< ज़बूर 119 >
1 आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
Άλεφ. Μακάριοι οι άμωμοι εν οδώ· οι περιπατούντες εν τω νόμω του Κυρίου·
2 मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
Μακάριοι οι φυλάττοντες τα μαρτύρια αυτού, οι εκζητούντες αυτόν εξ όλης καρδίας·
3 उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
αυτοί βεβαίως δεν πράττουσιν ανομίαν· εν ταις οδοίς αυτού περιπατούσι.
4 तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
συ προσέταξας να φυλάττωνται ακριβώς αι εντολαί σου.
5 काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
Είθε να κατευθύνωνται αι οδοί μου, διά να φυλάττω τα διατάγματά σου
6 जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
Τότε δεν θέλω αισχυνθή, όταν επιβλέπω εις πάντα τα προστάγματά σου.
7 जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
Θέλω σε δοξολογεί εν ευθύτητι καρδίας, όταν μάθω τας κρίσεις της δικαιοσύνης σου.
8 मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे! बेथ
Τα διατάγματά σου θέλω φυλάττει· μη με εγκαταλίπης ολοκλήρως.
9 जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
Βεθ. Τίνι τρόπω θέλει καθαρίζει ο νέος την οδόν αυτού; φυλάττων τους λόγους σου.
10 मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
Εξ όλης της καρδίας μου σε εξεζήτησα· με μη αφήσης να αποπλανηθώ από των προσταγμάτων σου.
11 मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
Εν τη καρδία μου εφύλαξα τα λόγιά σου, διά να μη αμαρτάνω εις σε.
12 ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
Ευλογητός είσαι, Κύριε· δίδαξόν με τα διατάγματά σου.
13 मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
Διά των χειλέων μου διηγήθην πάσας τας κρίσεις του στόματός σου.
14 मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
Εν τη οδώ των μαρτυρίων σου ευφράνθην, ως διά πάντα τα πλούτη.
15 मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
Εις τας εντολάς σου θέλω μελετά, και εις τας οδούς σου θέλω ενατενίζει.
16 मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा। गिमेल
Εις τα διατάγματά σου θέλω εντρυφά· δεν θέλω λησμονήσει τους λόγους σου.
17 अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
Γίμελ. Αντάμειψον τον δούλον σου· ούτω θέλω ζήσει, και θέλω φυλάξει τον λόγον σου.
18 मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
Άνοιξον τους οφθαλμούς μου, και θέλω βλέπει τα θαυμάσια τα εκ του νόμου σου.
19 मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
Πάροικος είμαι εγώ εν τη γή· μη κρύψης απ' εμού τα προστάγματά σου.
20 मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
Η ψυχή μου λιποθυμεί εκ του πόθου τον οποίον έχω εις τας κρίσεις σου πάντοτε.
21 तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
Συ επετίμησας τους επικαταράτους υπερηφάνους, τους εκκλίνοντας από των προσταγμάτων σου.
22 मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
Σήκωσον απ' εμού το όνειδος και την καταφρόνησιν· διότι εφύλαξα τα μαρτύριά σου.
23 उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
Άρχοντες τωόντι εκάθισαν και ελάλουν εναντίον μου· αλλ' ο δούλός σου εμελέτα εις τα διατάγματά σου.
24 तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं। दाल्थ
Τα μαρτυριά σου βεβαίως είναι η τρυφή μου και οι σύμβουλοί μου.
25 मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Δάλεθ. Η ψυχή μου εκολλήθη εις το χώμα· ζωοποίησόν με κατά τον λόγον σου.
26 मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
Εφανέρωσα τας οδούς μου, και μου εισήκουσας· δίδαξόν με τα διατάγματά σου.
27 अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
Κάμε με να εννοώ την οδόν των εντολών σου, και θέλω μελετά εις τα θαυμάσιά σου.
28 ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
Η ψυχή μου τήκεται υπό θλίψεως· στερέωσόν με κατά τον λόγον σου.
29 झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
Απομάκρυνον απ' εμού την οδόν του ψεύδους, και χάρισόν μοι τον νόμον σου.
30 मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
Την οδόν της αληθείας εξέλεξα· προ οφθαλμών μου έθεσα τας κρίσεις σου.
