< ज़बूर 111 >

1 ख़ुदावन्द की हम्द करो! मैं रास्तबाज़ों की मजलिस में और जमा'अत में, अपने सारे दिल से ख़ुदावन्द का शुक्र करूँगा।
Praise ye the LORD! I will praise the LORD with my whole heart, In the assembly of the righteous, and in the congregation.
2 ख़ुदावन्द के काम 'अज़ीम हैं, जो उनमें मसरूर हैं उनकी तलाश। में रहते हैं।
The works of the LORD are great, Sought out by all who have pleasure in them.
3 उसके काम जलाली और पुर हश्मत हैं, और उसकी सदाकत हमेशा तक क़ाईम है।
His deeds are honorable and glorious, And his righteousness endureth for ever.
4 उसने अपने 'अजायब की यादगार क़ाईम की है; ख़ुदावन्द रहीम — ओ — करीम है।
He hath established a memorial of his wonders; The LORD is gracious and full of compassion.
5 वह उनको जो उससे डरते हैं खू़राक देता है; वह अपने 'अहद को हमेशा याद रख्खेगा।
He giveth meat to them that fear him; He is ever mindful of his covenant.
6 उसने कौमों की मीरास अपने लोगों को देकर, अपने कामों का ज़ोर उनकी दिखाया।
He showed his people the greatness of his works, When he gave them the inheritance of the heathen.
7 उसके हाथों के काम बरहक़ और इन्साफ भरे हैं; उसके तमाम क़वानीन रास्त है,
The deeds of his hands are truth and justice; All his commandments are sure;
8 वह हमेशा से हमेशा तक क़ाईम रहेंगे, वह सच्चाई और रास्ती से बनाए गए हैं।
They stand firm for ever and ever, Being founded in truth and justice.
9 उसने अपने लोगों के लिए फ़िदिया दिया; उसने अपना 'अहद हमेशा के लिए ठहराया है। उसका नाम पाक और बड़ा है।
He sent redemption to his people; He established his covenant for ever; Holy, and to be had in reverence, is his name.
10 ख़ुदावन्द का ख़ौफ़ समझ का शुरू' है; उसके मुताबिक 'अमल करने वाले अक़्लमंद हैं। उसकी सिताइश हमेशा तक क़ाईम है।
The fear of the LORD is the beginning of wisdom; A good understanding have all they who keep his commandments; His praise endureth for ever.

< ज़बूर 111 >