨǝrbir adil ⱨɵkümüng ǝbǝdiydur.
161 शीन उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
(Xiyn) Əmirlǝr bikardin-bikar manga ziyankǝxlik ⱪilidu; Biraⱪ yürikim kalaming aldidila titrǝydu.
162 मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
Birsi zor olja tapⱪandǝk, Wǝdǝngdin huxallinimǝn.
163 मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
Sahtiliⱪtin nǝprǝtlinip yirginimǝn; Sɵyginim Tǝwrat-ⱪanunungdur.
164 मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
Ⱨǝⱪⱪaniy ⱨɵkümliring tüpǝylidin, Kündǝ yǝttǝ ⱪetim Seni mǝdⱨiyilǝymǝn.
165 तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
Tǝwratingni sɵygǝnlǝrning zor hatirjǝmliki bar; Ⱨeq nǝrsǝ ularni putliyalmas.
166 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
Mǝn nijatliⱪingƣa ümid baƣlap küttüm, i Pǝrwǝrdigar, Əmrliringgǝ ǝmǝl ⱪilip.
167 मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
Jenim agaⱨ-guwaⱨliⱪliringƣa ǝgixidu, Ularni intayin sɵyimǝn.
168 मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं।
Barliⱪ yollirim aldingda bolƣaq, Kɵrsǝtmiliring ⱨǝm agaⱨ-guwaⱨliⱪliringƣa ǝgiximǝn.
169 ताव ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
(Taw) Mening pǝryadim aldingƣa yeⱪin kǝlsun, i Pǝrwǝrdigar; Kalaming boyiqǝ meni yorutⱪaysǝn.
170 मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
Yelinixim aldingƣa kǝlsun; Wǝdǝng boyiqǝ meni ⱪutuldurƣaysǝn.
171 मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
Manga bǝlgilimiliringni ɵgitixing üqün, Lǝwlirimdin mǝdⱨiyilǝr urƣup qiⱪidu.
172 मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
Tilim sɵzüngni küylǝp nahxa eytidu, Qünki ǝmrliringning ⱨǝmmisi ⱨǝⱪⱪaniydur.
173 तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
Ⱪolung manga yardǝmgǝ tǝyyar bolsun; Qünki mǝn kɵrsǝtmiliringni talliwaldim.
174 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
Mǝn nijatliⱪingƣa tǝlmürüp tǝxna bolup kǝldim, i Pǝrwǝrdigar; Sening Tǝwrating mening hursǝnlikimdur.
175 मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
Jenim yaxisun, u Seni mǝdⱨiyilǝydu, Sening ⱨɵkümliring manga yardǝm ⱪilsun.
176 मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।
Mǝn yoldin adaxⱪan ⱪoydǝk tǝmtirǝp ⱪaldim; Ⱪulungni izdigǝysǝn; Qünki ǝmrliringni untup ⱪalƣinim yoⱪ.