31 मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
Προσεκολλήθην εις τα μαρτύριά σου· Κύριε, μη με καταισχύνης.
32 जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा। हे
Την οδόν των προσταγμάτων σου θέλω τρέχει, όταν πλατύνης την καρδίαν μου.
33 ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
Ε. Δίδαξόν με, Κύριε, την οδόν των διαταγμάτων σου, και θέλω φυλάττει αυτήν μέχρι τέλους.
34 मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
Συνέτισόν με, και θέλω φυλάττει τον νόμον σου· ναι, θέλω φυλάττει αυτόν εν όλη καρδία.
35 मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
Οδήγησόν με εις την οδόν των προσταγμάτων σου· διότι ευφραίνομαι εις αυτήν.
36 मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
Κλίνον την καρδίαν μου εις τα μαρτύριά σου και μη εις πλεονεξίαν.
37 मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
Απόστρεψον τους οφθαλμούς μου από του να βλέπωσι ματαιότητα· ζωοποίησόν με εν τη οδώ σου.
38 अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
Εκτέλεσον τον λόγον σου προς τον δούλον σου, όστις είναι δεδομένος εις τον φόβον σου.
39 मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
Αφαίρεσον το όνειδός μου, το οποίον φοβούμαι· διότι αι κρίσεις σου είναι αγαθαί.
40 देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर। वाव
Ιδού, επεθύμησα τας εντολάς σου· ζωοποίησόν με διά της δικαιοσύνης σου.
41 ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
Βάου. Και ας έλθη επ εμέ το έλεός σου, Κύριε, και η σωτηρία σου κατά τον λόγον σου.
42 तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
Τότε θέλω αποκριθή προς τον ονειδίζοντά με· διότι ελπίζω επί τον λόγον σου.
43 और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
Και μη αφαιρέσης ολοτελώς από του στόματός μου τον λόγον της αληθείας· διότι ήλπισα επί τας κρίσεις σου.
44 फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
Και θέλω φυλάττει τον νόμον σου διαπαντός, εις τον αιώνα του αιώνος.
45 और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
Και θέλω περιπατεί εν ευρυχωρία· διότι εξεζήτησα τας εντολάς σου.
46 मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
Και θέλω ομιλεί περί των μαρτυρίων σου έμπροσθεν βασιλέων, και δεν θέλω αισχυνθή.
47 तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
Και θέλω εντρυφά εις τα προστάγματά σου, τα οποία ηγάπησα.
48 मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा। ज़ैन
Και θέλω υψόνει τας χείρας μου προς τα προστάγματά σου, τα οποία ηγάπησα· και θέλω μελετά εις τα διατάγματά σου.
49 जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
Ζάϊν. Ενθυμήθητι τον λόγον τον προς τον δούλον σου, εις τον οποίον με επήλπισας.
50 मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
Αύτη είναι η παρηγορία μου εν τη θλίψει μου, ότι ο λόγος σου με εζωοποίησεν.
51 मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
Οι υπερήφανοι με εχλεύαζον σφόδρα· αλλ' εγώ από του νόμου σου δεν εξέκλινα.
52 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
Ενεθυμήθην τας απ' αιώνος κρίσεις σου, Κύριε, και παρηγορήθην.
53 उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
Φρίκη με κατέλαβεν εξ αιτίας των ασεβών, των εγκαταλειπόντων τον νόμον σου.
54 मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
Τα διατάγματά σου υπήρξαν εις εμέ ψαλμωδίαι εν τω οίκω της παροικίας μου.
55 ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
Ενεθυμήθην εν νυκτί το όνομά σου, Κύριε· και εφύλαξα τον νόμον σου.
56 यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना। हेथ
Τούτο έγεινεν εις εμέ, διότι εφύλαξα τας εντολάς σου.
57 ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
Χεθ. Συ, Κύριε, μερίς μου είσαι· είπα να φυλάξω τους λόγους σου.
58 मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
Παρεκάλεσα το πρόσωπόν σου εν όλη καρδία· ελέησόν με κατά τον λόγον σου.
59 मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
Διελογίσθην τας οδούς μου και έστρεψα τους πόδας μου εις τα μαρτύριά σου.
60 मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
Έσπευσα και δεν εβράδυνα να φυλάξω τα προστάγματά σου.
