< ज़बूर 119 >

1 आलेफ मुबारक हैं वह जो कामिल रफ़्तार है, जो ख़ुदा की शरी'अत पर 'अमल करते हैं!
行为完全、遵行耶和华律法的, 这人便为有福!
2 मुबारक हैं वह जो उसकी शहादतों को मानते हैं, और पूरे दिल से उसके तालिब हैं!
遵守他的法度、一心寻求他的, 这人便为有福!
3 उन से नारास्ती नहीं होती, वह उसकी राहों पर चलते हैं।
这人不做非义的事, 但遵行他的道。
4 तूने अपने क़वानीन दिए हैं, ताकि हम दिल लगा कर उनकी मानें।
耶和华啊,你曾将你的训词吩咐我们, 为要我们殷勤遵守。
5 काश कि तेरे क़ानून मानने के लिए, मेरी चाल चलन दुरुस्त हो जाएँ!
但愿我行事坚定, 得以遵守你的律例。
6 जब मैं तेरे सब अहकाम का लिहाज़ रख्खूँगा, तो शर्मिन्दा न हूँगा।
我看重你的一切命令, 就不至于羞愧。
7 जब मैं तेरी सदाक़त के अहकाम सीख लूँगा, तो सच्चे दिल से तेरा शुक्र अदा करूँगा।
我学了你公义的判语, 就要以正直的心称谢你。
8 मैं तेरे क़ानून मानूँगा; मुझे बिल्कुल छोड़ न दे! बेथ
我必守你的律例; 求你总不要丢弃我!
9 जवान अपने चाल चलन किस तरह पाक रख्खे? तेरे कलाम के मुताबिक़ उस पर निगाह रखने से।
少年人用什么洁净他的行为呢? 是要遵行你的话!
10 मैं पूरे दिल से तेरा तालिब हुआ हूँ: मुझे अपने फ़रमान से भटकने न दे।
我一心寻求了你; 求你不要叫我偏离你的命令。
11 मैंने तेरे कलाम को अपने दिल में रख लिया है ताकि मैं तेरे ख़िलाफ़ गुनाह न करूँ।
我将你的话藏在心里, 免得我得罪你。
12 ऐ ख़ुदावन्द! तू मुबारक है; मुझे अपने क़ानून सिखा!
耶和华啊,你是应当称颂的! 求你将你的律例教训我!
13 मैंने अपने लबों से, तेरे फ़रमूदा अहकाम को बयान किया।
我用嘴唇传扬你口中的一切典章。
14 मुझे तेरी शहादतों की राह से ऐसी ख़ुशी हुई, जैसी हर तरह की दौलत से होती है।
我喜悦你的法度, 如同喜悦一切的财物。
15 मैं तेरे क़वानीन पर ग़ौर करूँगा, और तेरी राहों का लिहाज़ रख्खूँगा।
我要默想你的训词, 看重你的道路。
16 मैं तेरे क़ानून में मसरूर रहूँगा; मैं तेरे कलाम को न भूलूँगा। गिमेल
我要在你的律例中自乐; 我不忘记你的话。
17 अपने बन्दे पर एहसान कर ताकि मैं जिन्दा रहूँ और तेरे कलाम को मानता रहूँ।
求你用厚恩待你的仆人,使我存活, 我就遵守你的话。
18 मेरी आँखे खोल दे, ताकि मैं तेरी शरीअत के 'अजायब देखूँ।
求你开我的眼睛, 使我看出你律法中的奇妙。
19 मैं ज़मीन पर मुसाफ़िर हूँ, अपने फ़रमान मुझ से छिपे न रख।
我是在地上作寄居的; 求你不要向我隐瞒你的命令!
20 मेरा दिल तेरे अहकाम के इश्तियाक में, हर वक़्त तड़पता रहता है।
我时常切慕你的典章, 甚至心碎。
21 तूने उन मला'ऊन मग़रूरों को झिड़क दिया, जो तेरे फ़रमान से भटकते रहते हैं।
受咒诅、偏离你命令的骄傲人, 你已经责备他们。
22 मलामत और हिक़ारत को मुझ से दूर कर दे, क्यूँकि मैंने तेरी शहादतें मानी हैं।
求你除掉我所受的羞辱和藐视, 因我遵守你的法度。
23 उमरा भी बैठकर मेरे ख़िलाफ़ बातें करते रहे, लेकिन तेरा बंदा तेरे क़ानून पर ध्यान लगाए रहा।
虽有首领坐着妄论我, 你仆人却思想你的律例。
24 तेरी शहादतें मुझे पसन्द, और मेरी मुशीर हैं। दाल्थ
你的法度是我所喜乐的, 是我的谋士。
25 मेरी जान ख़ाक में मिल गई: तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
我的性命几乎归于尘土; 求你照你的话将我救活!
