< ज़बूर 119 >
1 आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
アレフ おのが道を全くして、主のおきてに歩む者はさいわいです。
2 मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
主のもろもろのあかしを守り心をつくして主を尋ね求め、
3 उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
また悪を行わず、主の道に歩む者はさいわいです。
4 तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
あなたはさとしを命じて、ねんごろに守らせられます。
5 काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
どうかわたしの道を堅くして、あなたの定めを守らせてください。
6 जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
わたしは、あなたのもろもろの戒めに目をとめる時、恥じることはありません。
7 जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
わたしは、あなたの正しいおきてを学ぶとき、正しい心をもってあなたに感謝します。
8 मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे!
わたしはあなたの定めを守ります。わたしを全くお捨てにならないでください。
9 बेथ जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
ベス 若い人はどうしておのが道を清く保つことができるでしょうか。み言葉にしたがって、それを守るよりほかにありません。
10 मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
わたしは心をつくしてあなたを尋ね求めます。わたしをあなたの戒めから迷い出させないでください。
11 मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
わたしはあなたにむかって罪を犯すことのないように、心のうちにみ言葉をたくわえました。
12 ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
あなたはほむべきかな、主よ、あなたの定めをわたしに教えてください。
13 मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
わたしはくちびるをもって、あなたの口から出るもろもろのおきてを言いあらわします。
14 मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
わたしは、もろもろのたからを喜ぶように、あなたのあかしの道を喜びます。
15 मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
わたしは、あなたのさとしを思い、あなたの道に目をとめます。
16 मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा।
わたしはあなたの定めを喜び、あなたのみ言葉を忘れません。
17 गिमेल अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
ギメル あなたのしもべを豊かにあしらって、生きながらえさせ、み言葉を守らせてください。
18 मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
わたしの目を開いて、あなたのおきてのうちのくすしき事を見させてください。
19 मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
わたしはこの地にあっては寄留者です。あなたの戒めをわたしに隠さないでください。
20 मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
わが魂はつねにあなたのおきてを慕って、絶えいるばかりです。
21 तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
あなたは、あなたの戒めから迷い出る高ぶる者、のろわれた者を責められます。
22 मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
わたしはあなたのあかしを守りました。彼らのそしりと侮りとをわたしから取り去ってください。
23 उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
たといもろもろの君が座して、わたしをそこなおうと図っても、あなたのしもべは、あなたの定めを深く思います。
24 तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं।
あなたのあかしは、わたしを喜ばせ、わたしを教えさとすものです。
25 दाल्थ मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
ダレス わが魂はちりについています。み言葉に従って、わたしを生き返らせてください。
26 मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
わたしが自分の歩んだ道を語ったとき、あなたはわたしに答えられました。あなたの定めをわたしに教えてください。
27 अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
あなたのさとしの道をわたしにわきまえさせてください。わたしはあなたのくすしきみわざを深く思います。
28 ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
わが魂は悲しみによって溶け去ります。み言葉に従って、わたしを強くしてください。
29 झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
偽りの道をわたしから遠ざけ、あなたのおきてをねんごろに教えてください。
30 मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
わたしは真実の道を選び、あなたのおきてをわたしの前に置きました。
31 मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
主よ、わたしはあなたのあかしに堅く従っています。願わくは、わたしをはずかしめないでください。
32 जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा।
あなたがわたしの心を広くされるとき、わたしはあなたの戒めの道を走ります。
33 हे ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
ヘ 主よ、あなたの定めの道をわたしに教えてください。わたしは終りまでこれを守ります。
34 मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
わたしに知恵を与えてください。わたしはあなたのおきてを守り、心をつくしてこれに従います。
35 मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
わたしをあなたの戒めの道に導いてください。わたしはそれを喜ぶからです。
36 मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
わたしの心をあなたのあかしに傾けさせ、不正な利得に傾けさせないでください。