61 शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
Στίφη ασεβών με περιεκύκλωσαν· αλλ' εγώ δεν ελησμόνησα τον νόμον σου.
62 तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
Το μεσονύκτιον εγείρομαι διά να σε δοξολογώ διά τας κρίσεις της δικαιοσύνης σου.
63 मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
Εγώ είμαι μέτοχος πάντων των φοβουμένων σε και φυλαττόντων τας εντολάς σου.
64 ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा! टेथ
Η γη, Κύριε, είναι πλήρης του ελέους σου· δίδαξόν με τα διατάγματά σου.
65 ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
Τεθ. Συ, Κύριε, ευηργέτησας τον δούλον σου κατά τον λόγον σου.
66 मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
Δίδαξόν με φρόνησιν και γνώσιν· διότι επίστευσα εις τα προστάγματά σου.
67 मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
Πριν ταλαιπωρηθώ, εγώ επλανώμην· αλλά τώρα εφύλαξα τον λόγον σου.
68 तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
Συ είσαι αγαθός και αγαθοποιός· δίδαξόν με τα διατάγματά σου.
69 मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
Οι υπερήφανοι έπλεξαν κατ' εμού ψεύδος· αλλ' εγώ εν όλη καρδία θέλω φυλάττει τας εντολάς σου.
70 उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
Η καρδία αυτών έπηξεν ως πάχος· αλλ' εγώ εντρυφώ εις τον νόμον σου.
71 अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
Καλόν έγεινεν εις εμέ ότι εταλαιπωρήθην, διά να μάθω τα διατάγματά σου.
72 तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है। योध
Ο νόμος του στόματός σου είναι καλήτερος εις εμέ, υπέρ χιλιάδας χρυσίου και αργυρίου.
73 तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
Ιώδ. Αι χείρές σου με έκαμαν και με έπλασαν· συνέτισόν με, και θέλω μάθει τα προστάγματά σου.
74 तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Οι φοβούμενοί σε θέλουσι με ιδεί και ευφρανθή, διότι ήλπισα επί τον λόγον σου.
75 ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
Γνωρίζω, Κύριε, ότι αι κρίσεις σου είναι δικαιοσύνη, και ότι πιστώς με εταλαιπώρησας.
76 उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
Ας με παρηγορήση, δέομαι, το έλεός σου, κατά τον λόγον σου τον προς τον δούλον σου.
77 तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
Ας έλθωσιν επ' εμέ οι οικτιρμοί σου, διά να ζώ· διότι ο νόμος σου είναι η τρυφή μου.
78 मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
Ας αισχυνθώσιν οι υπερήφανοι, διότι ζητούσιν αδίκως να με ανατρέψωσιν· αλλ' εγώ θέλω μελετά εις τας εντολάς σου.
79 तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
Ας επιστρέψωσιν εις εμέ οι φοβούμενοί σε, και οι γνωρίζοντες τα μαρτύριά σου·
80 मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ। क़ाफ
Ας ήναι η καρδία μου άμωμος εις τα διατάγματά σου, διά να μη αισχυνθώ.
81 मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Καφ. Λιποθυμεί η ψυχή μου διά την σωτηρίαν σου· επί τον λόγον σου ελπίζω.
82 तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
Οι οφθαλμοί μου απέκαμον διά τον λόγον σου, λέγοντες, Πότε θέλεις με παρηγορήσει;
83 मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
Διότι έγεινα ως ασκός εν τω καπνώ· αλλά τα διατάγματά σου δεν ελησμόνησα.
84 तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
Πόσαι είναι αι ημέραι του δούλου σου; πότε θέλεις κάμει κρίσιν εναντίον των καταδιωκόντων με;
85 मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
Οι υπερήφανοι, οι εναντίοι του νόμου σου, έσκαψαν εις εμέ λάκκους.
86 तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
Πάντα τα προστάγματά σου είναι αλήθεια· αδίκως με κατατρέχουσι· βοήθησόν μοι.
87 उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
Παρ' ολίγον με κατέστρεψαν εις την γήν· αλλ' εγώ δεν εγκατέλιπον τας εντολάς σου.
88 तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा। लामेध
Ζωοποίησόν με κατά το έλεός σου· και θέλω φυλάξει τα μαρτύρια του στόματός σου.