26 मैंने अपने चाल चलन का इज़हार किया और तूने मुझे जवाब दिया; मुझे अपने क़ानून की ता'लीम दे।
我述说我所行的,你应允了我; 求你将你的律例教训我!
27 अपने क़वानीन की राह मुझे समझा दे, और मैं तेरे 'अजायब पर ध्यान करूँगा।
求你使我明白你的训词, 我就思想你的奇事。
28 ग़म के मारे मेरी जान घुली जाती है; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ताक़त दे।
我的心因愁苦而消化; 求你照你的话使我坚立!
29 झूट की राह से मुझे दूर रख, और मुझे अपनी शरी'अत इनायत फ़रमा।
求你使我离开奸诈的道, 开恩将你的律法赐给我!
30 मैंने वफ़ादारी की राह इख़्तियार की है, मैंने तेरे अहकाम अपने सामने रख्खे हैं।
我拣选了忠信的道, 将你的典章摆在我面前。
31 मैं तेरी शहादतों से लिपटा हुआ हूँ, ऐ ख़ुदावन्द! मुझे शर्मिन्दा न होने दे!
我持守你的法度; 耶和华啊,求你不要叫我羞愧!
32 जब तू मेरा हौसला बढ़ाएगा, तो मैं तेरे फ़रमान की राह में दौड़ूँगा। हे
你开广我心的时候, 我就往你命令的道上直奔。
33 ऐ ख़ुदावन्द, मुझे अपने क़ानून की राह बता, और मैं आख़िर तक उस पर चलूँगा।
耶和华啊,求你将你的律例指教我, 我必遵守到底!
34 मुझे समझ 'अता कर और मैं तेरी शरी'अत पर चलूँगा, बल्कि मैं पूरे दिल से उसको मानूँगा।
求你赐我悟性,我便遵守你的律法, 且要一心遵守。
35 मुझे अपने फ़रमान की राह पर चला, क्यूँकि इसी में मेरी ख़ुशी है।
求你叫我遵行你的命令, 因为这是我所喜乐的。
36 मेरे दिल की अपनी शहादतों की तरफ़ रुजू' दिला; न कि लालच की तरफ़।
求你使我的心趋向你的法度, 不趋向非义之财。
37 मेरी आँखों को बेकारी पर नज़र करने से बाज़ रख, और मुझे अपनी राहों में ज़िन्दा कर।
求你叫我转眼不看虚假, 又叫我在你的道中生活。
38 अपने बन्दे के लिए अपना वह क़ौल पूरा कर, जिस से तेरा खौफ़ पैदा होता है।
你向敬畏你的人所应许的话, 求你向仆人坚定!
39 मेरी मलामत को जिस से मैं डरता हूँ दूर कर दे; क्यूँकि तेरे अहकाम भले हैं।
求你使我所怕的羞辱远离我, 因你的典章本为美。
40 देख, मैं तेरे क़वानीन का मुश्ताक़ रहा हूँ; मुझे अपनी सदाक़त से ज़िन्दा कर। वाव
我羡慕你的训词; 求你使我在你的公义上生活!
