< ज़बूर 106 >
1 ख़ुदावन्द की हम्द करो, ख़ुदावन्द का शुक्र करो, क्यूँकि वह भला है; और उसकी शफ़क़त हमेशा की है!
Alleluia. Confess to the Lord, for he is good, for his mercy is with every generation.
2 कौन ख़ुदावन्द की कु़दरत के कामों काबयान कर सकता है, या उसकी पूरी सिताइश सुना सकता है?
Who will declare the powers of the Lord? Who make a hearing for all his praises?
3 मुबारक हैं वह जो 'अद्ल करते हैं, और वह जो हर वक़्त सदाक़त के काम करता है।
Blessed are those who keep judgment and who do justice at all times.
4 ऐ ख़ुदावन्द, उस करम से जो तू अपने लोगों पर करता है मुझे याद कर, अपनी नजात मुझे इनायत फ़रमा,
Remember us, O Lord, with good will for your people. Visit us with your salvation,
5 ताकि मैं तेरे बरगुज़ीदों की इक़बालमंदी देखें और तेरी क़ौम की ख़ुशी में ख़ुश रहूँ। और तेरी मीरास के लोगों के साथ फ़ख़्र करूँ।
so that we may see the goodness of your elect, so that we may rejoice in the joy of your nation, so that you may be praised along with your inheritance.
6 हम ने और हमारे बाप दादा ने गुनाह किया; हम ने बदकारी की, हम ने शरारत के काम किए!
We have sinned, as have our fathers. We have acted unjustly; we have wrought iniquity.
7 हमारे बाप — दादा मिस्र में तेरे 'अजायब न समझे; उन्होंने तेरी शफ़क़त की कसरत को याद न किया; बल्कि समन्दर पर या'नी बहर — ए — कु़लजु़म पर बाग़ी हुए।
Our fathers did not understand your miracles in Egypt. They did not remember the multitude of your mercies. And they provoked you, while going up to the sea, even the Red Sea.
8 तोभी उसने उनको अपने नाम की ख़ातिर बचाया, ताकि अपनी कु़दरत ज़ाहिर करे
And he saved them for the sake of his name, so that he might make known his power.
9 उसने बहर — ए — कु़लजु़म को डाँटा और वह सूख गया। वह उनकी गहराव में से ऐसे निकाल ले गया जैसे वीरान में से,
And he rebuked the Red Sea, and it dried up. And he led them into the abyss, as if into a desert.
10 और उसने उनको 'अदावत रखने वाले के हाथ से बचाया, और दुश्मन के हाथ से छुड़ाया।
And he saved them from the hand of those who hated them. And he redeemed them from the hand of the enemy.
11 समन्दर ने उनके मुख़ालिफ़ों को छिपा लियाः उनमें से एक भी न बचा।
And the water covered those who troubled them. Not one of them remained.
12 तब उन्होंने उसके क़ौल का यक़ीन किया; और उसकी मदहसराई करने लगे।
And they believed his words, and they sang his praises.
13 फिर वह जल्द उसके कामों को भूल गए, और उसकी मश्वरत का इन्तिज़ार न किया।
As soon as they had finished, they forgot his works, and they would not endure his counsel.
14 बल्कि वीरान में बड़ी हिर्स की, और सेहरा में ख़ुदा को आज़माया।
And they coveted their desire in the desert, and they tempted God in a waterless place.
15 फिर उसने उनकी मुराद तो पूरी कर दी, लेकिन उनकी जान को सुखा दिया।
And he granted to them their request, and he sent abundance into their souls.
16 उन्होंने ख़ेमागाह में मूसा पर, और ख़ुदावन्द के पाक मर्द हारून पर हसद किया।
And they provoked Moses in the camp, and Aaron, the holy one of the Lord.
17 फिर ज़मीन फटी और दातन को निगल गई, और अबीराम की जमा'अत को खा गई,
The earth opened and swallowed Dathan, and it covered the congregation of Abiram.
18 और उनके जत्थे में आग भड़क उठी, और शो'लों ने शरीरों को भसम कर दिया।
And a fire broke out in their congregation. A flame burned up the sinners.
19 उन्होंने होरिब में एक बछड़ा बनाया, और ढाली हुई मूरत को सिज्दा किया।
And they fashioned a calf at Horeb, and they adored a graven image.
20 यूँ उन्होंने ख़ुदा के जलाल को, घास खाने वाले बैल की शक्ल से बदल दिया।
And they exchanged their glory for the likeness of a calf that eats hay.
21 वह अपने मुनज्जी ख़ुदा को भूल गए, जिसने मिस्र में बड़े बड़े काम किए,
They forgot God, who saved them, who did great things in Egypt:
22 और हाम की सरज़मीन में 'अजायब, और बहर — ए — कु़लजु़म पर दहशत अंगेज़ काम किए।
miracles in the land of Ham, terrible things at the Red Sea.
23 इसलिए उसने फ़रमाया, मैं उनको हलाक कर डालता, अगर मेरा बरगुज़ीदा मूसा मेरे सामने बीच में न आता कि मेरे क़हर को टाल दे, ऐसा न हो कि मैं उनको हलाक करूँ।
And he said that he would destroy them, yet Moses, his elect, stood firm before him in the breach, in order to avert his wrath, lest he destroy them.
