< ज़बूर 107 >
1 ख़ुदा का शुक्र करो, क्यूँकि वह भला है; और उसकी शफ़क़त हमेशा की है!
Halleluja! Lov Herren, thi han er god, thi hans Miskundhed varer evindelig!
2 ख़ुदावन्द के छुड़ाए हुए यही कहें, जिनको फ़िदिया देकर मुख़ालिफ़ के हाथ से छुड़ा लिया,
Så skal HERRENs genløste sige, de, han løste af Fjendens Hånd
3 और उनको मुल्क — मुल्क से जमा' किया; पूरब से और पच्छिम से, उत्तर से और दक्खिन से।
og samlede ind fra Landene, fra Øst og Vest, fra Nord og fra Havet.
4 वह वीरान में सेहरा के रास्ते पर भटकते फिरे; उनको बसने के लिए कोई शहर न मिला।
I den øde Ørk for de vild, fandt ikke Vej til beboet By,
5 वह भूके और प्यासे थे, और उनका दिल बैठा जाता था।
de led både Sult og Tørst, deres Sjæl var ved at vansmægte;
6 तब अपनी मुसीबत में उन्होंने ख़ुदावन्द से फ़रियाद की, और उसने उनको उनके दुखों से रिहाई बख़्शी।
men de råbte til HERREN i Nøden, han frelste dem at deres Trængsler
7 वह उनको सीधी राह से ले गया, ताकि बसने के लिए किसी शहर में जा पहुँचें।
og førte dem ad rette Vej, så de kom til beboet By.
8 काश के लोग ख़ुदावन्द की शफ़क़त की ख़ातिर, और बनी आदम के लिए उसके 'अजायब की ख़ातिर उसकी सिताइश करते।
Lad dem takke HERREN for hans Miskundhed, for hans Underværker mod Menneskens Børn.
9 क्यूँकि वह तरसती जान को सेर करता है, और भूकी जान को ने 'मतों से मालामाल करता है।
Thi han mættede den vansmægtende Sjæl og fyldte den sultne med godt.
10 जो अंधेरे और मौत के साये में बैठे, मुसीबत और लोहे से जकड़े हुएथे;
De sad i Mulm og Mørke, bundne i pine og Jern,
11 चूँके उन्होंने ख़ुदा के कलाम से सरकशी की और हक़ ता'ला की मश्वरत को हक़ीर जाना।
fordi de havde stået Guds Ord imod og ringeagtet den Højestes Råd.
12 इसलिए उसने उनका दिल मशक़्क़त से'आजिज़ कर दिया; वह गिर पड़े और कोई मददगार न था।
Deres Hjerte var knuget af Kummer, de faldt, der var ingen, som hjalp;
13 तब अपनी मुसीबत में उन्होंने ख़ुदावन्द से फ़रियाद की, और उसने उनको उनके दुखों से रिहाई बख़्शी।
men de råbte til HERREN i Nøden, han frelste dem af deres Trængsler,
14 वह उनको अंधेरे और मौत के साये से निकाल लाया, और उनके बंधन तोड़ डाले।
førte dem ud af Mørket og Mulmet og sønderrev deres Bånd.
15 काश के लोग ख़ुदावन्द की शफ़क़त की खातिर, और बनी आदम के लिए उसके 'अजायब की ख़ातिर उसकी सिताइश करते!
Lad dem takke HERREN for hans Miskundhed, for hans Underværker mod Menneskens Børn.
16 क्यूँकि उसने पीतल के फाटक तोड़ दिए, और लोहे के बेण्डों को काट डाला।
Thi han sprængte Døre af Kobber og sønderslog Slåer af Jern.
17 बेवक़ूफ़ अपनी ख़ताओं की वजह से, और अपनी बदकारी के ज़रिए' मुसीबत में पड़ते हैं।
De sygnede hen for Synd og led for Brødes Skyld,
18 उनके जी को हर तरह के खाने से नफ़रत हो जाती है, और वह मौत के फाटकों के नज़दीक पहुँच जाते हैं।
de væmmedes ved al Slags Mad, de kom Dødens Porte nær
19 तब वह अपनी मुसीबत में ख़ुदावन्द से फ़रियाद करते है और वह उनको उनके दुखों से रिहाई बख़्शता है।
men de råbte til Herren i Nøden, han frelste dem af deres Trængsler,
20 वह अपना कलाम नाज़िल फ़रमा कर उनको शिफ़ा देता है, और उनको उनकी हलाकत से रिहाई बख्शता है।
sendte sit Ord og lægede dem og frelste deres Liv fra Graven.
21 काश के लोग ख़ुदावन्द की शफ़क़त की खातिर, और बनी आदम के लिए उसके 'अजायब की ख़ातिर उसकी सिताइश करते!
