< ज़बूर 119 >

1 आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
おのが道をなほくしてヱホバの律法をあゆむ者はさいはひなり
2 मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
ヱホバのもろもろの證詞をまもり 心をつくしてヱホバを尋求むるものは福ひなり
3 उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
かかる人は不義をおこなはずしてヱホバの道をあゆむなり
4 तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
ヱホバよなんぢ訓諭をわれらに命じてねんごろに守らせたまふ
5 काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
なんぢわが道をかたくたててその律法をまもらせたまはんことを
6 जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
われ汝のもろもろの誡命にこころをとむるときは恥ることあらじ
7 जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
われ汝のただしき審判をまなばば 直き心をもてなんぢに感謝せん
8 मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे!
われは律法をまもらん われを棄はてたまふなかれ
9 बेथ जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
わかき人はなにによりてかその道をきよめん 聖言にしたがひて愼むのほかぞなき
10 मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
われ心をつくして汝をたづねもとめたり 願くはなんぢの誡命より迷ひいださしめ給ふなかれ
11 मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
われ汝にむかひて罪ををかすまじき爲になんぢの言をわが心のうちに蔵へたり
12 ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
讃べきかなヱホバよねがはくは律法をわれに敎へたまへ
13 मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
われわが口唇をもてなんぢの口よりいでしもろもろの審判をのべつたへたり
14 मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
我もろもろの財貨をよろこぶごとくに汝のあかしの道をよろこべり
15 मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
我なんぢの訓諭をおもひ汝のみちに心をとめん
16 मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा।
われは律法をよろこび聖言をわするることなからん
17 गिमेल अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
ねがはくは汝のしもべを豊にあしらひて存へしめたまへ さらばわれ聖言をまもらん
18 मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
なんぢわが眼をひらき なんぢの法のうちなる奇しきことを我にみせたまへ
19 मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
われは世にある旅客なり 我になんぢの誡命をかくしたまふなかれ
20 मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
斷るときなくなんぢの審判をしたふが故にわが霊魂はくだくるなり
21 तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
汝はたかぶる者をせめたまへり なんぢの誡命よりまよひづる者はのろはる
22 मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
我なんぢの證詞をまもりたり 我より謗とあなどりとを取去たまへ
23 उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
又もろもろの侯は坐して相語りわれをそこなはんとせり 然はあれど汝のしもべは律法をふかく思へり
24 तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं।
汝のもろもろの證詞はわれをよろこばせわれをさとす者なり
25 दाल्थ मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
わが霊魂は塵につきぬ なんぢの言にしたがひて我をいかしたまへ
26 मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
我わがふめる道をあらはししかば汝こたへを我になしたまへり なんぢの律法をわれに敎へたまへ
27 अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
なんぢの訓諭のみちを我にわきまへしめたまへ われ汝のくすしき事跡をふかく思はん
28 ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
わがたましひ痛めるによりてとけゆく ねがはくは聖言にしたがひて我にちからを予へたまへ
29 झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
願くはいつはりの道をわれより遠ざけ なんぢの法をもて我をめぐみたまへ
30 मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
われは眞實のみちをえらび 恒になんぢのもろもろの審判をわが前におけり
31 मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
我なんぢの證詞をしたひて離れず ヱホバよねがはくは我をはづかしめ給ふなかれ
32 जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा।
われ汝のいましめの道をはしらん その時なんぢわが心をひろく爲たまふべし
33 हे ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
ヱホバよ願くはなんぢの律法のみちを我にをしへたまへ われ終にいたるまで之をまもらん
34 मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
われに智慧をあたへ給へ さらば我なんぢの法をまもり心をつくして之にしたがはん
35 मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
われに汝のいましめの道をふましめたまへ われその道をたのしめばなり
36 मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
わが心をなんぢの證詞にかたぶかしめて 貪利にかたぶかしめ給ふなかれ
37 मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
わが眼をほかにむけて虚しきことを見ざらしめ 我をなんぢの途にて活し給へ
38 अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
ひたすらに汝をおそるる汝のしもべに 聖言をかたくしたまへ
39 मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
わがおそるる謗をのぞきたまへ そはなんぢの審判はきはめて善し
40 देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर।
我なんぢの訓諭をしたへり 願くはなんぢの義をもて我をいかしたまへ
41 वाव ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
ヱホバよ聖言にしたがひてなんぢの憐憫なんぢの拯救を我にのぞませたまへ
42 तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
さらば我われを謗るものに答ふることをえん われ聖言によりたのめばなり
43 और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
又わが口より眞理のことばをことごとく除き給ふなかれ われなんぢの審判をのぞみたればなり
44 फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
われたえずいや永久になんぢの法をまもらん
45 और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
われなんぢの訓諭をもとめたるにより障なくしてあゆまん