24 और उन्होंने उस सुहाने मुल्क को हक़ीर जाना, और उसके क़ौल का यक़ीन न किया।
And they held the desirable land to be nothing. They did not trust in his word.
25 बल्कि वह अपने डेरों में बड़बड़ाए, और ख़ुदावन्द की बात न मानी।
And they murmured in their tabernacles. They did not heed the voice of the Lord.
26 तब उसने उनके ख़िलाफ़ क़सम खाई कि मैं उनको वीरान में पस्त करूँगा,
And he lifted up his hand over them, in order to prostrate them in the desert,
27 और उनकी नसल की क़ौमों के बीच और उनको मुल्क मुल्क में तितर बितर करूँगा।
and in order to cast their offspring among the nations, and to scatter them among the regions.
28 वह बा'ल फ़गू़र को पूजने लगे, और बुतों की कु़र्बानियाँ खाने लगे।
And they were initiated into Baal of Peor, and they ate the sacrifices of the dead.
29 यूँ उन्होंने अपने आ'माल से उसको ना ख़ुश किया, और वबा उनमें फूट निकली।
And they provoked him with their inventions, and ruination was multiplied in them.
30 तब फ़ीन्हास उठा और बीच में आया, और वबा रुक गई।
Then Phinehas stood up and placated him: and so the violent disturbance ceased.
31 और यह काम उसके हक़ में नसल दर नसल, हमेशा के लिए रास्तबाज़ी गिना गया।
And it was reputed to him unto justice, from generation to generation, even forever.
32 उन्होंने उसकी मरीबा के चश्मे पर भी नाख़ुश किया, और उनकी ख़ातिर मूसा को नुक़सान पहुँचा;
And they provoked him at the Waters of Contradiction, and Moses was afflicted because of them,
33 इसलिए कि उन्होंने उसकी रूह से सरकशी की, और मूसा बे सोचे बोल उठा।
for they exasperated his spirit. And so he divided them with his lips.
34 उन्होंने उन क़ौमों को हलाक न किया, जैसा ख़ुदावन्द ने उनको हुक्म दिया था,
They did not destroy the nations, about which the Lord had spoken to them.
35 बल्कि उन कौमों के साथ मिल गए, और उनके से काम सीख गए;
And they were mixed among the Gentiles. And they learned their works,
36 और उनके बुतों की परस्तिश करने लगे, जो उनके लिए फंदा बन गए।
and they served their graven images, and it became a scandal to them.
37 बल्कि उन्होंने अपने बेटे बेटियों को, शयातीन के लिए कु़र्बान किया:
And they sacrificed their sons and their daughters to demons.
38 और मासूमों का या'नी अपने बेटे बेटियों का खू़न बहाया, जिनको उन्होंने कनान के बुतों के लिए कु़र्बान कर दियाः और मुल्क खू़न से नापाक हो गया।
And they shed innocent blood: the blood of their sons and of their daughters, which they sacrificed to the graven images of Canaan. And the land was infected with bloodshed,
39 यूँ वह अपने ही कामों से आलूदा हो गए, और अपने फ़े'लों से बेवफ़ा बने।
and was contaminated with their works. And they fornicated according to their own inventions.
40 इसलिए ख़ुदावन्द का क़हर अपने लोगों पर भड़का, और उसे अपनी मीरास से नफ़रत हो गई;
And the Lord became furiously angry with his people, and he abhorred his inheritance.
41 और उसने उनकी क़ौमों के क़ब्ज़े में कर दिया, और उनसे 'अदावत रखने वाले उन पर हुक्मरान हो गए।
And he delivered them into the hands of the nations. And those who hated them became rulers over them.
42 उनके दुशमनों ने उन पर ज़ुल्म किया, और वह उनके महकूम हो गए।
And their enemies afflicted them, and they were humbled under their hands.
43 उसने तो बारहा उनको छुड़ाया, लेकिन उनका मश्वरा बग़ावत वाला ही रहा और वह अपनी बदकारी के वजह से पस्त हो गए।
Many times, he delivered them. Yet they provoked him with their counsel, and they were brought low by their iniquities.
44 तोभी जब उसने उनकी फ़रियाद सुनी, तो उनके दुख पर नज़र की।
And he saw that they were in tribulation, and he heard their prayer.
45 और उसने उनके हक़ में अपने 'अहद को याद किया, और अपनी शफ़क़त की कसरत के मुताबिक़ तरस खाया।
And he was mindful of his covenant, and he repented according to the multitude of his mercies.
46 उसने उनकी ग़ुलाम करने वालों के दिलमें उनके लिए रहम डाला।
And he provided for them with mercies, in the sight of all those who had seized them.
47 ऐ ख़ुदावन्द, हमारे ख़ुदा! हम को बचा ले, और हम को क़ौमों में से इकट्ठा कर ले, ताकि हम तेरे पाक नाम का शुक्र करें, और ललकारते हुए तेरी सिताइश करें।
Save us, O Lord our God, and gather us from the nations, so that we may confess your holy name and glory in your praise.
48 ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा, इब्तिदा से हमेशा तक मुबारक हो! ख़ुदावन्द की हम्द करो।
Blessed is the Lord God of Israel, from ages past, even to all ages. And let all the people say: Amen. Amen.