37 मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
わたしの目をほかにむけて、むなしいものを見させず、あなたの道をもって、わたしを生かしてください。
38 अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
あなたを恐れる者にかかわる約束をあなたのしもべに堅くしてください。
39 मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
わたしの恐れるそしりを除いてください。あなたのおきては正しいからです。
40 देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर।
見よ、わたしはあなたのさとしを慕います。あなたの義をもって、わたしを生かしてください。
41 वाव ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
ワウ 主よ、あなたの約束にしたがって、あなたのいつくしみと、あなたの救をわたしに臨ませてください。
42 तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
そうすれば、わたしをそしる者に、答えることができます。わたしはあなたのみ言葉に信頼するからです。
43 और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
またわたしの口から真理の言葉をことごとく除かないでください。わたしの望みはあなたのおきてにあるからです。
44 फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
わたしは絶えず、とこしえに、あなたのおきてを守ります。
45 और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
わたしはあなたのさとしを求めたので、自由に歩むことができます。
46 मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
わたしはまた王たちの前にあなたのあかしを語って恥じることはありません。
47 तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
わたしは、わたしの愛するあなたの戒めに自分の喜びを見いだすからです。
48 मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा।
わたしは、わたしの愛するあなたの戒めを尊び、あなたの定めを深く思います。
49 ज़ैन जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
ザイン どうか、あなたのしもべに言われたみ言葉を思い出してください。あなたはわたしにそれを望ませられました。
50 मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
あなたの約束はわたしを生かすので、わが悩みの時の慰めです。
51 मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
高ぶる者は大いにわたしをあざ笑います。しかしわたしはあなたのおきてを離れません。
52 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
主よ、わたしはあなたの昔からのおきてを思い出して、みずから慰めます。
53 उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
あなたのおきてを捨てる悪しき者のゆえに、わたしは激しい憤りを起します。
54 मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
あなたの定めはわが旅の家で、わたしの歌となりました。
55 ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
主よ、わたしは夜の間にあなたのみ名を思い出して、あなたのおきてを守ります。
56 यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना।
わたしはあなたのさとしを守ったことによって、この祝福がわたしに臨みました。
57 हेथ ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
ヘス 主はわたしの受くべき分です。わたしはあなたのみ言葉を守ることを約束します。
58 मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
わたしは心をつくして、あなたの恵みを請い求めます。あなたの約束にしたがって、わたしをお恵みください。
59 मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
わたしは、あなたの道を思うとき、足をかえして、あなたのあかしに向かいます。
60 मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
わたしはあなたの戒めを守るのに、すみやかで、ためらいません。
61 शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
たとい、悪しき者のなわがわたしを捕えても、わたしはあなたのおきてを忘れません。
62 तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
わたしはあなたの正しいおきてのゆえに夜半に起きて、あなたに感謝します。
63 मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
わたしは、すべてあなたを恐れる者、またあなたのさとしを守る者の仲間です。
64 ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
主よ、地はあなたのいつくしみで満ちています。あなたの定めをわたしに教えてください。
65 टेथ ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
テス 主よ、あなたはみ言葉にしたがってしもべをよくあしらわれました。
66 मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
わたしに良い判断と知識とを教えてください。わたしはあなたの戒めを信じるからです。
67 मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
わたしは苦しまない前には迷いました。しかし今はみ言葉を守ります。
68 तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
あなたは善にして善を行われます。あなたの定めをわたしに教えてください。
69 मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
高ぶる者は偽りをもってわたしをことごとくおおいます。しかしわたしは心をつくしてあなたのさとしを守ります。
70 उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
彼らの心は肥え太って脂肪のようです。しかしわたしはあなたのおきてを喜びます。
71 अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
苦しみにあったことは、わたしに良い事です。これによってわたしはあなたのおきてを学ぶことができました。
72 तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है।
あなたの口のおきては、わたしのためには幾千の金銀貨幣にもまさるのです。