89 ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
Λάμεδ. Εις τον αιώνα, Κύριε, διαμένει ο λόγος σου εν τω ουρανώ·
90 तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
η αλήθειά σου εις γενεάν και γενεάν· εθεμελίωσας την γην, και διαμένει.
91 वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
Κατά τας διατάξεις σου διαμένουσιν έως της σήμερον, διότι τα σύμπαντα είναι δούλοι σου.
92 अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
Εάν ο νόμος σου δεν ήτο η τρυφή μου, τότε ήθελον χαθή εν τη θλίψει μου.
93 मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
Εις τον αιώνα δεν θέλω λησμονήσει τας εντολάς σου, διότι εν αυταίς με εζωοποίησας.
94 मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
Σος είμαι εγώ· σώσον με· διότι τας εντολάς σου εξεζήτησα.
95 शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
Οι ασεβείς με περιέμενον διά να με αφανίσωσιν· αλλ' εγώ θέλω προσέχει εις τα μαρτύριά σου.
96 मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है। मीम
Εις πάσαν τελειότητα είδον όριον· αλλ' ο νόμος σου είναι πλατύς σφόδρα.
97 आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
Μεμ. Πόσον αγαπώ τον νόμον σου· όλην την ημέραν είναι μελέτη μου.
98 तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
Διά των προσταγμάτων σου με έκαμες σοφώτερον των εχθρών μου, διότι είναι πάντοτε μετ' εμού.
99 मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
Είμαι συνετώτερος πάντων των διδασκόντων με· διότι τα μαρτύριά σου είναι μελέτη μου.
100 मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
Είμαι συνετώτερος των γερόντων· διότι εφύλαξα τας εντολάς σου.
101 मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
Από πάσης οδού πονηράς εκώλυσα τους πόδας μου, διά να φυλάξω τον λόγον σου.
102 मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
Από των κρίσεών σου δεν εξέκλινα· διότι συ με εδίδαξας.
103 तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
Πόσον γλυκείς είναι οι λόγοι σου εις τον ουρανίσκον μου· είναι υπέρ μέλι εις το στόμα μου.
104 तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है। नून
Εκ των εντολών σου έγεινα συνετός· διά τούτο εμίσησα πάσαν οδόν ψεύδους.
105 तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
Νούν. Λύχνος εις τους πόδας μου είναι ο λόγος σου και φως εις τας τρίβους μου.
106 मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
Ώμοσα και θέλω εμμένει να φυλάττω τας κρίσεις της δικαιοσύνης σου.
107 मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Εταλαιπωρήθην σφόδρα· Κύριε, ζωοποίησόν με κατά τον λόγον σου.
108 ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
Πρόσδεξαι, δέομαι, τας προαιρετικάς προσφοράς του στόματός μου, Κύριε· και δίδαξόν με τας κρίσεις σου.
109 मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
Η ψυχή μου είναι πάντοτε εν κινδύνω· τον νόμον σου όμως δεν ελησμόνησα.
110 शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
Οι ασεβείς έστησαν εις εμέ παγίδα· αλλ' εγώ από των εντολών σου δεν εξέκλινα.
111 मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
Τα μαρτύριά σου εκληρονόμησα εις τον αιώνα· διότι ταύτα είναι η αγαλλίασις της καρδίας μου.
112 मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है। सामेख
Έκλινα την καρδίαν μου εις το να κάμνω τα διατάγματά σου πάντοτε μέχρι τέλους.
113 मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
Σάμεχ. Εμίσησα τους διεστραμμένους στοχασμούς· τον δε νόμον σου ηγάπησα.
114 तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Συ είσαι η σκέπη μου και η ασπίς μου· επί τον λόγον σου ελπίζω.
115 ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
Απομακρύνθητε απ' εμού οι πονηρευόμενοι· διότι θέλω φυλάττει τα προστάγματα του Θεού μου.
116 तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
Υποστήριζέ με κατά τον λόγον σου και θέλω ζή· και μη με καταισχύνης εις την ελπίδα μου.
117 मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
Υποστήριζέ με και θέλω σωθή· και θέλω προσέχει διαπαντός εις τα διατάγματά σου.