41 ऐ ख़ुदावन्द, तेरे क़ौल के मुताबिक़, तेरी शफ़क़त और तेरी नजात मुझे नसीब हों,
耶和华啊,愿你照你的话,使你的慈爱, 就是你的救恩,临到我身上,
42 तब मैं अपने मलामत करने वाले को जवाब दे सकूँगा, क्यूँकि मैं तेरे कलाम पर भरोसा रखता हूँ।
我就有话回答那羞辱我的, 因我倚靠你的话。
43 और हक़ बात को मेरे मुँह से हरगिज़ जुदा न होने दे, क्यूँकि मेरा भरोसा तेरे अहकाम पर है।
求你叫真理的话总不离开我口, 因我仰望你的典章。
44 फिर मैं हमेशा से हमेशा तक, तेरी शरी'अत को मानता रहूँगा
我要常守你的律法, 直到永永远远。
45 और मैं आज़ादी से चलूँगा, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
我要自由而行, 因我素来考究你的训词。
46 मैं बादशाहों के सामने तेरी शहादतों का बयान करूँगा, और शर्मिन्दा न हूँगा।
我也要在君王面前论说你的法度, 并不至于羞愧。
47 तेरे फ़रमान मुझे अज़ीज़ हैं, मैं उनमें मसरूर रहूँगा।
我要在你的命令中自乐; 这命令素来是我所爱的。
48 मैं अपने हाथ तेरे फ़रमान की तरफ़ जो मुझे 'अज़ीज़ है उठाऊँगा, और तेरे क़ानून पर ध्यान करूँगा। ज़ैन
我又要遵行你的命令, 这命令素来是我所爱的; 我也要思想你的律例。
49 जो कलाम तूने अपने बन्दे से किया उसे याद कर, क्यूँकि तूने मुझे उम्मीद दिलाई है।
求你记念向你仆人所应许的话, 叫我有盼望。
50 मेरी मुसीबत में यही मेरी तसल्ली है, कि तेरे कलाम ने मुझे ज़िन्दा किया
这话将我救活了; 我在患难中,因此得安慰。
51 मग़रूरों ने मुझे बहुत ठठ्ठों में उड़ाया, तोभी मैंने तेरी शरी'अत से किनारा नहीं किया
骄傲的人甚侮慢我, 我却未曾偏离你的律法。
52 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरे क़दीम अहकाम को याद करता, और इत्मीनान पाता रहा हूँ।
耶和华啊,我记念你从古以来的典章, 就得了安慰。
53 उन शरीरों की वजह से जो तेरी शरी'अत को छोड़ देते हैं, मैं सख़्त ग़ुस्से में आ गया हूँ।
我见恶人离弃你的律法, 就怒气发作,犹如火烧。
54 मेरे मुसाफ़िर ख़ाने में, तेरे क़ानून मेरी हम्द रहे हैं।
我在世寄居, 素来以你的律例为诗歌。
55 ऐ ख़ुदावन्द, रात को मैंने तेरा नाम याद किया है, और तेरी शरी'अत पर 'अमल किया है।
耶和华啊,我夜间记念你的名, 遵守你的律法。
56 यह मेरे लिए इसलिए हुआ, कि मैंने तेरे क़वानीन को माना। हेथ
我所以如此, 是因我守你的训词。
57 ख़ुदावन्द मेरा बख़रा है; मैंने कहा है मैं तेरी बातें मानूँगा।
耶和华是我的福分; 我曾说,我要遵守你的言语。
58 मैं पूरे दिल से तेरे करम का तलब गार हुआ; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझ पर रहम कर!
我一心求过你的恩; 愿你照你的话怜悯我!
59 मैंने अपनी राहों पर ग़ौर किया, और तेरी शहादतों की तरफ़ अपने कदम मोड़े।
我思想我所行的道, 就转步归向你的法度。
60 मैंने तेरे फ़रमान मानने में, जल्दी की और देर न लगाई।
我急忙遵守你的命令, 并不迟延。
61 शरीरों की रस्सियों ने मुझे जकड़ लिया, लेकिन मैं तेरी शरी'अत को न भूला।
恶人的绳索缠绕我, 我却没有忘记你的律法。
62 तेरी सदाकत के अहकाम के लिए, मैं आधी रात को तेरा शुक्र करने को उठूँगा।
我因你公义的典章, 半夜必起来称谢你。
63 मैं उन सबका साथी हूँ जो तुझ से डरते हैं, और उनका जो तेरे क़वानीन को मानते हैं।
凡敬畏你、守你训词的人, 我都与他作伴。
64 ऐ ख़ुदावन्द, ज़मीन तेरी शफ़क़त से मा'मूर है; मुझे अपने क़ानून सिखा! टेथ
耶和华啊,你的慈爱遍满大地; 求你将你的律例教训我!
65 ऐ ख़ुदावन्द! तूने अपने कलाम के मुताबिक़, अपने बन्दे के साथ भलाई की है।
耶和华啊,你向来是照你的话善待仆人。
66 मुझे सही फ़र्क़ और 'अक़्ल सिखा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान पर ईमान लाया हूँ।
求你将精明和知识赐给我, 因我信了你的命令。
67 मैं मुसीबत उठाने से पहले गुमराह था; लेकिन अब तेरे कलाम को मानता हूँ।
我未受苦以先走迷了路, 现在却遵守你的话。
68 तू भला है और भलाई करता है; मुझे अपने क़ानून सिखा।
你本为善,所行的也善; 求你将你的律例教训我!