Lad dem takke HERREN for hans Miskundhed, for hans Underværker mod Menneskens Børn
22 वह शुक्रगुज़ारी की क़ुर्बानियाँ पेश करें, और गाते हुए उसके कामों को बयान करें।
og ofre Lovprisningsofre og med Jubel forkynnde hans Gerninger.
23 जो लोग जहाज़ों में बहर पर जाते हैं, और समन्दर पर कारोबार में लगे रहते हैं;
De for ud på Havet i Skibe, drev Handel på vældige Vande,
24 वह समन्दर में ख़ुदावन्द के कामों को, और उसके 'अजायब को देखते हैं।
blev Vidne til HERRENs Gerninger, hans Underværker i Dybet;
25 क्यूँकि वह हुक्म देकर तुफ़ानी हवा चलाता जो उसमें लहरें उठाती है।
han bød, og et Stormvejr rejste sig, Bølgerne tårnedes op;
26 वह आसमान तक चढ़ते और गहराओ में उतरते हैं; परेशानी से उनका दिल पानी पानी हो जाता है;
mod Himlen steg de, i Dybet sank de, i Ulykken svandt deres Mod;
27 वह झूमते और मतवाले की तरह लड़खड़ाते, और बदहवास हो जाते हैं।
de tumled og raved som drukne, borte var al deres Visdom;
28 तब वह अपनी मुसीबत में ख़ुदावन्द से फ़रियाद करते है और वह उनको उनके दुखों से रिहाई बख़्शता है।
men de råbte til HERREN i Nøden, han frelste dem af deres Trængsler,
29 वह आँधी को थमा देता है, और लहरें ख़त्म हो जाती हैं।
skiftede Stormen til Stille, så Havets Bølger tav;
30 तब वह उसके थम जाने से ख़ुश होते हैं, यूँ वह उनको बन्दरगाह — ए — मक़सूद तक पहुँचा देता है।
og glade blev de, fordi det stilned; han førte dem til Havnen, de søgte.
31 काश के लोग ख़ुदावन्द की शफ़क़त की खातिर, और बनी आदम के लिए उसके 'अजायब की ख़ातिर उसकी सिताइश करते!
Lad dem takke HERREN for hans Miskundhed, for hans Underværker mod Menneskens Børn,
32 वह लोगों के मजमे' में उसकी बड़ाई करें, और बुज़ुगों की मजलिस में उसकी हम्द।
ophøje ham i Folkets Forsamling og prise ham i de Ældstes Kreds!
33 वह दरियाओं को वीरान बना देता है, और पानी के चश्मों को ख़ुश्क ज़मीन।
Floder gør han til Ørken og Kilder til øde Land,
34 वह ज़रखेज़ ज़मीन की सैहरा — ए — शोर कर देता है, इसलिए कि उसके बाशिंदे शरीर हैं।
til Saltsteppe frugtbart Land for Ondskabens Skyld hos dem, som - bor der.
35 वह वीरान की झील बना देता है, और ख़ुश्क ज़मीन को पानी के चश्मे।
Ørken gør han til Vanddrag, det tørre Land til Kilder;
36 वहाँ वह भूकों को बसाता है, ताकि बसने के लिए शहर तैयार करें;
der lader han sultne bo, så de grunder en By at bo i,
37 और खेत बोएँ, और ताकिस्तान लगाएँ, और पैदावार हासिल करें।
tilsår Marker og planter Vin og høster Afgrødens Frugt.
38 वह उनको बरकत देता है, और वह बहुत बढ़ते हैं, और वह उनके चौपायों को कम नहीं होने देता।
Han velsigner dem, de bliver mange, han lader det ikke skorte på Kvæg.
39 फिर ज़ुल्म — ओ — तकलीफ़ और ग़म के मारे, वह घट जाते और पस्त हो जाते हैं,
De bliver få og segner under Modgangs og Kummers Tryk,
40 वह उमरा पर ज़िल्लत उंडेल देता है, और उनको बेराह वीराने में भटकाता है।
han udøser Hån over Fyrster og lader dem rave i vejløst Øde.
41 तोभी वह मोहताज को मुसीबत से निकालकर सरफ़राज़ करता है, और उसके ख़ान्दान को रेवड़ की तरह बढ़ाता है।
Men han løfter den fattige op af hans Nød og gør deres Slægter som Hjorde;
42 रास्तबाज़ यह देखकर ख़ुश होंगे; और सब बदकारों का मुँह बन्द हो जाएगा।
de oprigtige ser det og glædes, men al Ondskab lukker sin Mund.
43 'अक्लमंद इन बातों पर तवज्जुह करेगा, और वह ख़ुदावन्द की शफ़क़त पर ग़ौर करेंगे।
Hvo som er viis, han mærke sig det og lægge sig HERRENs Nåde på Sinde!