46 मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
われまた王たちの前になんぢの證詞をかたりて恥ることあらじ
47 तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
我わが愛するなんぢの誡命をもて己をたのしましめん
48 मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा।
われ手をわがあいする汝のいましめに擧げ なんぢの律法をふかく思はん
49 ज़ैन जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
ねがはくは汝のしもべに宣ひたる聖言をおもひいだしたまへ 汝われに之をのぞましめ給へり
50 मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
なんぢの聖言はわれを活ししがゆゑに 今もなほわが艱難のときの安慰なり
51 मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
高ぶる者おほいに我をあざわらへり されど我なんぢの法をはなれざりき
52 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
ヱホバよわれ汝がふるき往昔よりの審判をおもひいだして自から慰めたり
53 उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
なんぢの法をすつる惡者のゆゑによりて 我はげしき怒をおこしたり
54 मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
なんぢの律法はわが旅の家にてわが歌となれり
55 ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
ヱホバよわれ夜間になんぢの名をおもひいだして なんぢの法をまもれり
56 यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना।
われ汝のさとしを守りしによりてこの事をえたるなり
57 हेथ ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
ヱホバはわがうくべき有なり われ汝のもろもろの言をまもらんといへり
58 मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
われ心をつくして汝のめぐみを請求めたり ねがはくは聖言にしたがひて我をあはれみたまへ
59 मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
我わがすべての途をおもひ 足をかへしてなんぢの證詞にむけたり
60 मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
我なんぢの誡命をまもるに速けくしてたゆたはざりき
61 शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
惡きものの繩われに纏ひたれども 我なんぢの法をわすれざりき
62 तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
我なんぢのただしき審判のゆゑに 夜半におきてなんぢに感謝せん
63 मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
われは汝をおそるる者 またなんぢの訓諭をまもるものの侶なり
64 ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
ヱホバよ汝のあはれみは地にみちたり 願くはなんぢの律法をわれにをしへたまへ
65 टेथ ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
ヱホバよなんぢ聖言にしたがひ惠をもてその僕をあしらひたまへり
66 मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
われ汝のいましめを信ず ねがはくはわれに聡明と智識とををしへたまへ
67 मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
われ苦しまざる前にはまよひいでぬ されど今はわれ聖言をまもる
68 तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
なんぢは善にして善をおこなひたまふ ねがはくは汝のおきてを我にをしへたまへ
69 मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
高ぶるもの虚偽をくはだてて我にさからへり われ心をつくしてなんぢの訓諭をまもらん
70 उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
かれらの心はこえふとりて脂のごとし されど我はなんぢの法をたのしむ
71 अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
困苦にあひたりしは我によきことなり 此によりて我なんぢの律法をまなびえたり
72 तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है।
なんぢの口の法はわがためには千々のこがね白銀にもまされり
73 योध तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
なんぢの手はわれを造りわれを形づくれり ねがはくは智慧をあたへて我になんぢの誡命をまなばしめたまへ
74 तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
なんぢを畏るるものは我をみて喜ばん われ聖言によりて望をいたきたればなり
75 ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
ヱホバよ我はなんぢの審判のただしく又なんぢが眞實をもて我をくるしめたまひしを知る
76 उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
ねがはくは汝のしもべに宣ひたる聖言にしたがひて 汝の仁慈をわが安慰となしたまへ
77 तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
なんぢの憐憫をわれに臨ませたまへ さらばわれ生ん なんぢの法はわが樂しめるところなり
78 मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
高ぶるものに恥をかうぷらせたまへ かれらは虚偽をもて我をくつがへしたればなり されど我なんぢの訓諭をふかくおもはん
79 तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
汝をおそるる者となんぢの證詞をしるものとを我にかへらしめたまへ
80 मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ।
わがこころを全くして汝のおきてを守らしめたまへ さらばわれ恥をかうぶらじ
81 क़ाफ मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
わが霊魂はなんぢの救をしたひてたえいるばかりなり 然どわれなほ聖言によりて望をいだく
82 तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
なんぢ何のとき我をなぐさむるやといひつつ 我みことばを慕ふによりて眼おとろふ
83 मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
我は煙のなかの革嚢のごとくなりぬれども 尚なんぢの律法をわすれず
84 तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
汝のしもべの日は幾何ありや 汝いづれのとき我をせむるものに審判をおこなひたまふや
85 मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
たかぶる者われを害はんとて阱をほれり かれらはなんぢの法にしたがはず
86 तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
なんぢの誡命はみな眞實なり かれらは虚偽をもて我をせむ ねがはくは我をたすけたまへ
87 उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
かれらは地にてほとんど我をほろぼせり されど我はなんぢの訓諭をすてざりき
88 तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा।
願くはなんぢの仁慈にしたがひて我をいかしたまへ 然ばわれ御口よりいづる證詞をまもらん
89 लामेध ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
ヱホバよみことばは天にてとこしえに定まり