69 मग़रूरों ने मुझ पर बहुतान बाँधा है; मैं पूरे दिल से तेरे क़वानीन को मानूँगा।
骄傲人编造谎言攻击我, 我却要一心守你的训词。
70 उनके दिल चिकनाई से फ़र्बा हो गए, लेकिन मैं तेरी शरी'अत में मसरूर हूँ।
他们心蒙脂油, 我却喜爱你的律法。
71 अच्छा हुआ कि मैंने मुसीबत उठाई, ताकि तेरे क़ानून सीख लूँ।
我受苦是与我有益, 为要使我学习你的律例。
72 तेरे मुँह की शरी'अत मेरे लिए, सोने चाँदी के हज़ारों सिक्कों से बेहतर है। योध
你口中的训言与我有益, 胜于千万的金银。
73 तेरे हाथों ने मुझे बनाया और तरतीब दी; मुझे समझ 'अता कर ताकि तेरे फ़रमान सीख लें।
你的手制造我,建立我; 求你赐我悟性,可以学习你的命令!
74 तुझ से डरने वाले मुझे देख कर इसलिए कि मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
敬畏你的人见我就要欢喜, 因我仰望你的话。
75 ऐ ख़ुदावन्द, मैं तेरे अहकाम की सदाक़त को जानता हूँ, और यह कि वफ़ादारी ही से तूने मुझे दुख; में डाला।
耶和华啊,我知道你的判语是公义的; 你使我受苦是以诚实待我。
76 उस कलाम के मुताबिक़ जो तूनेअपने बन्दे से किया, तेरी शफ़क़त मेरी तसल्ली का ज़रिया' हो।
求你照着应许仆人的话, 以慈爱安慰我。
77 तेरी रहमत मुझे नसीब हो ताकि मैं ज़िन्दा रहूँ। क्यूँकि तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
愿你的慈悲临到我,使我存活, 因你的律法是我所喜爱的。
78 मग़रूर शर्मिन्दा हों, क्यूँकि उन्होंने नाहक़ मुझे गिराया, लेकिन मैं तेरे क़वानीन पर ध्यान करूँगा।
愿骄傲人蒙羞,因为他们无理地倾覆我; 但我要思想你的训词。
79 तुझ से डरने वाले मेरी तरफ़ रुजू हों, तो वह तेरी शहादतों को जान लेंगे।
愿敬畏你的人归向我, 他们就知道你的法度。
80 मेरा दिल तेरे क़ानून मानने में कामिल रहे, ताकि मैं शर्मिन्दगी न उठाऊँ। क़ाफ
愿我的心在你的律例上完全, 使我不致蒙羞。
81 मेरी जान तेरी नजात के लिए बेताब है, लेकिन मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
我心渴想你的救恩, 仰望你的应许。
82 तेरे कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई, मैं यही कहता रहा कि तू मुझे कब तसल्ली देगा?
我因盼望你的应许眼睛失明,说: 你何时安慰我?
83 मैं उस मश्कीज़े की तरह हो गया जो धुएँ में हो, तोभी मैं तेरे क़ानून को नहीं भूलता।
我好像烟薰的皮袋, 却不忘记你的律例。
84 तेरे बन्दे के दिन ही कितने हैं? तू मेरे सताने वालों पर कब फ़तवा देगा?
你仆人的年日有多少呢? 你几时向逼迫我的人施行审判呢?
85 मग़रूरों ने जो तेरी शरी'अत के पैरौ नहीं, मेरे लिए गढ़े खोदे हैं।
不从你律法的骄傲人为我掘了坑。
86 तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं: वह नाहक़ मुझे सताते हैं; तू मेरी मदद कर!
你的命令尽都诚实; 他们无理地逼迫我,求你帮助我!
87 उन्होंने मुझे ज़मीन पर से फ़नाकर ही डाला था, लेकिन मैंने तेरे कवानीन को न छोड़ा।
他们几乎把我从世上灭绝, 但我没有离弃你的训词。
88 तू मुझे अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ ज़िन्दा कर, तो मैं तेरे मुँह की शहादत को मानूँगा। लामेध
求你照你的慈爱将我救活, 我就遵守你口中的法度。
89 ऐ ख़ुदावन्द! तेरा कलाम, आसमान पर हमेशा तक क़ाईम है।
耶和华啊,你的话安定在天, 直到永远。
90 तेरी वफ़ादारी नसल दर नसल है; तूने ज़मीन को क़याम बख़्शा और वह क़ाईम है।
你的诚实存到万代; 你坚定了地,地就长存。
91 वह आज तेरे अहकाम के मुताबिक़ क़ाईम हैं क्यूँकि सब चीजें तेरी ख़िदमत गुज़ार हैं।
天地照你的安排存到今日; 万物都是你的仆役。
92 अगर तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी न होती, तो मैं अपनी मुसीबत में हलाक हो जाता।
我若不是喜爱你的律法, 早就在苦难中灭绝了!