73 योध तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
ヨード あなたのみ手はわたしを造り、わたしを形造りました。わたしに知恵を与えて、あなたの戒めを学ばせてください。
74 तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
あなたを恐れる者はわたしを見て喜ぶでしょう。わたしはみ言葉によって望みをいだいたからです。
75 ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
主よ、わたしはあなたのさばきの正しく、また、あなたが真実をもってわたしを苦しめられたことを知っています。
76 उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
あなたがしもべに告げられた約束にしたがって、あなたのいつくしみをわが慰めとしてください。
77 तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
あなたのあわれみをわたしに臨ませ、わたしを生かしてください。あなたのおきてはわが喜びだからです。
78 मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
高ぶる者に恥をこうむらせてください。彼らは偽りをもって、わたしをくつがえしたからです。しかしわたしはあなたのさとしを深く思います。
79 तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
あなたをおそれる者と、あなたのあかしを知る者とをわたしに帰らせてください。
80 मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ।
わたしの心を全くして、あなたの定めを守らせてください。そうすればわたしは恥をこうむることがありません。
81 क़ाफ मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
カフ わが魂はあなたの救を慕って絶えいるばかりです。わたしはみ言葉によって望みをいだきます。
82 तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
わたしの目はあなたの約束を待つによって衰え、「いつ、あなたはわたしを慰められるのですか」と尋ねます。
83 मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
わたしは煙の中の皮袋のようになりましたが、なお、あなたの定めを忘れませんでした。
84 तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
あなたのしもべの日はどれほど続くでしょうか。いつあなたは、わたしを迫害する者をさばかれるでしょうか。
85 मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
高ぶる者はわたしをおとしいれようと穴を掘りました。彼らはあなたのおきてに従わない人々です。
86 तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
あなたの戒めはみな真実です。彼らは偽りをもってわたしを迫害します。わたしをお助けください。
87 उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
彼らはこの地において、ほとんどわたしを滅ぼしました。しかし、わたしはあなたのさとしを捨てませんでした。
88 तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा।
あなたのいつくしみにしたがってわたしを生かしてください。そうすればわたしはあなたの口から出るあかしを守ります。
89 लामेध ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
ラメド 主よ、あなたのみ言葉は天においてとこしえに堅く定まり、
90 तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
あなたのまことはよろずよに及びます。あなたが地を定められたので、地は堅く立っています。
91 वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
これらのものはあなたの仰せにより、堅く立って今日に至っています。よろずのものは皆あなたのしもべだからです。
92 अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
あなたのおきてがわが喜びとならなかったならば、わたしはついに悩みのうちに滅びたでしょう。
93 मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
わたしは常にあなたのさとしを忘れません。あなたはこれをもって、わたしを生かされたからです。
94 मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
わたしはあなたのものです。わたしをお救いください。わたしはあなたのさとしを求めました。
95 शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
悪しき者はわたしを滅ぼそうと待ち伏せています。しかし、わたしはあなたのあかしを思います。
96 मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है।
わたしはすべての全きことに限りあることを見ました。しかしあなたの戒めは限りなく広いのです。
97 मीम आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
メム いかにわたしはあなたのおきてを愛することでしょう。わたしはひねもすこれを深く思います。
98 तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
あなたの戒めは常にわたしと共にあるので、わたしをわが敵にまさって賢くします。
99 मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
わたしはあなたのあかしを深く思うので、わがすべての師にまさって知恵があります。
100 मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
わたしはあなたのさとしを守るので、老いた者にまさって事をわきまえます。
101 मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
わたしはみ言葉を守るために、わが足をとどめて、すべての悪い道に行かせません。
102 मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
あなたがわたしを教えられたので、わたしはあなたのおきてを離れません。
103 तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
あなたのみ言葉はいかにわがあごに甘いことでしょう。蜜にまさってわが口に甘いのです。
104 तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है।
わたしはあなたのさとしによって知恵を得ました。それゆえ、わたしは偽りのすべての道を憎みます。
105 नून तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
ヌン あなたのみ言葉はわが足のともしび、わが道の光です。
106 मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
わたしはあなたの正しいおきてを守ることを誓い、かつこれを実行しました。