90 तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
なんぢの眞實はよろづ世におよぶ なんぢ地をかたく立たまへば地はつねにあり
91 वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
これらのものはなんぢの命令にしたがひ 恒にありて今日にいたる 萬のものは皆なんぢの僕なればなり
92 अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
なんぢの法わがたのしみとならざりしならば我はつひに患難のうちに滅びたるならん
93 मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
われ恒になんぢの訓諭をわすれじ 汝これをもて我をいかしたまへばなり
94 मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
我はなんぢの有なりねがはくは我をすくひたまへ われ汝のさとしを求めたり
95 शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
惡きものは我をほろぼさんとして窺ひぬ われは唯なんぢのもろもろの證詞をおもはん
96 मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है।
我もろもろの純全に限あるをみたり されど汝のいましめはいと廣し
97 मीम आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
われなんぢの法をいつくしむこといかばかりぞや われ終日これを深くおもふ
98 तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
なんぢの誡命はつねに我とともにありて 我をわが仇にまさりて慧からしむ
99 मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
我はなんぢの證詞をふかくおもふが故に わがすべての師にまさりて智慧おほし
100 मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
我はなんぢの訓諭をまもるがゆゑに 老たる者にまさりて事をわきまふるなり
101 मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
われ聖言をまもらんために わが足をとどめてもろもろのあしき途にゆかしめず
102 मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
なんぢ我ををしへたまひしによりて 我なんぢの審判をはなれざりき
103 तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
みことばの滋味はわが腭にあまきこといかばかりぞや 蜜のわが口に甘きにまされり
104 तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है।
我なんぢの訓諭によりて智慧をえたり このゆゑに虚偽のすべての途をにくむ
105 नून तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
なんぢの聖言はわがあしの燈火わが路のひかりなり
106 मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
われなんぢのただしき審判をまもらんことをちかひ且かたくせり
107 मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
われ甚いたく苦しめり ヱホバよねがはくは聖言にしたがひて我をいかしたまヘ
108 ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
ヱホバよねがはくは誠意よりするわが口の献物をうけて なんぢの審判ををしへたまへ
109 मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
わが霊魂はつねに危険ををかす されど我なんぢの法をわすれず
110 शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
あしき者わがために羂をまうけたり されどわれ汝のさとしより迷ひいでざりき
111 मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
われ汝のもろもろの證詞をとこしへにわが嗣業とせり これらの證詞はわが心をよろこばしむ
112 मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है।
われ汝のおきてを終までとこしへに守らんとて之にこころを傾けたり
113 सामेख मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
われ二心のものをにくみ汝のおきてを愛しむ
114 तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
なんぢはわが匿るべき所わが盾なり われ聖言によりて望をいだく
115 ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
惡きをなすものよ我をはなれされ われわが神のいましめを守らん
116 तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
聖言にしたがひ我をささへて生存しめたまへ わが望につきて恥なからしめたまへ
117 मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
われを支へたまへ さらばわれ安けかるべし われ恒になんぢの律法にこころをそそがん
118 तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
すべて律法よりまよひいづるものを汝かろしめたまへり かれらの欺詐はむなしければなり
119 तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
なんぢは地のすべての惡きものを渣滓のごとく除きさりたまふ この故にわれ汝のあかしを愛す
120 मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ।
わが肉體なんぢを懼るるによりてふるふ 我はなんぢの審判をおそる
121 ऐन मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
われは審判と公義とをおこなふ 我をすてて虐ぐるものに委ねたまふなかれ
122 भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
汝のしもべの中保となりて福祉をえしめたまへ 高ぶるものの我をしへたぐるを容したまふなかれ
123 तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
わが眼はなんぢの救となんぢのただしき聖言とをしたふによりておとろふ
124 अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
ねがはくはなんぢの憐憫にしたがひてなんぢの僕をあしらひ 我になんぢの律法ををしへたまへ
125 मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
我はなんぢの僕なり われに智慧をあたへてなんぢの證詞をしらしめたまへ
126 अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
彼等はなんぢの法をすてたり 今はヱホバのはたらきたまふべき時なり
127 इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
この故にわれ金よりもまじりなき金よりもまさりて汝のいましめを愛す
128 इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है।
この故にもろもろのことに係るなんぢの一切のさとしを正しとおもふ 我すべてのいつはりの途をにくむ
129 पे तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
汝のあかしは妙なり かかるが故にわが霊魂これをまもる
130 तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
聖言うちひらくれば光をはなちて 愚かなるものをさとからしむ
131 मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
我なんぢの誡命をしたふが故に わが口をひろくあけて喘ぎもとめたり
132 मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
ねがはくは聖名を愛するものに恒になしたまふごとく身をかへして我をあはれみたまへ
133 अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