93 मैं तेरे क़वानीन को कभी न भूलूँगा, क्यूँकि तूने उन्ही के वसीले से मुझे ज़िन्दा किया है।
我永不忘记你的训词, 因你用这训词将我救活了。
94 मैं तेरा ही हूँ मुझे बचा ले, क्यूँकि मैं तेरे क़वानीन का तालिब रहा हूँ।
我是属你的,求你救我, 因我寻求了你的训词。
95 शरीर मुझे हलाक करने को घात में लगे रहे, लेकिन मैं तेरी शहादतों पर ग़ौर करूँगा।
恶人等待我,要灭绝我, 我却要揣摩你的法度。
96 मैंने देखा कि हर कमाल की इन्तिहा है, लेकिन तेरा हुक्म बहुत वसी'अ है। मीम
我看万事尽都有限, 惟有你的命令极其宽广。
97 आह! मैं तेरी शरी'अत से कैसी मुहब्बत रखता हूँ, मुझे दिन भर उसी का ध्यान रहता है।
我何等爱慕你的律法, 终日不住地思想。
98 तेरे फ़रमान मुझे मेरे दुश्मनों से ज़्यादा 'अक़्लमंद बनाते हैं, क्यूँकि वह हमेशा मेरे साथ हैं।
你的命令常存在我心里, 使我比仇敌有智慧。
99 मैं अपने सब उस्तादों से 'अक़्लमंद हैं, क्यूँकि तेरी शहादतों पर मेरा ध्यान रहता है।
我比我的师傅更通达, 因我思想你的法度。
100 मैं उम्र रसीदा लोगों से ज़्यादा समझ रखता हूँ क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन को माना है।
我比年老的更明白, 因我守了你的训词。
101 मैंने हर बुरी राह से अपने क़दम रोक रख्खें हैं, ताकि तेरी शरी'अत पर 'अमल करूँ।
我禁止我脚走一切的邪路, 为要遵守你的话。
102 मैंने तेरे अहकाम से किनारा नहीं किया, क्यूँकि तूने मुझे ता'लीम दी है।
我没有偏离你的典章, 因为你教训了我。
103 तेरी बातें मेरे लिए कैसी शीरीन हैं, वह मेरे मुँह को शहद से भी मीठी मा'लूम होती हैं!
你的言语在我上膛何等甘美, 在我口中比蜜更甜!
104 तेरे क़वानीन से मुझे समझ हासिल होता है, इसलिए मुझे हर झूटी राह से नफ़रत है। नून
我借着你的训词得以明白, 所以我恨一切的假道。
105 तेरा कलाम मेरे क़दमों के लिए चराग़, और मेरी राह के लिए रोशनी है।
你的话是我脚前的灯, 是我路上的光。
106 मैंने क़सम खाई है और उस पर क़ाईम हूँ, कि तेरी सदाक़त के अहकाम पर'अमल करूँगा।
你公义的典章,我曾起誓遵守, 我必按誓而行。
107 मैं बड़ी मुसीबत में हूँ। ऐ ख़ुदावन्द! अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
我甚是受苦; 耶和华啊,求你照你的话将我救活!
108 ऐ ख़ुदावन्द, मेरे मुँह से रज़ा की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल फ़रमा और मुझे अपने अहकाम की ता'लीम दे।
耶和华啊,求你悦纳我口中的赞美为供物, 又将你的典章教训我!
109 मेरी जान हमेशा हथेली पर है, तोभी मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
我的性命常在危险之中, 我却不忘记你的律法。
110 शरीरों ने मेरे लिए फंदा लगाया है, तोभी मैं तेरे क़वानीन से नहीं भटका।
恶人为我设下网罗, 我却没有偏离你的训词。
111 मैंने तेरी शहादतों को अपनी हमेशा की मीरास बनाया है, क्यूँकि उनसे मेरे दिल को ख़ुशी होती है।
我以你的法度为永远的产业, 因这是我心中所喜爱的。
112 मैंने हमेशा के लिए आख़िर तक, तेरे क़ानून मानने पर दिल लगाया है। सामेख
我的心专向你的律例, 永远遵行,一直到底。
113 मुझे दो दिलों से नफ़रत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखता हूँ।
心怀二意的人为我所恨; 但你的律法为我所爱。
114 तू मेरे छिपने की जगह और मेरी ढाल है; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
你是我藏身之处,又是我的盾牌; 我甚仰望你的话语。
115 ऐ बदकिरदारो! मुझ से दूर हो जाओ, ताकि मैं अपने ख़ुदा के फ़रमान पर'अमल करूँ!