107 मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
わたしはいたく苦しみました。主よ、み言葉に従って、わたしを生かしてください。
108 ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
主よ、わがさんびの供え物をうけて、あなたのおきてを教えてください。
109 मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
わたしのいのちは常に危険にさらされています。しかし、わたしはあなたのおきてを忘れません。
110 शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
悪しき者はわたしのためにわなを設けました。しかし、わたしはあなたのさとしから迷い出ません。
111 मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
あなたのあかしはとこしえにわが嗣業です。まことに、そのあかしはわが心の喜びです。
112 मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है।
わたしはあなたの定めを終りまで、とこしえに守ろうと心を傾けます。
113 सामेख मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
サメク わたしは二心の者を憎みます。しかしあなたのおきてを愛します。
114 तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
あなたはわが隠れ場、わが盾です。わたしはみ言葉によって望みをいだきます。
115 ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
悪をなす者よ、わたしを離れ去れ、わたしはわが神の戒めを守るのです。
116 तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
あなたの約束にしたがって、わたしをささえて、ながらえさせ、わが望みについて恥じることのないようにしてください。
117 मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
わたしをささえてください。そうすれば、わたしは安らかで、常にあなたの定めに心をそそぎます。
118 तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
すべてあなたの定めから迷い出る者をあなたは、かろしめられます。まことに、彼らの欺きはむなしいのです。
119 तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
あなたは地のすべての悪しき者を、金かすのようにみなされます。それゆえ、わたしはあなたのあかしを愛します。
120 मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ।
わが肉はあなたを恐れるので震えます。わたしはあなたのさばきを恐れます。
121 ऐन मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
アイン わたしは正しく義にかなったことを行いました。わたしを捨てて、しえたげる者にゆだねないでください。
122 भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
しもべのために保証人となって、高ぶる者にわたしを、しえたげさせないでください。
123 तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
わが目はあなたの救と、あなたの正しい約束とを待ち望んで衰えます。
124 अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
あなたのいつくしみにしたがって、しもべをあしらい、あなたの定めを教えてください。
125 मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
わたしはあなたのしもべです。わたしに知恵を与えて、あなたのあかしを知らせてください。
126 अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
彼らはあなたのおきてを破りました。今は主のはたらかれる時です。
127 इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
それゆえ、わたしは金よりも、純金よりもまさってあなたの戒めを愛します。
128 इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है।
それゆえ、わたしは、あなたのもろもろのさとしにしたがって、正しき道に歩み、すべての偽りの道を憎みます。
129 पे तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
ペ あなたのあかしは驚くべきものです。それゆえ、わが魂はこれを守ります。
130 तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
み言葉が開けると光を放って、無学な者に知恵を与えます。
131 मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
わたしはあなたの戒めを慕うゆえに、口を広くあけてあえぎ求めました。
132 मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
み名を愛する者に常にされるように、わたしをかえりみ、わたしをあわれんでください。
133 अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
あなたの約束にしたがって、わが歩みを確かにし、すべての不義に支配されないようにしてください。
134 इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
わたしを人のしえたげからあがなってください。そうすればわたしは、あなたのさとしを守ります。
135 अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
み顔をしもべの上に照し、あなたの定めを教えてください。
136 मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते।
人々があなたのおきてを守らないので、わが目の涙は川のように流れます。
137 सांदे ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
ツァデー 主よ、あなたは正しく、あなたのさばきは正しいのです。
138 तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
あなたの正義と、この上ない真実とをもってあなたのあかしを命じられました。
139 मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
わたしのあだが、あなたのみ言葉を忘れるので、わが熱心はわたしを滅ぼすのです。
140 तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
あなたの約束はまことに確かです。あなたのしもべはこれを愛します。
141 मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
わたしは取るにたらない者で、人に侮られるけれども、なお、あなたのさとしを忘れません。
142 तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