118 तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
Συ κατεπάτησας πάντας τους εκκλίνοντας από των διαταγμάτων σου· διότι ματαία είναι η δολιότης αυτών.
119 तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
Αποσκυβαλίζεις πάντας τους πονηρούς της γής· διά τούτο ηγάπησα τα μαρτύριά σου.
120 मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ। ऐन
Έφριξεν η σαρξ μου από του φόβου σου, και από των κρίσεών σου εφοβήθην.
121 मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
Νγάϊν. Έκαμα κρίσιν και δικαιοσύνην· μη με παραδώσης εις τους αδικούντάς με.
122 भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
Γενού εγγυητής του δούλου σου εις καλόν· ας μη με καταθλίψωσιν οι υπερήφανοι.
123 तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
Οι οφθαλμοί μου απέκαμον διά την σωτηρίαν σου και διά τον λόγον της δικαιοσύνης σου.
124 अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
Κάμε μετά του δούλου σου κατά το έλεός σου και δίδαξόν με τα διατάγματά σου.
125 मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
Δούλος σου είμαι εγώ· συνέτισόν με, και θέλω γνωρίσει τα μαρτύριά σου.
126 अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
Καιρός είναι διά να ενεργήση ο Κύριος· ηκύρωσαν τον νόμον σου.
127 इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
Διά τούτο ηγάπησα τα προστάγματά σου υπέρ χρυσίον, και υπέρ χρυσίον καθαρόν.
128 इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है। पे
Διά τούτο εγνώρισα ορθάς πάσας τας εντολάς σου περί παντός πράγματος· και εμίσησα πάσαν οδόν ψεύδους.
129 तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
Πε. Θαυμαστά είναι τα μαρτύριά σου· διά τούτο εφύλαξεν αυτά η ψυχή μου.
130 तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
Η φανέρωσις των λόγων σου φωτίζει· συνετίζει τους απλούς.
131 मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
Ήνοιξε το στόμα μου και ανεστέναξα· διότι επεθύμησα τα προστάγματά σου.
132 मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
Επίβλεψον επ' εμέ και ελέησόν με, καθώς συνειθίζεις προς τους αγαπώντας το όνομά σου.
133 अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
Στερέωσον τα βήματά μου εις τον λόγον σου· και ας μη με κατακυριεύση μηδεμία ανομία.
134 इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
Λύτρωσόν με από καταδυναστείας ανθρώπων, και θέλω φυλάττει τας εντολάς σου.
135 अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
Επίφανον το πρόσωπόν σου επί τον δούλον σου, και δίδαξόν με τα διατάγματά σου.
136 मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते। सांदे
Ρύακας υδάτων κατεβίβασαν οι οφθαλμοί μου, επειδή δεν φυλάττουσι τον νόμον σου.
137 ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
Τσάδε. Δίκαιος είσαι, Κύριε, και ευθείαι αι κρίσεις σου.
138 तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
Τα μαρτύριά σου, τα οποία διέταξας, είναι δικαιοσύνη και υπερτάτη αλήθεια.
139 मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
Ο ζήλος μου με κατέφαγε, διότι ελησμόνησαν τους λόγους σου οι εχθροί μου.
140 तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
Ο λόγος σου είναι κεκαθαρισμένος σφόδρα· διά τούτο ο δούλός σου αγαπά αυτόν.
141 मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
Μικρός είμαι και εξουδενωμένος· δεν ελησμόνησα όμως τας εντολάς σου.
142 तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
Η δικαιοσύνη σου είναι δικαιοσύνη εις τον αιώνα, και ο νόμος σου αλήθεια.
143 मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
Θλίψεις και στενοχωρίαι με εύρηκαν· τα προστάγματά σου όμως είναι η χαρά μου.
144 तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा। क़ाफ
Τα μαρτύριά σου είναι δικαιοσύνη εις τον αιώνα· Συνέτισόν με και θέλω ζήσει.
145 मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
Κοφ. Έκραξα εν όλη καρδία· άκουσόν μου, Κύριε, και θέλω φυλάξει τα διατάγματά σου.
146 मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
Έκραξα προς σέ· σώσον με, και θέλω φυλάξει τα μαρτύριά σου.
147 मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
Προέλαβον την αυγήν και έκραξα· ήλπισα επί τον λόγον σου.