作恶的人哪,你们离开我吧! 我好遵守我 神的命令。
116 तू अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे संभाल ताकि ज़िन्दा रहूँ, और मुझे अपने भरोसा से शर्मिन्दगी न उठाने दे।
求你照你的话扶持我,使我存活, 也不叫我因失望而害羞。
117 मुझे संभाल और मैं सलामत रहूँगा, और हमेशा तेरे क़ानून का लिहाज़ रखूँगा।
求你扶持我,我便得救, 时常看重你的律例。
118 तूने उन सबको हक़ीर जाना है, जो तेरे क़ानून से भटक जाते हैं; क्यूँकि उनकी दग़ाबाज़ी 'बेकार है।
凡偏离你律例的人,你都轻弃他们, 因为他们的诡诈必归虚空。
119 तू ज़मीन के सब शरीरों को मैल की तरह छाँट देता है; इसलिए में तेरी शहादतों को 'अज़ीज़ रखता हूँ।
凡地上的恶人,你除掉他,好像除掉渣滓; 因此我爱你的法度。
120 मेरा जिस्म तेरे ख़ौफ़ से काँपता है, और मैं तेरे अहकाम से डरता हूँ। ऐन
我因惧怕你,肉就发抖; 我也怕你的判语。
121 मैंने 'अद्ल और इन्साफ़ किया है; मुझे उनके हवाले न कर जो मुझ पर ज़ुल्म करते हैं।
我行过公平和公义, 求你不要撇下我给欺压我的人!
122 भलाई के लिए अपने बन्दे का ज़ामिन हो, मग़रूर मुझ पर ज़ुल्म न करें।
求你为仆人作保,使我得好处, 不容骄傲人欺压我!
123 तेरी नजात और तेरी सदाक़त के कलाम के इन्तिज़ार में मेरी आँखें रह गई।
我因盼望你的救恩 和你公义的话眼睛失明。
124 अपने बन्दे से अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ सुलूक कर, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
求你照你的慈爱待仆人, 将你的律例教训我。
125 मैं तेरा बन्दा हूँ! मुझ को समझ 'अता कर, ताकि तेरी शहादतों को समझ लूँ।
我是你的仆人,求你赐我悟性, 使我得知你的法度。
126 अब वक़्त आ गया, कि ख़ुदावन्द काम करे, क्यूँकि उन्होंने तेरी शरी'अत को बेकार कर दिया है।
这是耶和华降罚的时候, 因人废了你的律法。
127 इसलिए मैं तेरे फ़रमान को सोने से बल्कि कुन्दन से भी ज़्यादा अज़ीज़ रखता हूँ।
所以,我爱你的命令胜于金子, 更胜于精金。
128 इसलिए मैं तेरे सब कवानीन को बरहक़ जानता हूँ, और हर झूटी राह से मुझे नफ़रत है। पे
你一切的训词,在万事上我都以为正直; 我却恨恶一切假道。
129 तेरी शहादतें 'अजीब हैं, इसलिए मेरा दिल उनको मानता है।
你的法度奇妙, 所以我一心谨守。
130 तेरी बातों की तशरीह नूर बख़्शती है, वह सादा दिलों को 'अक़्लमन्द बनाती है।
你的言语一解开就发出亮光, 使愚人通达。
131 मैं खू़ब मुँह खोलकर हाँपता रहा, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान का मुश्ताक़ था।
我张口而气喘, 因我切慕你的命令。
132 मेरी तरफ़ तवज्जुह कर और मुझ पर रहम फ़रमा, जैसा तेरे नाम से मुहब्बत रखने वालों का हक़ है।
求你转向我,怜悯我, 好像你素常待那些爱你名的人。
133 अपने कलाम में मेरी रहनुमाई कर, कोई बदकारी मुझ पर तसल्लुत न पाए।
求你用你的话使我脚步稳当, 不许什么罪孽辖制我。
134 इंसान के ज़ुल्म से मुझे छुड़ा ले, तो तेरे क़वानीन पर 'अमल करूँगा।
求你救我脱离人的欺压, 我要遵守你的训词。
135 अपना चेहरा अपने बन्दे पर जलवागर फ़रमा, और मुझे अपने क़ानून सिखा।
求你用脸光照仆人, 又将你的律例教训我。
136 मेरी आँखों से पानी के चश्मे जारी हैं, इसलिए कि लोग तेरी शरी'अत को नहीं मानते। सांदे
我的眼泪下流成河, 因为他们不守你的律法。
137 ऐ ख़ुदावन्द तू सादिक़ है, और तेरे अहकाम बरहक़ हैं।
耶和华啊,你是公义的; 你的判语也是正直的!