聖言をもてわが歩履をととのへ もろもろの邪曲をわれに主たらしめたまふなかれ
134 इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
われを人のしへたげより贖ひたまへ さらばわれ訓諭をまもらん
135 अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
ねがはくは聖顔をなんぢの僕のうへにてらし 汝のおきてを我にをしへ給へ
136 मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते।
人なんぢの法をまもらざるによりて わが眼のなみだ河のごとくに流る
137 सांदे ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
ヱホバよなんぢは義しくなんぢの審判はなほし
138 तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
汝ただしきと此上なき眞實とをもて その證詞を命じ給へり
139 मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
わが敵なんぢの聖言をわすれたるをもて わが熱心われをほろぼせり
140 तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
なんぢの聖言はいときよし 此故になんぢの僕はこれを愛す
141 मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
われは微なるものにて人にあなどらるれども汝のさとしを忘れず
142 तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
なんぢの義はとこしへの義なり汝ののりは眞理なり
143 मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
われ患難と憂とにかかれども 汝のいましめはわが喜樂なり
144 तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा।
なんぢの證詞はとこしへに義し ねがはくはわれに智慧をたまへ 我ながらふることを得ん
145 क़ाफ मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
われ心をつくしてよばはれり ヱホバよ我にこたへたまへ 我なんぢの律法をまもらん
146 मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
われ汝をよばはれり ねがはくはわれを救ひ給へ 我なんぢの證詞をまもらん
147 मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
われ詰朝おきいでて呼はれり われ聖言によりて望をいだけり
148 मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
夜の更のきたらぬに先だち わが眼はさめて汝のみことばを深くおもふ
149 अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
ねがはくはなんぢの仁慈にしたがひてわが聲をききたまへ ヱホバよなんぢの審判にしたがひて我をいかしたまへ
150 जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
惡をおひもとむるものは我にちかづけり 彼等はなんぢの法にとほくはなる
151 ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
ヱホバよ汝はわれに近くましませり なんぢのすべての誡命はまことなり
152 तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है।
われ早くよりなんぢの證詞によりて汝がこれを永遠にたてたまへることを知れり
153 रेश मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
ねがはくはわが患難をみて我をすくひたまへ 我なんぢの法をわすれざればなり
154 मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
ねがはくはわが訟をあげつらひて我をあがなひ 聖言にしたがひて我をいかしたまへ
155 नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
すくひは惡きものより遠くはなる かれらはなんぢの律法をもとめざればなり
156 ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
ヱホバよなんぢの憐憫はおほいなり 願くはなんぢの審判にしたがひて我をいかしたまへ
157 मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
我をせむる者われに敵するものおほし 我なんぢの證詞をはなるることなかりき
158 मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
虚偽をおこなふもの汝のみことばを守らざるにより 我かれらを見てうれへたり
159 ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
ねがはくはわが汝のさとしを愛すること幾何なるをかへりみたまへ ヱホバよなんぢの仁慈にしたがひて我をいかしたまへ
160 तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं।
なんぢのみことばの總計はまことなり 汝のただしき審判はとこしへにいたるまで皆たゆることなし
161 शीन उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
もろもろの侯はゆゑなくして我をせむ 然どわが心はただ汝のみことばを畏る
162 मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
われ人のおほいなる掠物をえたるごとくに 汝のみことばをよろこぶ
163 मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
われ虚偽をにくみ之をいみきらへども 汝ののりを愛す
164 मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
われ汝のただしき審判のゆゑをもて 一日に七次なんぢを讃稱ふ
165 तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
なんぢの法をあいするものには大なる平安あり かれらには躓礙をあたふる者なし
166 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
ヱホバよ我なんぢの救をのぞみ汝のいましめをおこなへり
167 मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
わが霊魂はなんぢの證詞をまもれり 我はいたく之をあいす
168 मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं।
われなんぢの訓諭となんぢの證詞とをまもりぬ わがすべての道はみまへにあればなり
169 ताव ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
ヱホバよ願くはわがよぶ聲をみまへにちかづけ 聖言にしたがひて我にちゑをあたへたまへ
170 मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
わが願をみまへにいたらせ 聖言にしたがひて我をたすけたまへ
171 मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
わがくちびるは讃美をいだすべし 汝われに律法ををしへ給へばなり
172 मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
わが舌はみことばを謳ふべし なんぢの一切のいましめは義なればなり
173 तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
なんぢの手をつねにわが助となしたまへ われなんぢの訓諭をえらび用ゐたればなり
174 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
ヱホバよ我なんぢの救をしたへり なんぢの法はわがたのしみなり
175 मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
願くはわが霊魂をながらへしめたまへ さらば汝をほめたたへん 汝のさばきの我をたすけんことを
176 मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।
われは亡はれたる羊のごとく迷ひいでぬ なんぢの僕をたづねたまへ われ汝のいましめを忘れざればなり

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