148 मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
Οι οφθαλμοί μου προλαμβάνουσι τας νυκτοφυλακάς, διά να μελετώ εις τον λόγον σου.
149 अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Άκουσον της φωνής μου κατά το έλεός σου· ζωοποίησόν με, Κύριε, κατά την κρίσιν σου.
150 जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
Επλησίασαν οι ακολουθούντες την πονηρίαν· εξέκλιναν από του νόμου σου.
151 ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
Συ, Κύριε, είσαι πλησίον, και πάντα τα προστάγματά σου είναι αλήθεια.
152 तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है। रेश
Προ πολλού εγνώρισα εκ των μαρτυρίων σου, ότι εις τον αιώνα εθεμελίωσας αυτά.
153 मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
Ρες. Ιδέ την θλίψιν μου και ελευθέρωσόν με· διότι δεν ελησμόνησα τον νόμον σου.
154 मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Δίκασον την δίκην μου και λύτρωσόν με· ζωοποίησόν με κατά τον λόγον σου.
155 नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
Μακράν από ασεβών η σωτηρία· διότι δεν εκζητούσι τα διατάγματά σου.
156 ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
Μεγάλοι οι οικτιρμοί σου, Κύριε· ζωοποίησόν με κατά τας κρίσεις σου.
157 मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
Πολλοί είναι οι καταδιώκοντές με και οι θλίβοντές με· αλλ' από των μαρτυρίων σου δεν εξέκλινα.
158 मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
Είδον τους παραβάτας και εταράχθην· διότι δεν εφύλαξαν τον λόγον σου.
159 ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
Ιδέ πόσον αγαπώ τας εντολάς σου· Κύριε, ζωοποίησόν με κατά το έλεός σου.
160 तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं। शीन
Το κεφάλαιον του λόγου σου είναι η αλήθεια· και εις τον αιώνα μένουσι πάσαι αι κρίσεις της δικαιοσύνης σου.
161 उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
Σχίν. Άρχοντες με κατεδίωξαν αναιτίως· αλλ' η καρδία μου τρέμει από του λόγου σου.
162 मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
Αγάλλομαι εις τον λόγον σου, ως ο ευρίσκων λάφυρα πολλά.
163 मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
Μισώ και βδελύττομαι το ψεύδος· τον νόμον σου αγαπώ.
164 मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
Επτάκις της ημέρας σε αινώ, διά τας κρίσεις της δικαιοσύνης σου.
165 तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
Ειρήνην πολλήν έχουσιν οι αγαπώντες τον νόμον σου· και εις αυτούς δεν υπάρχει πρόσκομμα.
166 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
Ήλπισα επί την σωτηρίαν σου, Κύριε· και έπραξα τα προστάγματά σου.
167 मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
Εφύλαξεν η ψυχή μου τα μαρτύριά σου· και ηγάπησα αυτά σφόδρα.
168 मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं। ताव
Εφύλαξα τας εντολάς σου και τα μαρτύριά σου· διότι πάσαι αι οδοί μου είναι ενώπιόν σου.
169 ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
Ταυ. Ας πλησιάση η κραυγή μου ενώπιόν σου, Κύριε· συνέτισόν με κατά τον λόγον σου.
170 मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
Ας έλθη η δέησίς μου ενώπιόν σου· λύτρωσόν με κατά τον λόγον σου.
171 मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
Τα χείλη μου θέλουσι προφέρει ύμνον, όταν με διδάξης τα διατάγματά σου.
172 मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
Η γλώσσα μου θέλει λαλεί τον λόγον σου· διότι πάντα τα προστάγματά σου είναι δικαιοσύνη.
173 तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
Ας ήναι η χειρ σου εις βοήθειάν μου· διότι εξέλεξα τας εντολάς σου.
174 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
Επεθύμησα την σωτηρίαν σου, Κύριε· και ο νόμος σου είναι τρυφή μου.
175 मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
Ας ζήση η ψυχή μου και θέλει σε αινεί· και αι κρίσεις σου ας με βοηθώσι.
176 मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।
Περιεπλανήθην ως πρόβατον απολωλός· ζήτησον τον δούλον σου· διότι δεν ελησμόνησα τα προστάγματά σου.