138 तूने सदाक़त और कमाल वफ़ादारी से, अपनी शहादतों को ज़ाहिर फ़रमाया है।
你所命定的法度是凭公义和至诚。
139 मेरी गै़रत मुझे खा गई, क्यूँकि मेरे मुख़ालिफ़ तेरी बातें भूल गए।
我心焦急,如同火烧, 因我敌人忘记你的言语。
140 तेरा कलाम बिल्कुल ख़ालिस है, इसलिए तेरे बन्दे को उससे मुहब्बत है।
你的话极其精炼, 所以你的仆人喜爱。
141 मैं अदना और हक़ीर हूँ, तौ भी मैं तेरे क़वानीन को नहीं भूलता।
我微小,被人藐视, 却不忘记你的训词。
142 तेरी सदाक़त हमेशा की सदाक़त है, और तेरी शरी'अत बरहक़ है।
你的公义永远长存; 你的律法尽都真实。
143 मैं तकलीफ़ और ऐज़ाब में मुब्तिला, हूँ तोभी तेरे फ़रमान मेरी ख़ुशनूदी हैं।
我遭遇患难愁苦, 你的命令却是我所喜爱的。
144 तेरी शहादतें हमेशा रास्त हैं; मुझे समझ 'अता कर तो मैं ज़िन्दा रहूँगा। क़ाफ
你的法度永远是公义的; 求你赐我悟性,我就活了。
145 मैं पूरे दिल से दुआ करता हूँ, ऐ ख़ुदावन्द, मुझे जवाब दे। मैं तेरे क़ानून पर 'अमल करूँगा।
耶和华啊,我一心呼吁你; 求你应允我,我必谨守你的律例!
146 मैंने तुझ से दुआ की है, मुझे बचा ले, और मैं तेरी शहादतों को मानूँगा।
我向你呼吁,求你救我! 我要遵守你的法度。
147 मैंने पौ फटने से पहले फ़रियाद की; मुझे तेरे कलाम पर भरोसा है।
我趁天未亮呼求; 我仰望了你的言语。
148 मेरी आँखें रात के हर पहर से पहले खुल गई, ताकि तेरे कलाम पर ध्यान करूँ।
我趁夜更未换将眼睁开, 为要思想你的话语。
149 अपनी शफ़क़त के मुताबिक़ मेरी फ़रियाद सुन: ऐ ख़ुदावन्द! अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
求你照你的慈爱听我的声音; 耶和华啊,求你照你的典章将我救活!
150 जो शरारत के दर पै रहते हैं, वह नज़दीक आ गए; वह तेरी शरी'अत से दूर हैं।
追求奸恶的人临近了; 他们远离你的律法。
151 ऐ ख़ुदावन्द, तू नज़दीक है, और तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
耶和华啊,你与我相近; 你一切的命令尽都真实!
152 तेरी शहादतों से मुझे क़दीम से मा'लूम हुआ, कि तूने उनको हमेशा के लिए क़ाईम किया है। रेश
我因学你的法度, 久已知道是你永远立定的。
153 मेरी मुसीबत का ख़याल करऔर मुझे छुड़ा, क्यूँकि मैं तेरी शरी'अत को नहीं भूलता।
求你看顾我的苦难,搭救我, 因我不忘记你的律法。
154 मेरी वकालत कर और मेरा फ़िदिया दे: अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
求你为我辨屈,救赎我, 照你的话将我救活。
155 नजात शरीरों से दूर है, क्यूँकि वह तेरे क़ानून के तालिब नहीं हैं।
救恩远离恶人, 因为他们不寻求你的律例。
156 ऐ ख़ुदावन्द! तेरी रहमत बड़ी है; अपने अहकाम के मुताबिक़ मुझे ज़िन्दा कर।
耶和华啊,你的慈悲本为大; 求你照你的典章将我救活。
157 मेरे सताने वाले और मुखालिफ़ बहुत हैं, तोभी मैंने तेरी शहादतों से किनारा न किया।
逼迫我的,抵挡我的,很多, 我却没有偏离你的法度。
158 मैं दग़ाबाज़ों को देख कर मलूल हुआ, क्यूँकि वह तेरे कलाम को नहीं मानते।
我看见奸恶的人就甚憎恶, 因为他们不遵守你的话。
159 ख़याल फ़रमा कि मुझे तेरे क़वानीन से कैसी मुहब्बत है! ऐ ख़ुदावन्द! अपनी शफ़क़त के मुताबिक मुझे ज़िन्दा कर।
你看我怎样爱你的训词! 耶和华啊,求你照你的慈爱将我救活!