あなたの義はとこしえに正しく、あなたのおきてはまことです。
143 मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
悩みと苦しみがわたしに臨みました。しかしあなたの戒めはわたしの喜びです。
144 तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा।
あなたのあかしはとこしえに正しいのです。わたしに知恵を与えて、生きながらえさせてください。
145 क़ाफ मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
コフ わたしは心をつくして呼ばわります。主よ、お答えください。わたしはあなたの定めを守ります。
146 मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
わたしはあなたに呼ばわります。わたしをお救いください。わたしはあなたのあかしを守ります。
147 मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
わたしは朝早く起き出て呼ばわります。わたしはみ言葉によって望みをいだくのです。
148 मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
わが目は夜警の交代する時に先だってさめ、あなたの約束を深く思います。
149 अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
あなたのいつくしみにしたがって、わが声を聞いてください。主よ、あなたの公義にしたがって、わたしを生かしてください。
150 जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
わたしをしえたげる者が悪いたくらみをもって近づいています。彼らはあなたのおきてを遠くはなれているのです。
151 ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
しかし主よ、あなたは近くいらせられます。あなたのもろもろの戒めはまことです。
152 तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है।
わたしは早くからあなたのあかしによって、あなたがこれをとこしえに立てられたことを知りました。
153 रेश मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
レシ わが悩みを見て、わたしをお救いください。わたしはあなたのおきてを忘れないからです。
154 मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
わが訴えを弁護して、わたしをあがない、あなたの約束にしたがって、わたしを生かしてください。
155 नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
救は悪しき者を遠く離れている。彼らはあなたの定めを求めないからです。
156 ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
主よ、あなたのあわれみは大きい。あなたの公義に従って、わたしを生かしてください。
157 मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
わたしをしえたげる者、わたしをあだする者は多い。しかしわたしは、あなたのあかしを離れません。
158 मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
不信仰な者があなたのみ言葉を守らないので、わたしは彼らを見て、いとわしく思います。
159 ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
わたしがいかにあなたのさとしを愛するかをお察しください。主よ、あなたのいつくしみにしたがって、わたしを生かしてください。
160 तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं।
あなたのみ言葉の全体は真理です。あなたの正しいおきてのすべてはとこしえに絶えることはありません。
161 शीन उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
シン もろもろの君はゆえなくわたしをしえたげます。しかしわが心はみ言葉をおそれます。
162 मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
わたしは大いなる獲物を得た者のようにあなたのみ言葉を喜びます。
163 मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
わたしは偽りを憎み、忌みきらいます。しかしあなたのおきてを愛します。
164 मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
わたしはあなたの正しいおきてのゆえに、一日に七たびあなたをほめたたえます。
165 तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
あなたのおきてを愛する者には大いなる平安があり、何ものも彼らをつまずかすことはできません。
166 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
主よ、わたしはあなたの救を望み、あなたの戒めをおこないます。
167 मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
わが魂は、あなたのあかしを守ります。わたしはいたくこれを愛します。
168 मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं।
わがすべての道があなたのみ前にあるので、わたしはあなたのさとしと、あかしとを守ります。
169 ताव ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
タウ 主よ、どうか、わが叫びをみ前にいたらせ、み言葉に従って、わたしに知恵をお与えください。
170 मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
わが願いをみ前にいたらせ、み言葉にしたがって、わたしをお助けください。
171 मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
あなたの定めをわたしに教えられるので、わがくちびるはさんびを唱えます。
172 मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
あなたのすべての戒めは正しいので、わが舌はみ言葉を歌います。
173 तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
わたしはあなたのさとしを選びました。あなたのみ手を、常にわが助けとしてください。
174 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
主よ、わたしはあなたの救を慕います。あなたのおきてはわたしの喜びです。
175 मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
わたしを生かして、あなたをほめたたえさせ、あなたのおきてを、わが助けとしてください。
176 मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।
わたしは失われた羊のように迷い出ました。あなたのしもべを捜し出してください。わたしはあなたの戒めを忘れないからです。