160 तेरे कलाम का ख़ुलासा सच्चाई है, तेरी सदाक़त के कुल अहकाम हमेशा के हैं। शीन
你话的总纲是真实; 你一切公义的典章是永远长存。
161 उमरा ने मुझे बे वजह सताया है, लेकिन मेरे दिल में तेरी बातों का ख़ौफ़ है।
首领无故地逼迫我, 但我的心畏惧你的言语。
162 मैं बड़ी लूट पाने वाले की तरह, तेरे कलाम से ख़ुश हूँ।
我喜爱你的话, 好像人得了许多掳物。
163 मुझे झूट से नफ़रत और कराहियत है, लेकिन तेरी शरी'अत से मुहब्बत है।
谎话是我所恨恶所憎嫌的; 惟你的律法是我所爱的。
164 मैं तेरी सदाक़त के अहकाम की वजह से, दिन में सात बार तेरी सिताइश करता हूँ।
我因你公义的典章一天七次赞美你。
165 तेरी शरी'अत से मुहब्बत रखने वाले मुत्मइन हैं; उनके लिए ठोकर खाने का कोई मौक़ा' नहीं।
爱你律法的人有大平安, 什么都不能使他们绊脚。
166 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का उम्मीदवार रहा हूँ और तेरे फ़रमान बजा लाया हूँ।
耶和华啊,我仰望了你的救恩, 遵行了你的命令。
167 मेरी जान ने तेरी शहादतें मानी हैं, और वह मुझे बहुत 'अज़ीज़ हैं।
我心里守了你的法度; 这法度我甚喜爱。
168 मैंने तेरे क़वानीन और शहादतों को माना है, क्यूँकि मेरे सब चाल चलन तेरे सामने हैं। ताव
我遵守了你的训词和法度, 因我一切所行的都在你面前。
169 ऐ ख़ुदावन्द! मेरी फ़रियाद तेरे सामने पहुँचे; अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे समझ 'अता कर।
耶和华啊,愿我的呼吁达到你面前, 照你的话赐我悟性。
170 मेरी इल्तिजा तेरे सामने पहुँचे, अपने कलाम के मुताबिक़ मुझे छुड़ा।
愿我的恳求达到你面前, 照你的话搭救我。
171 मेरे लबों से तेरी सिताइश हो। क्यूँकि तू मुझे अपने क़ानून सिखाता है।
愿我的嘴发出赞美的话, 因为你将律例教训我。
172 मेरी ज़बान तेरे कलाम का हम्द गाए, क्यूँकि तेरे सब फ़रमान बरहक़ हैं।
愿我的舌头歌唱你的话, 因你一切的命令尽都公义。
173 तेरा हाथ मेरी मदद को तैयार है क्यूँकि मैंने तेरे क़वानीन इख़्तियार, किए हैं।
愿你用手帮助我, 因我拣选了你的训词。
174 ऐ ख़ुदावन्द! मैं तेरी नजात का मुश्ताक़ रहा हूँ, और तेरी शरी'अत मेरी ख़ुशनूदी है।
耶和华啊,我切慕你的救恩! 你的律法也是我所喜爱的。
175 मेरी जान ज़िन्दा रहे तो वह तेरी सिताइश करेगी, और तेरे अहकाम मेरी मदद करें।
愿我的性命存活,得以赞美你! 愿你的典章帮助我!
176 मैं खोई हुई भेड़ की तरह भटक गया हूँ अपने बन्दे की तलाश कर, क्यूँकि मैं तेरे फ़रमान को नहीं भूलता।
我如亡羊走迷了路,求你寻找仆人, 因我不忘记你的命令。

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